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Parasram Arora
White विरह क़ी रात तों जैसे तैसे किसी तरह गुज़र ही जायेगी पर इस हकीकत को चाँद के सिवाय कोई नहीं जानता कि मै रात भर सोया नहीं था ©Parasram Arora विरह क़ी रात
विरह क़ी रात
read moreLalit Saxena
हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है सांस-सांस पीर कसमसाती रहती मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन उदास शाम को भी उतरते देखा है ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है दरवाजे पर नहीं कोई दस्तक हुई हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है ©Lalit Saxena ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreAnuradha T Gautam 6280
Shubham Bhardwaj
White रात अंधेरी है मगर सितारे साथ हैं। इस तन्हाई में भी,ग़म हमारे पास हैं।। ©Shubham Bhardwaj #Sad_Status #रात #सितारे #हम
Jitendra Giri Hindu
चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है, दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है? कह न पाया, आंखों का ये हाल, मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल। हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती, भीतर के आँसू हवाओं में बहती। ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें, उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें। सवालों के घेरे, जवाबों का डर, दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर। हंसी के सुरों में रुदन की कहानी, हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी। चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी, क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली? दिल ने बस धीरे से इतना बताया, "मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।" ©Jitendra Giri Goswami रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'
रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness WritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'
read moreAvinash Jha
White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha #Sad_Status #रात
Avinash Jha
White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha #Sad_Status #रात
Tej Pratap
ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश, कैसा लगता है। हमें तो बादलों से झांकता चांद , अच्छा लगता हैं।। ©Tej Pratap #रात #चांद #Quote