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vksrivastav
Unsplash सलीका कितना भी अच्छा हो बात करने का गलत जगह पे अगर हो तो वो बेकार ही है ©Vk srivastav सलीका कितना भी अच्छा हो #Shayari #poem #Quotes #viral #vksrivastav
सलीका कितना भी अच्छा हो Shayari poem Quotes viral vksrivastav
read moreShashi Bhushan Mishra
New Year 2024-25 दिल की किताब आंखों से पढ़ने को बेक़रार, नज़रें मिलाकर देख लो तुम मुझसे एकबार, दिल में रहा क़ायम ये भ्रम है प्यार उन्हें भी, नज़रें बचाकर देखते देखा है कई बार, सूरजमुखी सा आफ़ताब देख खिल उठे, हर सुब्ह रहा करता है इस कद्र इंतज़ार, फ़ुरसत में किसी रात चांद डूबता नहीं, मिलती तो मांग लाते हम भी चांदनी उधार, हुस्न-ओ-अदा पर फ़िदा हुए राह के पत्थर, रुक जाए मुसाफ़िर भी राह चलते कई बार, महफूज़ मेरा चैन-ओ-सुकूं उनकी फ़ज़ल से, बख़्शी ख़ुदा ने दुआ की दौलत भी बेशुमार, दीदार-ए-हुस्न मुकम्मल होता नहीं कभी, होती है नुमाइश में झलक गोया क़िस्त बार, फूलों के ईर्द-गिर्द सुनूं भ्रमर का 'गुंजन', दिल पर लगा दिया खाली है का इश्तिहार, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दिल पर लगा दिया#
#दिल पर लगा दिया#
read moreNitin Pathak
White दूसरों कि गलती देखने गलत नहीं है पर शुरूआत खुद से होनी चाहिए 🤞🏻🙏🏻❣️ ©Nitin Pathak #good_night सही लगा हो तो कमेंट में जरूर बताना
#good_night सही लगा हो तो कमेंट में जरूर बताना
read moreRAVI PRAKASH
White खो रहा है अपनापन... दिखावा अब बढ़ने लगा है, कौन किससे बेहतर है... इस होड़ में हर कोई फंसने लगा है, हो रहे हैं अपने ही अपनों से दूर... दिलों में फासला गहराने लगा है, दिखावे की इस बुरी आदत से... अब हर रिश्ता बिखरने लगा है।। ©RAVI PRAKASH #sad_quotes खो रहा है अपनापन... दिखावा अब बढ़ने लगा
#sad_quotes खो रहा है अपनापन... दिखावा अब बढ़ने लगा
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White जमाना जमाने ने गलतियांँ करके मुझे शहर में मशहूर कर दिया जब मैं शहर में मशहूर हो गया तो जमाना खुद मुझे जलने लगा ©DR. LAVKESH GANDHI #जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
जलन # # जलने लगा जमाना मुझे#
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White जो लगा उन्हें इश्क़ है मुझे उनसे वो, बेतरह मगरूर हो गए भूल गए वादे, इक़रार सभी बस दूर मुझ से हो गए मलाल महज इतना ही रहा माना था जिन्हें ना ख़ुदा अपना वही हम से दूर हो गए ©हिमांशु Kulshreshtha जो लगा उन्हें
जो लगा उन्हें
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