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Banarasi..
Unsplash गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप का आशियां होता। गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। ©Banarasi.. #lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
#lovelife गर तू मेरी जमीं होती तो आसमां मैं तेरा होता। जहां जहां तेरे पैर ठहरते वो चमन गुलिस्तां होता। सूरज की तपिश मुझसे होके सुनहरी धूप क
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#Shayari nojoto चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं रुस्वाइया
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२ कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत, वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३ तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल, यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४ तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं, सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६ लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की, सुकून वालों को ही हैरानियां है//७ #Shamawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #library #nojoto #shayari चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//२ कहीं पर रखके वो भुला मुहब्बत, चलन मे नफरतों की तैयारियां है//३ तेरे पह्लु मे आकर बैठ जाऊं, मेरे दिल में तेरी बेताबियां है//४ तुझे चाहूँ तुझे सोचूँ मुसलसल मेरे दिल में तेरी बेचैनियां है//५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तेरे शानो पे जिम्मदारियां है//६ लगे मैले चमन मे बद-अमन के, मगर"शम्मा"से इनको क्यूं दुश्वरियां है//७ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_Status चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//
#Sad_Status चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
चौराहा बुला रहा पथिकों को अपनी गोदी में चौराहा थका हुआ कोई भी आए देख के बोले आहा ! कहता थोड़ी देर ठहर जा सुस्ता ले अब प्यारे मेरी भी रौनक बढ़ जाए पंथी तेरे सहारे देख दुकानें सजा रखीं हैं कर लो तुम जलपान तुम्हें यहाँ पर मिल सकता है जरूरत का सामान बेखुद जीवन के पथ में जब चौराहे मिलते लोगों के मुरझाए चेहरे वहाँ ठहर कर खिलते ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #चौराहा