Nojoto: Largest Storytelling Platform

New 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ' Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ'.

Stories related to 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ'

Dev Rishi

कविता जिन्दा रहता है

read more

Sumit Kumar

शादी का सही अर्थ..

read more

Dharmendra Gopatwar

गर वक्त हो..!✍️ हिंदी कविता

read more
White                                           📕_गर वक्त हो ! ..✍️।                    ✍️_ ध। वि। ग़ोपतवार।🔖

            _गर वक्त हो ..!  2x
     तो दो पल साथ चलकर तो देख ..
     मेरे दिल की गहराइयों में
     शतरंज का खेल तो देख | .  . 
    
           मेरी खामोशी के मंज़र में
       गुमनाम  हू मैं . ,
            तु मुझे दिल के किरदार से 
            ढूंढ़ कर तो देख। . .
                                                    गर वक्त हो . . !  २x।                                                  
                                 ज़बान ए खामोशी ,                       पढ़ कर तो देख । . .        
       
            गगन में उड़ती पंछियां 
      वनों की हरियाली 
       समंदर की खामोशी 
       जरा पढ़कर तो देख । . .
                    शहर की इस भीड़ से दूर
           कई किसी गांव की मिट्ठी की
         महक सूंघ कर तो देख । . .

               बहुत मिला लिए हो हाथ परायों से , . . 2x
            गर वक्त हो ! तुम अपनों से 
            गले लगकर तो देख । . 
नफ़रत भरे इस बाज़ार में 
         कुछ फूल प्यार के बेच कर तो देख । . .
     
            महलों की ठंडक से बाहर 
       कही किसी ग़रीब की कुटिया में 
       कुछ वक्त गुजारकर तो देख । . .
               गुमराहों की इस भीड़ में 
          किसी का हमदर्द , तू बनकर तो देख । . .

        गर वक्त हो  . .  !  आकलन कर लेना . . 2x
       तुम खुद को पाओगे 
       जंजीरों से जखड़कर 
                 उसे तोड़ चैन की सांस 
                तू लेकर तो देख . . ।
      
         पहचान अपनी हस्ती की. . ,
       तुम खुद जान जाओगे ।. .2x
        तु ख़ुदको ढूंढ़ कर तो देख . . 
        गर वक्त हो . . !
           दिल के द्वार किसी अजनबी के लिए खोल कर तो देख । 2x
ए दोस्त ! मुझसे गले मिल कर तो देख . .
गर वक्त हो . . !

©Dharmendra Gopatwar गर वक्त हो..!✍️ हिंदी कविता
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile