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RAVI PRAKASH
White झूठ और चालाकियां रिश्तों में मत चलाया करो नहीं तो एक दिन आप जीवन में अकेले रह जाओगे !! ©RAVI PRAKASH #love_shayari झूठ और चालाकियां रिश्तों में
#love_shayari झूठ और चालाकियां रिश्तों में
read moreN S Yadav GoldMine
White आठ का अंक:-🔸🔸🔹🔹 {Bolo Ji Radhey Radhey} कृष्ण के जीवन में आठ अंक का अजब संयोग है। उनका जन्म आठवें मनु के काल में अष्टमी के दिन वसुदेव के आठवें पुत्र के रूप में जन्म हुआ था। उनकी आठ सखियां, आठ पत्नियां, आठमित्र और आठ शत्रु थे। इस तरह उनके जीवन में आठ अंक का बहुत संयोग है। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine #Thinking आठ का अंक:-🔸🔸🔹🔹 {Bolo Ji Radhey Radhey} कृष्ण के जीवन में आठ अंक का अजब संयोग है। उनका जन्म आठवें मनु के काल में अष्टमी के दिन व
#Thinking आठ का अंक:-🔸🔸🔹🔹 {Bolo Ji Radhey Radhey} कृष्ण के जीवन में आठ अंक का अजब संयोग है। उनका जन्म आठवें मनु के काल में अष्टमी के दिन व
read morebrar saab
White भारत किस गोलार्द्ध में स्थित है ?(A) दक्षिणी और पूर्वी (B) उत्तरी और पूर्वी (C) उत्तरी और पश्चिमी (D) इनमें से कोई नहीं ©brar saab #भारत किस @गोलार्द्ध में #स्थित है ? (A) दक्षिणी और पूर्वी (B) उत्तरी और पूर्वी (C) उत्तरी और पश्चिमी
Shailendra Anand
White रचना दिनांक 17फरवरी 2025 वार सोमवार समय दोपहर 12 बजे यह दीक्षार्थीहै नागा साधु संन्यासी में, कई ऐसे साधक साधना प्रकृति से, प्रेम करने वाले होते हैं दीक्षा संस्कार से पहले सांसारिक सुख मोह और जिज्ञासा लालसा तलफ तड़फ से पैदा हुए जीवन पर आधारित संयम सिखाया जाता है।। नाकि सिर्फ अपने गुरु से हवा, पानी, अग्नि, सुर्य प्रकाश में तप तपस्या से ध्यान योग योगासन उपवास करना और तांत्रिक, मांत्रिक, हठयोग, जैसी कई प्रक्रियाओं से गुजरने के पश्चात ही सनातन विचार सच में दत्त अखाड़ा के सान्निध्य में नागा साधु संन्यासी बनाया जा सकता है।। ््कवि शैलेंद्र आनंद 17 फरवरी2025 ©Shailendra Anand #sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
#sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
read mores गोल्डी
कद में, पद में और पैसे में जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं.. दिल हमारा छोटा होता जाता है। ©s गोल्डी कद में, पद में और पैसे में जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं.. दिल हमारा छोटा होता जाता है। motivational shayari
कद में, पद में और पैसे में जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं.. दिल हमारा छोटा होता जाता है। motivational shayari
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस वार शनिवार समय सुबह पांच बजे ््भावचित्र ् ््निज विचार ् ््शीर्षक ् ।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,, संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।। राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ्् पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है। श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में, अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर , हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।। माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए , जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।। यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले, संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में, आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर आपसी सहमति बहस में विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में, एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।। । तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो, किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।। तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में, जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।। जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है, वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं। यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,, और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।। यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,, वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है । दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,, सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ् 25 जनवरी। 2025 ©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि
देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि
read moregaTTubaba
आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई बेवकूफ उसके जैसा नहीं हैं और कोई ©gaTTubaba #skylining आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई
#skylining आंख के सामने कोई आंख में हैं और कोई आइने के बाहर कोई आइने में और कोई समझदार को समझा दो कोई
read moreKulvant Kumar
White ll संघर्ष और तजुर्बा हर इंसान के जीवन में नहीं आता ll ©Kulvant Kumar ll संघर्ष और तजुर्बा हर इंसान के जीवन में नहीं आता ll
ll संघर्ष और तजुर्बा हर इंसान के जीवन में नहीं आता ll
read moreJagbandhu Mandal
White खुशियों में खुश रहना और गम में भी खुशी ढूंढना ©Jagbandhu Mandal खुशियों में खुश रहना और गम में भी खुशी ढूंढना #Sad_Status मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
खुशियों में खुश रहना और गम में भी खुशी ढूंढना #Sad_Status मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
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