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चारण गोविन्द
White 🙏नवरात्र व नववर्ष की सभी को बधाइयाँ👏 आदम मन हूँ आळसी, चमकावों नित चोंच। रसना इक इज जप रटे, सगती म्हारो सोच।। सगती म्हारो सोच, समाचार सब शुभ सुणा। करणी तू इज कोच, बिखरती बात तू बणा।। रोभो री रमकाळ, काया है ए काँच री। पाळण आळी पाळ, आदम मन हूँ आळसी।। ❤️चारण गोविन्द😍 #नवरात्र व #नववर्ष पर #चारण_गोविन्द केई ओर से सभी #साथियों को #बधाइयाँ व #शुभकामनाएँ #govindkesher #CharanGovindG #nightthoughts
चारण गोविन्द
White 🙏नवरात्र व नववर्ष की सभी को बधाइयाँ👏 आदम मन हूँ आळसी, चमकावों नित चोंच। रसना इक इज जप रटे, सगती म्हारो सोच।। सगती म्हारो सोच, समाचार सब शुभ सुणा। करणी तू इज कोच, बिखरती बात तू बणा।। रोभो री रमकाळ, काया है ए काँच री। पाळण आळी पाळ, आदम मन हूँ आळसी।। ❤️चारण गोविन्द😍 #नवरात्र व #नववर्ष पर #चारण_गोविन्द केई ओर से सभी #साथियों को #बधाइयाँ व #शुभकामनाएँ #govindkesher #CharanGovindG #nightthoughts
Manojkumar Srivastava
White विशाल से विशाल पत्थर सैकड़ों साल पड़ा रहता है तो उसमें कोई गतिविधि और हलचल नहीं होती! वह हिल- डुल नहीं सकता और न कोई क्रिया कर सकता क्योंकि वह अचेतन है,निष्क्रिय है! दूसरी ओर चींटी सबसे छोटा जीव है फिर भी चल,फिर सकता है,आगे- पीछे चल सकता है! खा पी सकता है,सो सकता है और वह जो चाहे वह क्रिया कर सकता है क्योंकि वह चेतन है,सजीव है! मनुष्य के अलावा अन्य जीवों में चेतना का स्तर न्यून होता है! चेतना जितनी अधिक होगी सृजनशीलता,चिन्तनशीलता- मननशीलता उतनी अधिक होगी जिससे नये- नये विचार उत्पन्न होंगे! मनुष्यों में भी चेतना का स्तर समान नहीं होता! मैंने इंटरमीडिएट में तर्कशास्त्र पढ़ा है! इसमें मनुष्य और पशु में अन्तर बताया गया है! मनुष्य= पशुता+ विवेकशीलता (Human beings=Animality + Rationality) चिन्तन- मनन करनेवाले प्राणी को मनुष्य कहा गया है और जो चिन्तन- मनन में दक्ष होता है उसे मुनि कहते हैं! अत: मुनियों को चिन्तन- मनन से भागना नहीं चाहिए! किसी भी विषय पर निष्पक्ष होकर तार्किक रूप से विचार करना चाहिए किन्तु यह घोर आश्चर्य का विषय है हर वर्ग- अनपढ़,शिक्षित,उच्च शिक्षित,गरीब,धनी से चिन्तन- मनन की प्रवृत्ति लुप्त हो रही है! मुनि समाज में स्थिति सुखद नहीं है! किसी विषय पर चर्चा नहीं करना और किसी पुस्तक में जो भी लिखा गया है उसे ही अन्तिम मान लेना मानसिकता बन गयी है जो मुनि समाज के विकास में बाधक बन सकता है! जय जय जीव मुनि/ मुनिमती जी!🙏🌺🌻🌹🌷 सद्गुरु योगेश्वर शिव मुनि महाराज की जय! ©Manojkumar Srivastava #nightthoughts #योग का महत्त्व#
Ravendra
Manojkumar Srivastava
लॉजिक यानी तर्क का प्रयोग एक दुर्लभ घटना है! अनपढ़,शिक्षित,उच्च शिक्षित,बुद्धिजीवी,पत्रकार,लेखक,कवि,नेता,अभिनेता, अधिवक्ता,न्यायाधीश,खिलाड़ी,कर्मचारी,अधिकारी,उद्योगपति तर्क,चिंतन- मनन करना भूल चुके हैं और इस कला को सीखना भी नहीं चाहते! दु:ख,तनाव,गलत निर्णय,विवाद,कलह,मारपीट,खून- खराबा,मुकदमाबाजी का मूल कारण यही है! ©Manojkumar Srivastava #truecolors #तर्क का महत्त्व#
Shashank मणि Yadava "सनम"
Life Like माता का अभिमान है, दो घर की है शान।। जिस आँगन बेटी पले, आँगन बड़ा महान।। आँगन बड़ा महान, सदा वैभव ही बसता।। सुख, उन्नति, उल्लास, हमेशा घर में सजता।। कहत ‘सनम’ सुविचार, बेटी भाग्य-विधाता।। जो बेटी को जने, धन्य वह कोख व माता।। @POETRYOFSOUL2249 SHASHANK मणि YADAVA’सनम’ ©Shashank मणि Yadava "सनम" जो बेटी को जने, धन्य वह कोख व माता,, #Poetry #shorts #daughter #daughterlove #bachpan
Learn From Kartikey
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Mukesh Poonia
अपनी ऊर्जा को चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है, इसका उपयोग समाधान ढूंढने में किया जाए। . ©Mukesh Poonia #Holi अपनी #ऊर्जा को #चिंता करने में #खत्म करने से #बेहतर है, इसका उपयोग #समाधान #ढूंढने में किया जाए
Dr.Vinay kumar Verma