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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मरहटा छन्द :- ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार । सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।। सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म #कविता

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मरहटा छन्द :-
ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार ।
सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।।
सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब मनुहार।
अब अँखियाँ दे दो , दर्शन दे दो , जीवन सफल हमार ।।

अब जपते-जपते , रटते-रटते , राधा-राधा नाम ।
हैं पहुँचे द्वारे , आज तुम्हारे , देखो राधेश्याम ।।
अब बाहर आओ , दरस दिखाओ, दे दो कुछ परिणाम ।
कहती सब सखियां , प्यासी अँखियाँ , दर्शन दो अभिराम ।।

हैं पर सुनेहरे  , कहीं न ठहरें , तितली रानी राज ।
फूलों की बगिया , चूमें कलियाँ , दिन भर का है काज ।।
अपनी ही काया , लगती माया , करती हर पल नाज ।
सबको वह मोहित , करके रोहित , इठलाती है आज ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मरहटा छन्द :-
ओ रघुकुल नंदन , माथे चंदन , महिमा बड़ी अपार ।
सब तेरी लीला , अम्बर नीला , शीतल पवन बयार ।।
सब सुनकर आये , ढ़ोल बजाये , करते सब म

Ravendra

रुपईडीहा बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र नगर पंचायत रुपईडीहा में आज 14 अगस्त सन 2024 को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा 15 अगस्त के मद #वीडियो

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Ravendra

रुपईडीहा बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र नगर पंचायत रुपईडीहा में आज 14 अगस्त सन 2024 को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा 15 अगस्त के मद #वीडियो

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Ravendra

रुपईडीहा बहराइच भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र नगर पंचायत रुपईडीहा में आज 14 अगस्त सन 2024 को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला द्वारा 15 अगस्त के मद #वीडियो

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- ख़ैर उसने तो बताई दी है  आपने जो भी सफ़ाई दी है जेब से अपने कमाई दी है  खेत की सारे जुताई दी है  गुड़ तो यूँ ही न बना है भाई पहले गन्न #शायरी

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White ग़ज़ल :-

ख़ैर उसने तो बताई दी है 
आपने जो भी सफ़ाई दी है
जेब से अपने कमाई दी है 
खेत की सारे जुताई दी है 
गुड़ तो यूँ ही न बना है भाई
पहले गन्ने की पिराई दी है
ये रक़म हाथ न ऐसे आयी 
भर के बोरी आज राई दी है 
ख़ूब ऊँचा है किसानों में जो
बीच में छोड़ पढ़ाई दी है 
आज औलाद मज़ा है करती
क्योंकि हमने ही ढिलाई दी है 
आसमां छू रही मँहगाई को
कर में देखा न रिहाई दी है 
घूस से तोंद उन्हीं की भारी
जिनके कपड़ों की सिलाई दी है
ये फ़सल आज प्रखर तुम देखो 
इसकी हमने ही  सिंचाई दी है 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-

ख़ैर उसने तो बताई दी है 
आपने जो भी सफ़ाई दी है
जेब से अपने कमाई दी है 
खेत की सारे जुताई दी है 
गुड़ तो यूँ ही न बना है भाई
पहले गन्न
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