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प्रेम और मैं

बारिश की पहली बूँद🌧️

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      बारिश की पहली बूँद🌧️

punam chand gaur

#पहली कविता

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तेरे जुल्फो की आदत सी लगी है, 
वो इधर  हवा में तेरी जुल्फ उरती और उधर मेरा दिल

©punam chand gaur #पहली कविता

Mahendra Darro

मेरी पहली कविता .........

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Prem quotes in hindi 

सुबह - सुबह पेड़ों पर आए,
और पक्षियाँ झुंड बनाएं ।
पेड़ों की टहनियों पे चढ़कर, मानों
चहक - चहक के गाना गाए ।
चहकते हुए ,आंगन में आए,
दानें चुगकर वो उड़ जाए ।
चारों - दिशाओं में घूम- घूम कर ,
मानों जिंदगी की रेस लगाए।
जगह - जगह, दिनभर भटककर,
वापस अपने घर को आए।
 #NojotoQuote मेरी पहली कविता .........

Manish Dwivedi

मेरी पहली कविता #ज़िन्दगी

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Sudheer Rajpoot

मेरी पहली कविता

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मैने जब जब उससे कोई रिक्वेस्ट की उसने हर बार मेरी रिक्वेस्ट ठुकराई थी और मैं जब भी रोया वो हर बार मेरे आंसू देखकर मुस्कराई थी।।।। मेरी पहली कविता

Sanjeev Rana "Shivansh"

मेरी पहली कविता।

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Jyoti Jha

मेरी पहली कविता

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Dr Upendra Bhargava

मेरी पहली कविता

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Deepak bhardwaj

पहली कविता... #Geetkaar

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orange glare GR

rain droplets hindi_poetry कविता हिंदीकविता बूँद विचार

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थी पवन चली, ले मेघ घने,एक बूँद गिरी, हंसती-गाती,
उड़ती झोकों पे, इठलाती, जा गिरी मृदा पे, महकाती
चढ़ गई डाल पे, मूलों से, कर तृप्त तरु को जीवन से,
थी बूँद वहीं ले रूप नया,जा पहुँची फल के फल रस में।

शुक ने फल का उपभोग किया, फल से अमृत आनंद लिया।
गई बूँद शुकों में, शुक-मुख से, कर तृप्त शुकों को जीवन से,
थी बूँद वहीं ले रूप नया,जा पहुँची वह शुक के लहु में।

शुक के जीवन का अंत किया,सर्पों ने तब उपभोग किया,
गई बूँद सर्प में, तब शुक से, कर तृप्त सर्प को जीवन से,
थी बूँद वहीं ले रूप नया,जा पहुँची सर्पों के विष में।

थी बूँद एक परिवेश भिन्न,परिवेश में उसका रूप भिन्न,
रूपों के कारण कर्म भिन्न, कर्मों से फिर सम्मान भिन्न,
कभी जीवन दे कभी हर लेती, पर दोष बूँद का कहीं नहीं।

©orange glare GR #rain 
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