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New kabul times newspaper 10 Quotes, Status, Photo, Video

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Stories related to kabul times newspaper 10

Mayank Saini

New Year 2024-25 हाथ जैसे ही वो मेरा यार पकड़ेगा,
वक्त देख लेना रफ्तार पकड़ेगा.

©Mayank Saini #newday#newspaper#shyari#treding

Sujal Sonkar

GIVE ME 10 RUPEES

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GIVE ME 10  Ruppes

©Sujal Sonkar GIVE ME 10 RUPEES

VIMALESH YADAV

times of India #sad_quotes #vimaleshyadav

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White टाइम्स ऑफ इंडिया

 की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश
 राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स
 के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने 
वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के 
समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ 
और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स 
ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप 
में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में 
था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। 

भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध 
औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू 
जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 
संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और 
तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ 
कमाने वाला अखबार बन गया।

©VIMALESH YADAV times of India #sad_quotes 
#vimaleshyadav

VIMALESH YADAV

White 
दैनिक भास्कर समाचार पत्र का इतिहास 


दैनिक भास्कर की स्थापना 1956 में हुई थी , और
यह अखबार हिंदी भा षा में प्रकाशित हो ता है। इसका
मुख्या लय भोपाल, मध्य प्रदेश में है।है दैनिक भास्कर
ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में जागृति
लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण
योगदान दिया है। 1956 में आजाद भारत की
जरूरतों को समझते हुए द्वारका प्रसाद अग्रवाल ने
भोपाल से 'सुबह सवेरे' और ग्वालियर से 'गुड मॉर्निंग
इंडिया ' का प्रकाशन शुरू किया । 1957 में इन दोनों
अखबारों का नाम बदलकर 'भास्कर समाचार' कर
दिया गया । फिर 1958 में दुबारा इस अखबार का
नाम बदलकर 'दैनिक भास्कर' कर दिया गया ।
दैनिक भास्कर का इतिहास भारतीय पत्रकारिता के
इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अखबार
आज भी अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज में
जागृति लाने और राष्ट्रीय चेतना को बढ़ा वा देने में
महत्वपूर्ण योगदा न दे रहा है।

©VIMALESH YADAV #Newspaper  #vimaleshyadav 
#love_shayari

VIMALESH YADAV

The hindu newspaper ka itihas #Book #Thehindu #vimaleshyadav

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Unsplash The Hindu Akhabar ka Itihas 


  वर्ष 1878 में मद्रा स हा ई को र्ट की जजों की बेंच में
सर टी मुथुस्वा मी अय्यर को , शामिल करने के
खिलाफ
एंलो इंडियन अखबार विरोध कर रहा था ।
इस विरोध के खिलाफ कानून की पढ़ाई करने वाले
चार छात्रों और दो शिक्षकों ने चेन्नई से साप्ताहिक
पत्रिका द हिंदू अखबार की शुरुआत की इस अखबार
के संपादक जी . सुब्रमण्यम अय्यर और मैनेजिंग
डायरेक्टर एम.वी . राघवाचार्य थे।
अखबार की शुरुआत केवल एक रुपये 12 आने से
हुई 1905 में एस. कस्तूरी ने इसे अपने अंतर्गत ले
लिया । तब से इसका संचा लन कस्तूरी परिवार ही कर
रहा है। द हिंदू समाचार पत्र का मुख्यालय चेन्नई में है।
इसकी शुरुआत साप्ताहिक पत्रिका के रूप में हुई,
जो आगे चलकर 1829 में दैनिक समाचार पत्र बन
गया । यह भारत के शीर्ष दैनिक अंग्रेजी समाचा र पत्रों
में से एक है, जो ज्यादातर दक्षिण भारत में पढ़ा जा ता
है।

©VIMALESH YADAV The hindu newspaper ka itihas 
#Book #TheHindu #vimaleshyadav

VIMALESH YADAV

https://youtu.be/ozO5oi65g_A?feature=shared #History #Newspaper #indiannewspaper #vimaleshyadav

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Rock star

live life some times with nature Love #SAD Life Song #Nature

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कृष्ण की प्रेयसी राधा

hamari 2024 ki bate 12 times+ 2 month together

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White 2024.ki bate,
🫂
06-2-24
⬇️
20-2-24
⬇️
28-3-24
⬇️
13-6-24
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14-7-24
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((🪔(17-7-2024 to 20-9-24))🪔)
best time and first time
we spent a lot of time with eachother....
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7-10-24
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17-10-24
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16-11-24
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18-11-24
day of happiness
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21-11-24
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8-12-24
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13-12-24

hamari bate hamari

©कृष्ण की प्रेयसी राधा hamari 2024 ki bate
12 times+ 2 month together

TeacherShailesh

श्रीमदभागवत गीता अध्याय 10 श्लोक 40

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White नान्तोऽस्ति मम दिव्यानां विभूतीनां परन्तप ।
एष तूद्देशतः प्रोक्तो विभूतेर्विस्तरो मया ॥

हे परंतप! मेरी दिव्य विभूतियों का अंत नहीं है, मैंने अपनी विभूतियों का यह विस्तार तो तेरे लिए एकदेश से अर्थात्‌ संक्षेप से कहा है॥

©TeacherShailesh श्रीमदभागवत गीता अध्याय 10 श्लोक 40

Rajeet

free 10 rupaye 🤑

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