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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हमेसा सम रहना, परमपिता परमात्मा भगवान श्री कृष्ण के परायण होकर निष्काम करने को योग कहते हैं।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_shayri {Bolo Ji Radhey Radhey} हमेसा सम रहना, परमपिता परमात्मा भगवान श्री कृष्ण के परायण होकर निष्काम करने को योग कहते हैं।।
ARTI JI
White कुरान शरीफ में मांस खाने का संकेत अल्लाह का नहीं है। वास्तव में हजरत मुहम्मद जी को एक जिब्राईल नामक फरिश्ते ने नहीं सम गला घोंट-घोंट कर जबरदस्ती डरा धमका कर कुरान शरीफ का ज्ञान लिखवाया था, अपने ही बनाये जीवों को मार कर खाने का आदेश कभी अल्लाह का नहीं हो सकता। (प्रमाण- पुस्तक जीवनी हजरत मुहम्मद, सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, पृष्ठ 307-315) #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI JI #summer_vacation #IPL2024 #भक्ति #Voting #शायरी #मोटिवेशनल #कॉमेडी #लव कुरान शरीफ में मांस खाने का संकेत अल्लाह का नहीं है। वास्तव में हजर
Devesh Dixit
कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इससे काँपते, होती सम तलवार। एक बार की चोट में, घायल कई हजार।। उत्तम लेखन भी करे, सबको होती आस। यही कलम की जिंदगी, है सबकी यह खास।। बिना कलम के जिंदगी, है बिलकुल वीरान। इससे ही रचना बने, और करे ऐलान।। शब्दों से मन मोहती, यह इसकी पहचान। अकसर देती है खुशी, करती भी हैरान।। यही कलम औजार भी, और पुष्प की माल। कहती है सद्भावना, करती बड़ा कमाल।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कलम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इ
N S Yadav GoldMine
Black {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारी आत्मा का प्रकति के जिस गुण का सम्बंध हो, वही गुण उसमें बसने लग जाता है, मनोववर्ति उसी का आकार धारण कर लेता है, इसीलिए जो मनुष्य सम रह कर केवल अपने कर्तव्य कर्म करता है, वेर आदि की माया से ऊपर आत्मा मैं इस्थिर होता है, उस अवस्था मे उस को पाप स्पर्स नही करता।। ©N S Yadav GoldMine #Morning {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारी आत्मा का प्रकति के जिस गुण का सम्बंध हो, वही गुण उसमें बसने लग जाता है, मनोववर्ति उसी का आकार धारण
Shaarang Deepak
Bharat Bhushan pathak
चित्रपदा छंद विधान:-- ८ वर्ण प्रति चरण चार चरण, दो-दो समतुकांत भगण भगण गुरु गुरु २११ २११ २ २ नीरद जो घिर आए। तृप्त धरा कर जाए।। कानन में हरियाली। हर्षित है हर डाली।। कोयल गीत सुनाती। मंगल आज प्रभाती। गूँजित हैं अब भौंरे। दादुर ताल किनारे।। मेघ खड़े सम सीढ़ी। झूम युवागण पीढ़ी।। खेल रहे जब होली। भींग गये जन टोली।। दृश्य मनोहर भाते। पुष्प सभी खिल जाते।। पूरित ताल तलैया। वायु बहे पुरवैया।। भारत भूषण पाठक'देवांश' ©Bharat Bhushan pathak #holikadahan #होली#holi#nojotohindi#poetry#साहित्य#छंद चित्रपदा छंद विध
Devesh Dixit
मतदान (दोहे) हम सबका अधिकार यह, करना है मतदान। मत चूको इससे कभी, इसमें अपनी शान।। आजादी प्यारी हमें, फिर क्यों खाएँ चोट। नेता अपना वो नहीं, जिसमें कोई खोट।। अंग्रेजों ने जो किया, माना वो थी भूल। आते जब भी याद वो, हिय में चुभते शूल।। पुनः न हो गलती वही, रखना इसका ध्यान। नेता सम श्री राम हो, वैसा ही मतदान।। हमको चुनना है उसे, जो दिल से हो नेक। निर्णय का दमदार हो, दे सबको वह टेक।। कहते हैं सज्जन सभी, नेता वही महान। रखे वतन की लाज भी, कर्मों से धनवान।। मतदाता को चाहिए, ऐसा करे चुनाव। नेता भी उत्तम मिले, हो सेवा का भाव।। करे नहीं मतदान जो, नादां हैं वो लोग। नासमझी का है उन्हें, देखो कैसा रोग।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मतदान #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मतदान (दोहे) हम सबका अधिकार यह, करना है मतदान। मत चूको इससे कभी, इसमें अपनी शान।। आजादी प्य