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Pavan Yadav
पानी बरसता घर का रस्ता कंधों पर बस्ता हस्ता बच्चा फिर लगा आने दो बारिश का पानी सड़कों पर विकास थोड़ा कम भी अच्छा 😊 _kkc ©Pavan Yadav पुरानी यादें @school_day's
पुरानी यादें @school_day's #Poetry
read moreArora PR
White लोग तो आज भी पुरानी कब्रों से बाहर आने को तेयार नहीं हो रहे हैँ लगता तो यही हैँ कि वे नई सभ्यता और तहजीबो के नए खेल खेलने से अभी भी डर रहे हैँ ©Arora PR पुरानी कब्रे
पुरानी कब्रे #कविता
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White आज फिर न जाने क्यों जाग उठी है मेरी छोड़ी हुई पुरानी आदते और लते लगता है आज मै शराब पिए बिना चैन की नींद सौ नही पाऊँगा ©Arora PR पुरानी आदते
पुरानी आदते #कविता
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White एक बार फिर सुनाई पढ़ने लगी है आतत्ताई कोरवो की दहाड़े...... लगता है एक नया महाभरत फिर जन्म लें रहा है लेकिन हथियार दोनों पक्षों के ( तल वार भाले बंदूके और तिर्कमान ) आदि क़ो तो जंग लग चुका है लगता है अब तो केवल रसायनिक हथियारों से ही युद्ध लड़ना पड़ेगा जो सक्षम है आदमी और उसकी आने वाली नस्लों का संहार करने में और ये भी संभावना नही रही कि इस युद्ध में कृष्ण भी आकर भाग लेंगे क्योंकि उनका सुदर्शन चकर भी जंग खाकर तिथि बाहय हो चुका है ©Arora PR महाभारत द्वितीय
महाभारत द्वितीय #कविता
read moreAnuj Ray
White पुरानी डायरी" पुरानी डायरी में मिला है आज एक ख़त, जिसने मेरी यादों के घरोंदे को कर दिया ख़तबिखत । मोहब्बत में किये प्यार के वादों को निभाने के लिए हमने, बगावत काकर लिया था फैसला। मेरी जान बचाने के लिए उसने ख़ुद की बलि दे दी, मोहब्बत की जल के चिता, ख़ुद की लाश को पहना दी सुहाग की साड़ी। ©Anuj Ray # पुरानी डायरी "
# पुरानी डायरी " #कविता
read morerahul_the_adrito_
वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया। जब विघ्न सामने आते हैं, सोते से हमें जगाते हैं, मन को मरोड़ते हैं पल-पल, तन को झँझोरते हैं पल-पल। सत्पथ की ओर लगाकर ही, जाते हैं हमें जगाकर ही। वाटिका और वन एक नहीं, आराम और रण एक नहीं। वर्षा, अंधड़, आतप अखंड, पौरुष के हैं साधन प्रचण्ड। वन में प्रसून तो खिलते हैं, बागों में शाल न मिलते हैं। कङ्करियाँ जिनकी सेज सुघर, छाया देता केवल अम्बर, विपदाएँ दूध पिलाती है लोरी आँधियाँ सुनाती हैं। जो लाक्षा-गृह में जलते हैं, वे ही शूरमा निकलते हैं। बढ़कर विपत्तियों पर छा जा, मेरे किशोर! मेरे ताजा! जीवन का रस छन जाने दे, तन को पत्थर बन जाने दे। तू स्वयं तेज भयकारी है, क्या कर सकती चिनगारी है? ~ रामधारी सिंह दिनकर ©rahul_the_adrito_ #रामधारी_सिंह_दिनकर #महाभारत
#रामधारी_सिंह_दिनकर #महाभारत #कविता
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White पुरानी से पुरानी यादें भी आज भी मेरे मानस पटल पर आकर थिरकने लगती हैं न उन्हें कभी ह्रदय भुला पाता हैं न मेरा मन कभी इन्हे बिसार पाता हैं ©Arora PR पुरानी यादें
पुरानी यादें #कविता
read moremalay_28
White रिश्तों संबंधों धर्मो का बेख़ौफ़ तिज़ारत होता है कृष्ण, अब बिना तुम्हारे ही महाभारत होता है. ©malay_28 #कृष्ण बिना महाभारत