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Pankaj K Mahto
White मैं सोचु तो क्या यह रात हैं तो रात ढल जायेगी, सबेरा हैं तो यह सबेरा फिर निकल जायेगी, राह चले है हम कुछ इस कदर , जैसे की कुछ तकलीफे है हमारी दिन - प्रतिदीन मै सोच मे डूबा हर बात अपनी सारी, क्या कहूँ मैं खुद से बात हमारी! Pankaj mahato 27/05/24 ©Pankaj K Mahto क्या मै सोचु#
क्या मै सोचु# #विचार
read morePANKAJ KUMAR SINHA
White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA मै मां हूं
मै मां हूं #कविता
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
चाँद अब न रात में और न दिन में दिखायी देता है।। अब केवल हमारी आँखों में आँसू दिखायी देता है।। वो फूल था और मैं उसके ही साथ था मगर, चारों ओर केवल अब रेगिस्तान दिखायी देता है ।। साथ था वो तो कितना अच्छा लगता था, मगर अब सारा शहर वीरान दिखायी देता है।। सब कुछ पता है मुझे उन लोगों के बारे में, पीठ पीछे जो मेरी बुरायी करता दिखायी देता है।। उसके हंसने से दिन खिला खिला सा रहता था, अब लेकिन मन भी उदास दिखायी देता है।। "मनु" तुम उसे भुला न देना चाहे वो तुम्हें भुलाये, उसकी यादों से भी तो मन प्रसन्न दिखायी देता है।। ©मनोज कुमार झा "मनु" तुम उसे भुला न देना
तुम उसे भुला न देना #विचार
read moreShashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh हम अपनी रंजिशें भुला न सके, खफ़ा हैं उनसे बता न सके, ग़ुरूर सामने खड़ा मिलता, चाहकर हाथ मिला न सके, एक पर्दा हमारे दरमियाँ था, पास आए मगर उठा न सके, मिली मग़रूर आँधियाँ जब भी, मशाल थे कि झिलमिला न सके, हरेक लौ से ज़ीस्त चमकाई, खिजां भी हौसला गिरा न सके, दुआओं में थी ख़ैरियत सबकी, प्यार था ये कभी जता न सके, देखकर हाथ में मरहम 'गुंजन', ज़ख़्म अपना कभी छुपा न सके, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #भुला न सके#