Find the Latest Status about 'धर्म और राजनीति पर कविता' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'धर्म और राजनीति पर कविता'.
himesh
White DARKNESS 🌑 ©himesh #good_night कविता बारिश पर कविता
#good_night कविता बारिश पर कविता
read moreShiv Narayan Saxena
White कल तक जो अभिमान थे, धर्म और ईमान। व्यर्थ आज सब हो रहे, छल के हैं मेहमान।। धर्म और ईमान सब, गुज़रे कल की बात। अधरम का परिवार अब, करे महा उतपात।। ओढ़े खाल सनातनी, धर्म और ईमान। ठगते वोट तनातनी, हिन्दू है अनजान।। ©Shiv Narayan Saxena #Lake धर्म और ईमान hindi poetry
#Lake धर्म और ईमान hindi poetry
read moreWriter Mamta Ambedkar
जो लोग कहते हैं औरत का कोई घर नहीं होता सच तो ये है बिना औरत का कोई घर ही नहीं होता हैं औरत के क़दम है जो आँगन में आते ही, हर कोने को अपनी महक से सजाती है। हंसती है, रोती है, ख़ुशियाँ बाँटती, हर ग़म को अपनी मुस्कान में छुपाती है। माँ, बेटी, बहन, पत्नी बनकर, हर रिश्ता निभाती है औरत हर दिल में जगह बनाकर, घर को स्वर्ग बनाती है औरत उँगलियों से सींचती है खुशियों की उमंग छोटे-छोटे लम्हों में भरती हैं रंग बिरंगे पल परछाइयों में उसकी छवि रहती हैं वो तो हर साँस में बसती है, खिलती है। तो कहने वालों, सुन लो ये बात, औरत का अस्तित्व ही घर की सौगात। सच तो यही है, इससे ही महकता घर आंगन बिना औरत के सुना है बच्चों का आँचल। ©Writer Mamta Ambedkar #Tuaurmain प्यार पर कविता कविताएं हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेम कविता
#Tuaurmain प्यार पर कविता कविताएं हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेम कविता
read moreAlfaz-E-Dheeraj
White जरूर मुकरें होंगे लोग जुबान देकर, वरना आज कागजों की जरूरत ना पड़ती। ©Alfaz-E-Dheeraj #love_shayari कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता
#love_shayari कविता कोश कविता मराठी कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी दिवस पर कविता
read moreSatish Kumar Meena
राजनीति में नेता का यही वसूल पहले तो ये भीख मांगते फिर हमसे मंगवाते हैं,अभागी जनता को अंगुलियों तले नचाते है,बात न माने तो चमड़े का चाबुक चलाते हैं। पहले जनता सोती है फिर बाद में अक्सर रोती है। ©Satish Kumar Meena राजनीति
राजनीति
read moreWriter Mamta Ambedkar
मां की ममता और पिता की मेहनत ममता क्या होती है, ये एक माँ से पूछना, हर आंसू में उसकी, छुपी दुनिया का सपना। रातों को जागकर लोरी सुनाती है, खुद भूखी रहकर भी बच्चों को खिलाती है। हर दर्द सहकर भी मुस्कुराती है, ममता की मूरत है, सब कुछ दे जाती है। और मेहनत क्या होती है, ये एक पिता से पूछना, हर मुश्किल में वो, कैसे चट्टान सा रहता अपना। पसीने की बूंदों से संजोता हर सपना, अपने अरमानों को बच्चों के लिए करना। खुद की खुशियों को परे रख, दिन-रात जो संघर्ष करता, वो पिता ही है, जो हमें हर दर्द से बचाता। ममता है माँ की, जो हर जख्म को सहलाती, मेहनत है पिता की, जो हर ख्वाब को सच कर दिखाती। दोनों के बलिदानों का कर्ज़ हमसे नहीं चुकाया जाए, माँ-बाप की मूरत ही इस दुनिया में भगवान कहलाए ©Writer Mamta Ambedkar #maaPapa प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता
#maaPapa प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश बारिश पर कविता प्यार पर कविता कविता
read more