Find the Latest Status about बंदिस्त वर्ग म्हणजे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बंदिस्त वर्ग म्हणजे.
SR Viraj Sharma
Aman Singh
Santosh Jangam
Ravendra
Dk Patil
Dk Patil
Devesh Dixit
महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये सुर ताल।। बीच वर्ग के हैं पिसे, देख हुए नाकाम। अब सोचें वह क्या करें, बढ़ा सकें कुछ काम।। फिर भी हैं कुछ घुट रहे, मिला न जिनको काम। महँगाई के दर्द में, जीना हुआ हराम।। चिंतित सब परिवार हैं, दें किसको अब दोष। महँगाई ऐसी बढ़ी, थमें नहीं अब रोष।। विद्यालय व्यवसाय हैं, दिखते हैं सब ओर। शुल्क मांँगते हैं बहुत, पाप करें ये घोर।। मुश्किल से शिक्षा मिले, कहते सभी सुजान। महँगाई की मार है, यही बड़ा व्यवधान।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #महँगाई_की_मार #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये
healthy tips
Supriya Yewale
न संपणारी गोष्ट म्हणजे प्रेम न संपणारी ओढ म्हणजे प्रेम त्या व्यक्तीला न विसरणं म्हणजे प्रेम त्या व्यक्तीच्या सगळ्या चुका माफ करून त्या व्यक्तीचा स्वीकार करणे म्हणजे प्रेम 💯💯💯🤞😍😊❤️ ©Supriya Yewale #loversday न विसरणारी गोष्ट म्हणजे प्रेम
Shilpa yadav
एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनवरत विकास की ओर उसकी संतान उन्मुख हो सिर्फ यही चाहती हैं।। मां का लाड दुनिया का वह रत्न जो समस्त मनुष्य को मिलता है हां उन्हें जिनको मां का प्यार नहीं मिलता शायद कहना उचित नहीं परंतु सच में उनको भी अत्यंत कमी महसूस होती है, आज का युवा वर्ग मां के एहसास को समझना नहीं चाहता लेकिन जीवन की पराकाष्ठा तो मां के पेरों में है अगर समय मिले तो कभी मां के पैरों के संग हाथों को चूमना और उन्हें भी गले लगाना क्योंकि दुनिया की हर एक मां बस यही चाहती है मां मेरी भी है और ऐसा दुनिया में मैं कहीं भी रहूं पर मैं बस यही चाहती हूं कि मां का हाथ मेरे सिर पर यूं ही रहे आशिर्वाद के रूप में और मैं उनके आंचल में अपने सुख दुख को उनके संग ही रहूं।। ©Shilpa yadav #snowpark #motherlove#एक प्रतिष्ठित प्रतिज्ञा मां की होती है अपने जीवन काल में वह केवल अपनी संतानहित हेतु कई कठिनाईयों से होकर गुजरती है अनव