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Rakesh frnds4ever

"जिस #साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और #मानसिक #तृप्ति न मिले, हममें गति और #शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य #प्रेम न जाग #Books #समाज #सच्ची #संकल्प #कठिनाइयों

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"जिस साहित्य से 
हमारी सुरुचि न जागे, 
आध्यात्मिक और मानसिक 
तृप्ति न मिले, 
हममें गति और शक्ति न पैदा हो हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो,
 जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की
 सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, 
वह हमारे लिए बेकार है 
वह साहित्य कहलाने का 
अधिकारी नहीं है।"
......... मुंशी प्रेमचंद......... "जिस #साहित्य 
 से हमारी सुरुचि न जागे, #आध्यात्मिक और #मानसिक  #तृप्ति  न मिले, हममें गति और #शक्ति  न पैदा हो, हमारा सौंदर्य #प्रेम  न जाग

Ajayy Kumar Mahato

"जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हम #spiritual #writer #lekhak #sahitya #विचार #nirasha #munshi #प्रेमचंद #premachnd

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"जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले,
हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो,
जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे,
वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।" 
~ मुंशी प्रेमचंद ~
and
😘😘😘I loved it❤️❤️❤️ "जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हम

लफ्ज़-ए-राज...

कितना रूप राग रंग कुसुमित जीवन उमंग! अर्ध्य सभ्य भी जग में मिलती है प्रति पग में श्री गणपति का उत्सव, नारी नर का मधुरव! श्रद्धा विश्वास का #story #nojotophoto

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 कितना रूप राग रंग
कुसुमित जीवन उमंग!
अर्ध्य सभ्य भी जग में
मिलती है प्रति पग में

श्री गणपति का उत्सव,
नारी नर का मधुरव!
श्रद्धा विश्वास का

Dr Jayanti Pandey

आम स्त्रियां करती हैं अद्भुत कविताएं अत्यंत लयबद्ध, सुरुचिपूर्ण, उपमाएं कुछ तो हमने भी समझी हैं,अनुभव से कुछ बहते देखी हैं आंगन और दरीचों स #YourQuoteAndMine #jayakikalamse #आम_स्त्रियां

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आम स्त्रियां करती हैं अद्भुत कविताएं
अत्यंत लयबद्ध, सुरुचिपूर्ण, उपमाएं
कुछ तो हमने समझी हैं, अपने अनुभव से
आइए आपको भी इस बारे में अनुशीर्षक में बताएं... 
आम स्त्रियां करती हैं अद्भुत कविताएं
अत्यंत लयबद्ध, सुरुचिपूर्ण, उपमाएं
कुछ तो हमने भी समझी हैं,अनुभव से
कुछ बहते देखी हैं आंगन और दरीचों स

Vikas Sharma Shivaaya'

*AN AWESOME MESSAGE* *URGENTLY NEEDED...* Not BLOOD But, An *ELECTRICIAN* , to restore the joyful current between people, #समाज

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*AN AWESOME MESSAGE*

 *URGENTLY NEEDED...* 
Not BLOOD
But,
An *ELECTRICIAN* ,
to restore the joyful current
between people,
who do not speak
to each other anymore...

An *OPTICIAN* ,
to change the 
outlook of people...

An *ARTIST* ,
to draw a smile
on everyone's face...

A *CONSTRUCTION* WORKER,
to build a bridge
between neighbours...

A *GARDENER* ,
to cultivate good thoughts...

A *PLUMBER* ,
to clear the
choked and blocked mindsets...

A *SCIENTIST* 
to rediscover compassion...

A *LANGUAGE TEACHER* 
for better communication
with each other...

And Last but not least,
A *MATHS TEACHER* ,
for all of us to relearn how to count on each other...

*Spread love, positivity and  smiles always*

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 872 से 883 नाम  )

872 प्रियार्हः जो प्रिय ईष्ट वस्तु निवेदन करने योग्य है
873 अर्हः जो पूजा के साधनों से पूजनीय हैं
874 प्रियकृत् जो स्तुतिआदि के द्वारा भजने वालों का प्रिय करते हैं
875 प्रीतिवर्धनः जो भजने वालों की प्रीति भी बढ़ाते हैं
876 विहायसगतिः जिनकी गति अर्थात आश्रय आकाश है
877 ज्योतिः जो स्वयं ही प्रकाशित होते हैं
878 सुरुचिः जिनकी रुचि सुन्दर है
879 हुतभुक् जो यज्ञ की आहुतियों को भोगते हैं
880 विभुः जो सर्वत्र वर्तमान हैं और तीनों लोकों के प्रभु हैं
881 रविः जो रसों को ग्रहण करते हैं
882 विरोचनः जो विविध प्रकार से सुशोभित होते हैं
883 सूर्यः जो श्री(शोभा) को जन्म देते हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' *AN AWESOME MESSAGE*

 *URGENTLY NEEDED...* 
Not BLOOD
But,
An *ELECTRICIAN* ,
to restore the joyful current
between people,

Sahitya Vikas Manch

*दैनिक विषयानुसार काव्य सृजन* *दिनांक : 15/03/2021* *वार- सोमवार* *विषय क्रमांक - 44* *विषय - अलंकार* ( अनुप्रास अलंकार ) *परिभाषा -* #Light

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साहित्य विकास मंच के whatsapp group में आज का विषय -
रचना भेजने या जुड़ने के लिये - 9714292905 whatsapp number.

(साथ ही अनुप्रास अलंकार की जानकारी के लिये यह पोस्ट पढें )
धन्यवाद

©Sahitya Vikas Manch *दैनिक विषयानुसार काव्य सृजन*
 *दिनांक : 15/03/2021* 
 *वार- सोमवार*
 *विषय क्रमांक - 44*
 *विषय - अलंकार*
( अनुप्रास अलंकार )
 
*परिभाषा -*

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 9 - सेवा का प्रभाव 'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
9 - सेवा का प्रभाव

'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा।
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