Nojoto: Largest Storytelling Platform

New हृदय रोग के कारण Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about हृदय रोग के कारण from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हृदय रोग के कारण.

Stories related to हृदय रोग के कारण

Ghumnam Gautam

मक़ाम पाया है रोशनी ने तुम्हारे चेहरे पे आके आख़िर
तुम्हारे कारण ही हो सका है हमारा परिचय भी रोशनी से

©Ghumnam Gautam #रोशनी 
#परिचय 
#ghumnamgautam 
#कारण

VEER NIRVEL

सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता... #Veer_ki_Shayari

read more
सबंध अगर हृदय से हो तो
मन कभी नहीं भरता...
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL सबंध अगर हृदय से हो तो
मन कभी नहीं भरता...
#Veer_Ki_Shayari

VEER NIRVEL

सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता...!! 🥀

read more
सबंध अगर हृदय से हो तो
मन कभी नहीं भरता...
#Veer_Ki_Shayari

©VEER NIRVEL सबंध अगर हृदय से हो तो
मन कभी नहीं भरता...!! 🥀

Sunil Kumar Maurya Bekhud

#हृदय

read more
हृदय
हर प्राणी को प्यारा है यह
पशु पक्षी इंसान
ज्ञानी पुरुष इसे कहतें हैं
ईश्वर का वरदान

जब तक काम करे यह सबकी
चलती रहती सांसें
इसपर यदि ख़तरा मंडराए
संकट में हैं प्रान

रहता सदा समेटे अंदर
खट्टी मीठी यादें
इसको घायल कर देतें हैं
कटु बचनों के बान

प्रेम से खुश होता है बेखुद
नफ़रत से दुःख पाता
जीवन का आधार धरा पर
हृदय है इसका नाम

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #हृदय

Praveen Jain "पल्लव"

#sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है

read more
पल्लव की डायरी
योजनाओं की धुंध से ओझल जनमानस
उनकी नीतियां जीवन कपकपाती है
सर्द और सुन्न हो गये मन मस्तिष्क
ओले राशन पानी पर गिराकर
महंगाई का कहर रसोई पर बरसाती है
मानक सफ़लता के सरकारों के पास है
गफलत में हम, दम तोड़े जाते है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #sadak मानक सफलता के सरकारों के पास है

Adv AK Valmiki

नाग अर्चना संस्कृति हमार। मैं हृदय से शीश नवाऊं।। दो मुंहा से दूरी भली। जाने कौन मुंह दंश मिले।।

read more

Jitendra Giri Hindu

शिवस्य हृदयं विष्णुः, विष्णोश्च हृदयं शिवः। यथा शिवमयो विष्णुः, एवम् विष्णुमयः शिवः॥ अर्थ: भगवान शिव के हृदय में भगवान विष्णु विराजमान हैं

read more

चाँदनी

#रोग

read more
White जाने कौन सा रोग मेरे कविताओं को लगा है
शब्दों का एक कतरा जिस्म पर गिरते ही
कविताएँ अपने एक अंग को खा जाती है

मै एक कोने मे बैठ कर खूब रोती हूँ
और मेरे कविता के बहते नासूर से 
फिर एक जिस्म तैयार होता है 

हर बार हृदय काग़ज के आर पार
बैठा राहगीरो से दूर अपने जख्म
की तूरपाई मे कागज के सिलवटों
को नोच देता है

दर्द नासूर का नही, जिस्म का
 नही काग़ज का होता

मौत तीनों को कैद करता है
रूह अकेला चित्कारता है

कविताएँ जहर या औषधि ही नही बनती
बाकी तीन खण्डों का मूलभूत अधिकार
जीवन - मरण तक स्थापित कर चुकी होती है

©चाँदनी #रोग

RUPESH Kr SINHA

भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के परनाति

read more

paimel preet kaur

इस रोग का कोई ईलाज नहीं है।#HeartTouching #Motivation poetry #TrueWords

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile