Find the Latest Status about गति में प्रत्यय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गति में प्रत्यय.
Arora PR
White खबरों में हमेशा बने रहने के लिए मैंने जिंदगी मेंअच्छे काम भी किये हैं और कई बार बुरे कर्मो क़ो भी अंजाम दिया हैं अच्छे कामो के लिए मुझे सराहा गया और बुरे कामो के लिए मेरी निंदा की गई हैं.....पर मेरा नाम खबर बन कर अखबरों में हमेशा छपता रहा हैं ©Arora PR खबरों में
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
White इश्क में नहीं रिस्क में समय बर्बाद करें क्योंकि इश्क में बर्बादी है और रिस्क में कामयाबी..!! ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #City #इश्क में नहीं रिस्क में समय बर्बाद करें क्योंकि इश्क में बर्बादी है और रिस्क में कामयाबी..!!
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार ही जीव की गति होती है। अत: मनुष्य को हरदम भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण करते हुए, अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिये, जिससे अन्तकाल में भगवान् की स्मृति बनी रहे। ©N S Yadav GoldMine #GingerTea {Bolo Ji Radhey Radhey} अन्तकालीन चिन्तन के अनुसार ही जीव की गति होती है। अत: मनुष्य को हरदम भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण करते ह
ANIL KUMAR
अब न वो मैं हूँ, न वो तू है, न वो माज़ी है जैसे दो शख़्स तमन्ना के सराबों में मिलें ©ANIL KUMAR सराबों में
Arora PR
हसरते अगर पूरी हो गई तो ख्वाहिशे फिर किसकी होंगी कोशिश अगर खत्म होंजाए तो प्रतीक्षा फिर किसकी होगी मंजिल अगर मिल भी जाए तो तुम्हारे कर्मो की गति फिर क्या होंगी ©Arora PR कर्मो की गति
Internet Jockey
कुछ दौड़ में हैं, कुछ खोज़ में हैं जो इन दोनों में नहीं,वो मौज में हैं ©Internet Jockey #gururavidas कुछ दौड़ में हैं, कुछ खोज़ में हैं जो इन दोनों में नहीं,वो मौज में हैं
सत्यमेव जयते
तूफान में कश्तियाँ और घमंड में हस्तियाँ डूब जाती हैं..! ©Kumar Vinod #तूफान में
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये..... मन ये मंथन करता रहता , तेरा मेरा कहता रहता । सोचो इस पे पुनः आप भी , क्यों ऐसे ये बहता रहता ।। ध्यान धरो बस इतना भैय्या , नहीं किसी का आने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... गति पवन कि तब अति शीतल है , हो मापदंड पे जो निश्चित । जरा तेज गति में जो बहती , हो जाते सब ही फिर चिंतित ।। इच्छा बनें नहीं सुन इर्ष्या , इतना मन काबू में लाये । मन की गति को रोक न पाये ..... बिजली रानी करे उँजाला , दुबका बैठा है अँधियारा । मौका पाते पैर पसारे , हर प्राणी इससे है हारा ।। करो उजाला वो जीवन में , संसार नहीं जलने पाये । मन की गति को रोक न पाये.... मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। १९/०२/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत मन की गति को रोक न पाये , जो भी इस धरती पे आये । मन के बहकावें में भैय्या , सब कुछ अपना खो के आये ।। मन की गति को रोक न पाये.....
oye._.trader