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Kumar.Satyajit
लावारिश फिरती रहती है वो भावनाएं..! जो किसी पसंदीदा शख़्स द्वारा ठुकरा दी जाती है.!!🥀 ©Kumar.Satyajit Mohabbat
Mohabbat
read moreVADRA KRISHNA
గుర్తుకు రావడం గొప్పకాదు. మరవకపోవడం గొప్ప ఎందుకంటే.. గుర్తుకు రావడం"బుర్ర"చేసే పని. మరవకపోవడం"హృదయం" చేసే పని అంటే... మనం ఉండవలసింది ఎదుటివారి "బుర్రలో"కాదు. వాళ్ళ మనసులో..! ©VADRA KRISHNA #mohabbat
Deepak Kumar 'Deep'
Sadgi se mohabbat thi Isley raas na aayi Unko meri mohabbat Shayad unko Khelne ke liye Ek dil chahiye tha ©Deepak Kumar 'Deep' #mohabbat
mr_dhanurag_ya21c
आप जो मिले फिर किसी का दीदार नही हुआ जो हुआ आप से हुआ फिर किसी से प्यार नही हुआ । ©mr_dhanurag_ya21c #mohabbat
Painkiller_shayari
White मोहब्बत क्या है अहसासों की एक कहानी है वो तड़पती है अपने महल में और मे तड़पता हूं अपने बसेरे में रात - रात भर जाग कर जिसमें बित जाती….. जवानी है मोहब्बत क्या है.... अहसासों की एक कहानी है सपनों की इस दुनिया में कोई किसी का राजा तो... कोई किसी की…… रानी है मोहब्बत है क्या अहसासों की एक कहानी है ©Painkiller_shayari Mohabbat
Mohabbat
read moreKiran Pawara
पहले प्यार को याद करना हमेशा दर्द नहीं देता .. कभी कभी याद मे पलको पे दो बुंद आसू के होठो पे हलकी मस्कुराहट भी लाती है .. उनके हसीन याद मे ….. आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #mohabbat
नवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
read moreनवनीत ठाकुर
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था। ©नवनीत ठाकुर जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
जियारत करूं के माथा टेकूं, तूने जो दिया, मैं उसके काबिल न था। तेरी रहमत की हद क्या बताऊं, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका हकदार न था।
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