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Vk srivastav
Unsplash वक्त जैसा भी रहा उसके साथ चलता रहा ज़रा ज़रा सा बर्फ की तरह पिघलता रहा ज़ख़्म होता रहा पांवों में दर्द होता रहा मैं भी ज़िद्दी हूं मैं हर दर्द को निगलता रहा ©Vk srivastav वक्त जैसा भी रहा उसके साथ चलता रहा #Life #SAD #Trending #viral #Shayari #vksrivastav
वक्त जैसा भी रहा उसके साथ चलता रहा #Life #SAD #Trending #viral Shayari #vksrivastav
read moreShashi Bhushan Mishra
आज, कल, परसों पे टलता जा रहा, साईं पल-पल दिन निकलता जा रहा, तैरने वाले गये उस पार कबके, कुछ किनारे हाथ मलता जा रहा, भूलने वाले भुला बैठे अदावत, टीसने वाले को खलता जा रहा, जम गई है बर्फ़ सी संवेदनाएं, वेदना से ग़म पिघलता जा रहा, कोई बच पाया नहीं इस काल से, समय की चक्की में दलता जा रहा, संभलकर ही कर्म करना जगत में, भाग्य बनकर बीज फलता जा रहा, ज्ञान दीपक से मिटे अंधियार 'गुंजन', हृदय में सुख-शांति पलता जा रहा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिन निकलता जा रहा#
#दिन निकलता जा रहा#
read moreF M POETRY
Unsplash लोगो को लग रहा है मैं ज्ञान पढ़ रहा हुँ.. गुज़रे हुए दिनों कि दास्तान पढ़ रहा हुँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #लोगों को लग रहा है....
#लोगों को लग रहा है....
read moreseema patidar
White फिर एक दिन ........ आजाद कर दिया मैने वो पंछी...... जिसमे कभी ....... जान बसती थी मेरी ....... ©seema patidar खोया है तुझे,तुझे ही पाने के लिए
खोया है तुझे,तुझे ही पाने के लिए
read moreParasram Arora
White आँखे मूंदने पर जो तुम्हे दिखाई पढ़ रहा है कहीं वो तुम्हारा कोई खोया हुआ ख्वाब न हो वक़्त का बिगड़ेल घोड़ा बिदक कर भटक गया है लगता है घुड़सवार के हाथो से कहीं घोड़े की लगाम छूट न गई हो ©Parasram Arora खोया हुआ ख्वाब
खोया हुआ ख्वाब
read moreBhupendra Deep
White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
#sad_dp जा रहा हूँ
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