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Shyarana Andaaz (अज्ञात)
तेरे जाने के बाद महसूस हुआ है तू नहीं गया तेरे साथ एक पूरी दुनिया थी।। ©Shyarana Andaaz (अज्ञात) #दुनिया
नवनीत ठाकुर
तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार कर दिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन तेरी यादों ने हमें टूट कर जीने पर मजबूर कर दिया। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार करदिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन
#नवनीतठाकुर तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार करदिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन
read moreVEER NIRVEL
तुम बात समझा करो मेरी,, सुन तो दुनिया भी लेती है... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL तुम बात समझा करो मेरी,, सुन तो दुनिया भी लेती है... #Veer_Ki_Shayari
तुम बात समझा करो मेरी,, सुन तो दुनिया भी लेती है... #Veer_ki_Shayari
read moreHimanshu Prajapati
Unsplash उसका जवाब लाजवाब था, "मोहब्बत हमें जीने नहीं देगी" हम दोस्त ही अच्छे हैं..! ©Himanshu Prajapati #camping उसका जवाब लाजवाब था, "मोहब्बत हमें जीने नहीं देगी" हम दोस्त ही अच्छे हैं..! #36gyan #hpstrange
#camping उसका जवाब लाजवाब था, "मोहब्बत हमें जीने नहीं देगी" हम दोस्त ही अच्छे हैं..! #36gyan #hpstrange
read moreनवनीत ठाकुर
इस दुनिया को अपना नाम तो दे, काम कोई भी हो आखिर तक कोई अंजाम तो दे। मंजिल को आखिर कोई मुकाम तो दे। छोड़ दे अपने पैरों के निशाँ, हर कदम पर अपनी पहचान तो दे। दुनिया को दिखा दे अपनी हिम्मत का जज़्बा, किसी के रोकने से भी न रुके, वही सच्चा इन्सान तो दे। ©नवनीत ठाकुर "इस दुनिया को अपना नाम तो दे, काम कोई भी हो आखिर तक कोई अंजाम तो दे, मंजिल को कोई मुकाम तो दे, छोड़ दे अपने पैरों के निशाँ हर कदम पर अपनी प
"इस दुनिया को अपना नाम तो दे, काम कोई भी हो आखिर तक कोई अंजाम तो दे, मंजिल को कोई मुकाम तो दे, छोड़ दे अपने पैरों के निशाँ हर कदम पर अपनी प
read moreनवनीत ठाकुर
White जीने का हुनर अगर सीखना है, हमसे सीखो, अंधेरों में भी उम्मीद का चिराग जलाना सीखो। भेड़-बकरियों संग चलना हमें कब मंज़ूर, हमारी राहें अलग, हमारा सफर मशहूर। ©नवनीत ठाकुर जीने का हुनर अगर सीखना है, हमसे सीखो, अंधेरों में भी उम्मीद का चिराग जलाना सीखो। भेड़-बकरियों संग चलना हमें कब मंज़ूर, हमारी राहें अलग, हमारा
जीने का हुनर अगर सीखना है, हमसे सीखो, अंधेरों में भी उम्मीद का चिराग जलाना सीखो। भेड़-बकरियों संग चलना हमें कब मंज़ूर, हमारी राहें अलग, हमारा
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