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SumitGaurav2005
Shivkumar
White हम चले जहां वो रास्ते वीरान नजर आते हैं मुझे देखने वाले सब हैरान नजर आते है ।। रास्ते भी मुझसे पूछते है कि तु अकेला सा क्यूं है और मेरे कदम भी मुझे यु बेजान सा नजर आते है ।। मेरे दिल के आंगन में उनके आने से कलियां खिली थी अब कहां ऐसे मेहमान मेरे नजर को आते हैं ।। कोई कह रहा था मुझे की, बे बात के हंसने वाले भी मुझे तो , अब वो खुद से ही परेशान नजर आते है ।। ©Shivkumar #Desolate #Road #Nojoto हम चले जहां वो #रास्ते #वीरान नजर आते हैं मुझे देखने वाले सब हैरान नजर आते है ।।
Sethi Ji
White दिल में राधा दिल में श्याम हैं तभी प्यार का इतना ऊंचा नाम हैं कौन कहाँ समझ पाया सच्ची मोहब्बत को जज़्बातों से प्यार करने वालों को अलग करना दुनिया का काम हैं जब आता हैं उनका पैगाम गर्मी की फ़िज़ाओं में फिर पूरे दिन मेरे दिल को मिलता आराम ही आराम हैं रिहा हो जाते पंछी दिल के पिंजरे से अपनी मर्ज़ी से फ़िर भी ज़माने में मोहब्बत आज भी बदनाम हैं ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 ©Sethi Ji 🩷💫 ख़ुदा का इंतजार 💫🩷 🩷💫 ख़ुदा का इज़हार 💫🩷 इंतज़ार ख़ुदा का करो हम बस इंसान हैं वोह हमेशा रहेंगे हम पल दो पल के मेहमान हैं ।। लिखते हैं हम अ
Arora PR
White मीन होती हैँ एक मेहमान की तरह जो पल भर के लिए नजर आती हैँ फिर ख़ो जाती हैँ और मेजबाब होता हैँ मेरी तरह जो सदा एक ही जगह पर बंना रहता हैँ ©Arora PR मेहमान और मेज़बान
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White यतिमों को सीने से लगाता कौन है, खुदा के सिवा इनको निभाता कौन है//१ गरीब की गैरत ही उसका वकार है, वरना गरीब को जीने देता कौन है//२ रिश्ते बिकाऊ हो गए संसार में,अब रिश्तों के लिए अश्क को बहाता कौन है//३ जालिम ही मुजरिम नहीं मजलूम भी गुनाहगार है फकत इन्हे जुल्म सहने को कहता कौन है//४ "शमा"ये आपकी जर्रा नवाजी आपने पूछा हमे, वरना हम मुंह मुफलिसो को लगाता कौन है//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #eidmubarak *यतिमों को सीने से लगाता कौन है,खुदा के सिवा इनको निभाता कौन है//१*अनाथ गरीब की गैरत ही उसका वकार है,वरना गरीब को जीने देता कौन
Shashi Bhushan Mishra
Beautiful Moon Night बिन मोहब्बत ज़िन्दगी वीरान है, चार दिन की चाँदनी मेहमान है, अँधेरे का दायरा बढ़ता हुआ क़द, देखकर यह आसमाँ हैरान है, बेबसी छाई निगाहों में उदासी, और राहें लग रही सुनसान है, हर कोई संघर्षरत है रहगुज़र में, ज़िन्दगी होती कहाँ आसान है, गलतियाँ दिखाई पड़ती दूसरे की, ख़ुद से ही हर आदमी अनजान है, फूल ख़ुशियों का खिलेंगे बाग में, रह-ए-उल्फ़त में खड़ा ईमान है, प्रेम और आनंद है हर श्वास में, बोल 'गुंजन' कहाँ तेरा ध्यान है, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #चाँदनी मेहमान है#
Rameshkumar Mehra Mehra
जिंदगी इतनी मेहरबान हुई...... कि चाहनें बाली ही,दिल की मेहमान और जान हो गई.....! रखा था.... कुछ पल सीने पर सजा कर ....!! बफादारी की तरह.... उम्रभर बो हमारी....!!! जान हो गई.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # जिंदगी इतनी मेहरबान हुई,कि चाहने बाली ही दिल की मेहमान और हमारी जान हो गई, रखा था कुछ पल सीने पर सजा कर बफादार की तरह उम्रभर,बो हमारी जान