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Parasram Arora
स्मृतियों के दंश चुभने लगे है अब क्योंकि ज़ो अतीत मे हो चुका है मेरे साथ और ज़ो कुछ मैंने किया था पिछले दिनों मे वो सब अब मै पुनः दोहरा न पाऊंगा न वो सुखद मासूम सा बचपन न वो मधुमय यौवन ही कभी लौट पायेगा फिर से अब तो वार्धकय और प्रौढ़ता का उबाउ उजाला मेरे साथ. साथ चल रहा है ज़ो अंत तक मेरे साथ रहने वाला है सोचता हूँ यमराज कि नगरी मे प्रवेश करने से पहले अपनी बसती के अंतिम दर्शन कर लेता और अपनी भूलो के लिये क्षमा प्रार्थनकर पश्चाताप के दो आसू भी बहा लेता ©Parasram Arora वार्धकय और प्रौढ़ता का उबाऊ उजाला
singer narendra charan jaisalmer
सफ़र की इब्तिदा बस इतनी सी हो, तुम्हें सुनने वाले यार उबाऊ न हो। #सफ़र #यार #इब्तिदा #उबाऊ
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
Alok Vishwakarma "आर्ष"
विलोम लोम रात दिन, एक लगे तेरे बिन । असत्य सत्य वाक् मौन, मेरे लिये हुए गौण ।। अमत मत विराग राग, हृदय से रिसता पराग । अन्ध दीप्त तम अलोक, क्षण वियोग अश्रु शोक ।। "विलोम-लोम मिश्रण" एक कविता लोम व विलोम के पहलुओं को दर्शाती हुई। विलोम लोम रात दिन, एक लगे तेरे बिन । असत्य सत्य वाक् मौन, मेरे लिये हुए ग
DR. SANJU TRIPATHI
अनपढ़ चाहे कितना भी समझदार क्यों ना हो जाए, उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर ही रहता है। ईश्वर ने भी जाने कैसी मुसीबत सबके सर पर डाली है, बचे तो बचे कैसे कोई भी आगे कुआं तो पीछे खाई है। औरतें चाहे घर बाहर के सब काम सामंजस्य से कर लें, रहेंगी जीवन भर घर की मुर्गी दाल बराबर के जैसी ही। न रह गया अब रिश्तों में विश्वास कोई भी मान सम्मान, सभी एक दूजे से थोथा चना बाजे घना बनकर रहते हैं। करते हैं सभी न्याय की बड़ी बातें बताते हैं खुद को सही, डरते हैं सभी दूध का दूध और पानी का पानी कौन करें। प्रयुक्त विलोम शब्द काला अक्षर भैंस बराबर आगे कुआं पीछे खाई थोथा चना बाजे घना घर की मुर्गी दाल बराबर दूध का दूध पानी का पानी #काव्यसंग्
REETA LAKRA
वो किसी का दुश्मन नहीं हो सकता। तुम जिसके यार हो न वो किसी का याराना भुला नहीं सकता। तुम जिसके मित्र हो न वो किसी का शत्रु नहीं हो सकता। तुम जिसके साथी हो न वो किसी का साथ नहीं छोड़ सकता। तुम जिसके दिलदार हो न वो तुमसे दिलदारी नहीं छोड़ सकता। ३२४/३६६ तुम जिसके दोस्त हो ना... #जिसकेदोस्तहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi विलोम yreeta-lakra-9mba
Abeer Saifi
शुष्क, शिथिल, शव ऐसा जीवन اا कर्म प्रफुल्लित उज्ज्वल जीवन, जैसी करनी वैसा जीवन اا शुष्क - उदासीन, शिथिल- उबाऊ , शव- लाश, प्रफुल्लित-जोशपूर्ण उज्वल- चमकदार सुप्रभात। मानव जीवन का एक लक्ष्य तो होना ही चाहिए। #बिनालक्ष्य
Abeer Saifi
शुष्क, शिथिल, शव ऐसा जीवन اا कर्म प्रफुल्लित उज्ज्वल जीवन, जैसी करनी वैसा जीवन اا शुष्क - उदासीन, शिथिल- उबाऊ , शव- लाश, प्रफुल्लित-जोशपूर्ण उज्वल- चमकदार सुप्रभात। मानव जीवन का एक लक्ष्य तो होना ही चाहिए। #बिनालक्ष्य