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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
धड़कन दिल की भी कभी , सुन ले जो दिलदार । सच कहता हूँ आपसे , जाँ भी दूँ मैं वार ।। पत्नी सुख पाते कहाँ , यार आज पतिदेव । उनके तो दिल में सदा , रहे यार ही सेव ।। निर्धन है जो आज पति , दिखते हैं असहाय । उनकी तो पत्नी कहे , दूर कहीं मर जाय ।। पत्नी के ही प्रेम से , वंछित ये पति खास । धन माया के संग में , रखे न अपने पास ।। जिन पतियों के पास में , दौलत रहे अथाह । वे भी पत्नी पे नज़र , रखे मेरी सलाह ।। पति पत्नी का आज तो , बंधन लागे जेल । ताक-झाँक में देख लो , रिश्ते उनके फेल ।। पत्नी पावन थी कभी , अब तो है लाचार । सिर्फ निभाती आज है , डरकर ये संस्कार ।। पति पत्नी का प्रेम भी , लगता है व्यापार । बस फरमाइश हो वहाँ , दिखता कहीं न प्यार ।। प्रेमी जन जो भी यहाँ , फांसी खाते आज । और दिखावा जो करे , करते दिल पर राज ।। जख्मी दिल लेकर किधर , जायेंगे हम लोग । एक तुम्हारी याद का , बना हुआ है योग ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR धड़कन दिल की भी कभी , सुन ले जो दिलदार । सच कहता हूँ आपसे , जाँ भी दूँ मैं वार ।। पत्नी सुख पाते कहाँ , यार आज पतिदेव । उनके तो दिल में सदा
Devesh Dixit
किवाड़ों से झाँकती रौशनी एक जगह थी जो सुनसान, दिखा वहीं पर घर अनजान। घर के आगे खुला इलाका, दिखता था पूरा शमशान। यहाँ सन्नाटा सब ओर था, घर पर नहीं कोई और था। किवाड़ों से झाँकती रौशनी, जिसका नहीं कोई छोर था। धूल - मिट्टी से भरा हुआ था, जालों का भण्डार लगा था। टूटते से किवाड़ थे उसके, कबूतरों का वो घर बना था। फर फर कर उसमें मंडराते, वो गुटर गूँ से शोर मचाते। खाने को नहीं मिले वहाँ कुछ, भोजन लाने को उड़ जाते। कर जतन भोजन को लाते, बड़े मगन से फिर वो खाते। हो जाता जब घर में अँधेरा, बेखौफ हो कर वो सो जाते। क्या आगे मैं हाल बताऊँ, वीराने का दृश्य दिखाऊँ। जाता नहीं कोई वहाँ पर, यही तुमको मैं समझाऊँ। ............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #किवाड़ों_से_झाँकती_रौशनी #nojotohindi #nojotohindipoetry किवाड़ों से झाँकती रौशनी एक जगह थी जो सुनसान, दिखा वहीं पर घर अनजान। घर के आगे खु
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
*ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।। बैर मत करना कभी भी आप इनसे अब यहाँ । देख सबके भाग्य का सूरज उगाये मोदी जी ।। खौफ खाते आज दुश्मन हैं यहां जिस नाम से । एक ही वो नाम है तुमको बताये मोदी जी ।। जो न कोई कर सका वो कर दिखाया है यहां । इसलिए तो विश्व सारा गुनगुनाये मोदी जी ।। उनकी जय जयकार करता आज यह संसार है कि इस तरह दिल को सभी के आज भाये मोदी जी ।। एक संयासी के जैसी ज़िन्दगी जीते हैं वो राम को तब ही सुनो तो धाम लाये मोदी जी ।। कुछ नहीं ज्यादा प्रखर अब कह रहा है बात को । जो किया है काम को वो अब जताये मोदी जी ।। - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।।
Falak Naaz
White उसके ना होने का असर मेरे हाल में नज़र आता है जो भी देखता है तरस खाता है ©Falak Naaz #SAD तरस खाते हैं 🙁 #shayaari #sad_emotional_shayries #Heart #Broken💔Heart #hindi_shayari #Hindi #hindi_poetry
mauryajibhawalpur wale
Vikrant Rajliwal Show
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} पेड़ों जैसी जिंदगी मत जिओ, जो लोग फल तोड़ कर खाते भी है, और पत्थर भी मारते हैं, इस जीवन को भगवान श्री कृष्ण के लिए जिओ, तभी यह जीवन सफल होगा, भगवान हमारी हर इस्थिति को संभाल लेंगे, हमारा मन से सरनागति का होना जरूरी है।। ©N S Yadav GoldMine #Friendship {Bolo Ji Radhey Radhey} पेड़ों जैसी जिंदगी मत जिओ, जो लोग फल तोड़ कर खाते भी है, और पत्थर भी मारते हैं, इस जीवन को भगवान श्री क
Kuldeep KumarAUE
Shree Ram कभी-कभी, मैं इन गरीबों को देखकर सोचता हूं कि महंगाई बस थोड़ी सी और हो जाए अभी ये गरीब दो वक्त का खाना खाते हैं वह भी ना खा पाए, सब मर जाए ताकि मेरे देश के नेताओं का सपना, मेरा और आपका सपना पूरा हो सके गरीबी मुक्त भारत ©Kuldeep KumarAUE #shreeram कभी-कभी, मैं इन गरीबों को देखकर सोचता हूं कि महंगाई बस थोड़ी सी और हो जाए अभी ये गरीब दो वक्त का खाना खाते हैं वह भी ना खा पाए,