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payal kuwar
मैं हूँ और हमेशा रहूंगा ऐसा कहने वाला बहुत कम हीं एक खाश कुछ लोगों के जिंदगी में कोई होता हैं..!!! ©payal kuwar # वो#अपना# सा
Payal Dholakia
इश्क मेँ अधूरा सा रूह मेँ पुरा सा दर्द मेँ अनजाना सा तनहाइयों मेँ अपना सा इस बेदर्द जिंदगी मेँ तसव्वुर सा जो मुकम्मल ना हो सका, एसा एक अपना सा।। वो अपना सा।।💕 #Yqhindi #Yqbaba
manju Ahirwar
वो अपना सा ~~~~~~~~~~~ जब लग जाए मन प्रेम धुन में कोई बेगाना अपना सा लगने लगे ! एक तरंग सी उठने लगे भावनाओं में हर पल मनभावन और सुहाना सा लगने लगे! अरमानों की बारिश हो दिल में बौछारों संग मन तितली सा उड़ने लगे ! उमंग से उमड़ने लगे काले बादल जब मन ही मन कोई अपना सा लगने लगे !! ©manju Ahirwar #वो अपना सा#love #नोजोटो #nojotowrites #Nojoto #selfwriting #Thoughts
Jatin Patel
वो साथ में भी बैठा हुआ था, पर किसी और के करीब था। वो अपना-सा लगने वाला, किसी और का ही नसीब था। @JATIN_PATEL वो साथ में भी बैठा हुआ था, पर किसी और के करीब था। वो अपना-सा लगने वाला, किसी और का ही नसीब था।
{¶पारसमणी¶}
प्यार और फ़रेब साथ मेरे चल रहा था, पर प्यार किसी और के करीब था¡! वो अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था¡! शायर शुभ¡! #December #Nojoto #Nojotohindi साथ मेरे चल रहा था,पर प्यार किसी और के करीब था,,,,,वो अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था.... !
Kulbhushan Arora
मेरे दिल में क्या कोई नुक्स हो सकता है😂 जिसे देखूं वो अपना सा ही लगता है😍😍 मेरे दिल में क्या कोई नुक्स हो सकता है😂 जिसे देखूं वो अपना सा ही लगता है😍😍 कुलभूषण दीप #yqquotes #yqdidi #yqदिल #yqकुलभूषणदीप
Monu Kumar Sahgal
साथ मेरे बैठा था, पर किसी और के करीब था वो अपना - सा लगने वाला, किसी और का नसीब था ©Monu Kumar Sahgal साथ मेरे बैठा था, पर किसी और के करीब था वो अपना - सा लगने वाला, किसी और का नसीब था #Nojotostreaks #Nojoto #nojohindi #Love #life #quotes #t
Manshi Kashyap
कभी सफ़र तो कभी मंज़र सा लगता था हां उसका साथ कभी कभी चाहत सा लगता था समझ न पाई उसे मैं पहले इतनी भोली थी धीरे धीरे अब आंखों में बहता समुंदर लगता था तकलीफें हजार थी मेरी लेकिन मुस्कुराना उसी के साथ होता था आंखों में नींद नहीं पर ख़्याल उसी का होता था दिल को समझाती रही तू संभल जा मगर इश्क़ का इजहार तो आंखों से होता था लूट गई मेरी तमन्नाओं की कस्ती जिसमें बिखरा मेरा पूरा ख़्वाब पड़ा था दिख रहा तक़दीर मेरा धुंधला सा मगर बदन पर सफ़ेद लिबाज़ और आंखों में आंसू बेतहाशा पड़ा था ढूंढ़ ढूंढ़ कर थक जाती थी निगाहें लेकिन अक्सर नजर वो तस्वीरों में दीवारों पर आता था लगता है वो कई अरसों से नाराज़ था मेरे लाख बुलाने पर भी करता नहीं मुझसे वो बात था यादें मौजूद मेरे दिल में आज भी था सांसें हर वक़्त कहती थी मेरी उसमें जरूर कुछ तो बात था - M.K /// कभी सफ़र तो कभी मंज़र सा लगता था /// _______________________________ जरूरत से ज्यादा वो अपना सा लगता था कभी हक़ीक़त तो कभी ख़्वाब