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ASHOK KUMAR POET
शहीदों की याद भाग -1 अपना देश था यारों सोने की चिड़िया या नजर लगी काऊ दुश्मन की । कोई व्यापारी आया बेचने भारत में सामान जाने भारत में देखे भोले भाले इंसान । हुई लालसा व्यापारी को मेरे भाई कैसे होवे राज हमारो या भारत देश में। करते करते व्यापार के बहाने घूमे पूरे हिन्दुस्थान मे । जब ली खबर हिन्दुस्थान की बटा मिला भारत टुकडों में मेरे भाई । फिर गोरों ने सलाह मिलाई ये मौखा फिर वापिस न आई । गए जहागीर के पास में गोरे महाराज हमें थोडी जगह आए आपके चरणों में हम पर करो आपकी कृपया । राजा बोला बैठो -बैठो भाई क्या फरमाइस है तुम्हारी बोले मेरे भाई। महाराज आपकी कृपा हो तो बोलू कुछ नहीं बस थोरी .अर्थचाहिए महाराज करवे कूँ व्यापार । आई दया महाराजा कूँ करदी 40 बीघा अर्थ नाम गोरे के । करो व्यापार हमारे देश में भाई ,कोई रोक टोक नही अब तुम पर । अब मिली छूट व्यापार की गोरो को । आगे शहीदों की याद
ASHOK KUMAR POET
भाग - 5 खबर फैल गई चारो तरफ रेल काण्ड की भाई अब करा तंग पहरा गोरो ने । करने पहुॅचे बहिष्कार लाला लाज पतराय अग्रेजों का इंकलाब के लगे गूंजने तब नारे । अंग्रेजों ने दिया आदेश जाओं भाई अपने घर लाला बोला हम नहीं तुम ही जाओ फिरंगी भाई । दिया आदेश अंग्रेज अफसर ने फिर टूट पड़े गोरे निर्दोषों पर भाई । लाला के सर पड़ती रही लाटी यारो धन्य है ऐसे पुत्र को झुका नही अग्रेजों के आगे सिर पर पडी हजारो लाटी मेरे सिर पर पड़ी ये एक-एक लाटी अग्रेजों आपके के लिए ये कील साबित होगी । इस तरह मारे गये धरती मा के लाल । आया समय असेम्बली का बम फेंका भगत ने यारो । हुए गिरफ्तार देश खातिर हस्ते हस्ते वे दीवाने । अब शुरु कहानी हुई जेल की यारो सब क्रान्तिकारी हुए जेल में यारों चढ़ा दिया इन्हे रिमान्ड पर अब भाई । आगे और अच्छा लगे तो दोस्त लाइक करे जिससे मुझे और लिखने की प्ररेणा मिले और आन्नद आये । धन्यवाद अशोक कुमारpoet शहीदों की याद
Kamal bhansali
जो जिस माटी से बने उसकी रक्षा लिए प्राण दे देते कहने को हम उन्हें शहीद कह देते असल में युग के वो देवता होते जो देश को रक्षा का वरदान दे देते उन देवताओं के लिए हम सतत प्रार्थना करते मां भारती के असली सपूतों की कसम देश की रक्षा के लिए प्राण भी दे सकते नमन नयनों से शहीदों को प्रणाम करते हुए सच्चे दिल से कहते ✍️कमल भंसाली #NojotoQuote शहीदों की कसम
ASHOK KUMAR POET
शहिदों की याद भाग-2 अब बनने लगी दुकाने गोरों की हल चल मची भारत में गोरों की । भारत बटा छोटे - छोटे खण्डों में अब पता चली कमजोरी गोरों को भारत की। भारत बटा हुआ खण्डों खण्डो में क्यों न इसका लाभ लिया जाये । कोशिश करने लगे थे गोरे अभी पेस न गई गोरों की । आई रात 1707 चल बसे भारत सम्राट खुशी छाई और राजाओं में । सबसे दुखद बात अब आई गोरों के मन खुशी समाई । खुला रास्ता अब गोरो का भारत बटा हुआ टुकड़ो में । बंगाल में चल रही आपसी रंजश गोरों को पता चली ये बात । किया अटैक गोरों ने बंगाल राज्य पर फिर लिया लूट बंगाल गोरो ने । अब हुआ बंगाल पर शासन गोरे। - राजा बना लियागुलाम चारो अपना । शहीदों की याद
ASHOK KUMAR POET
भाग- 3 शहीदों की याद हुआ राज अब धीरे धीरे सारे हिन्दुस्थान पर गोरे गोरे दिख रहे अब हिदुस्तान में। दिल वालों की दिल्ली छीनी उनको भी लिया दास बनाय । सगरे भारत में मची खल भली निकले निकले ये व्यापारी चोर । मार-मार के धन को लूटे और शासन अपना लिया जमाय । बंग, अवध और दिल्ली, लाहौर इन सबको अपना दास बनाया । एक एक करके पूरा हिन्दुस्तान इन गोरों ने गुलाम बनाया । अब करने लगे विरोध भारतीय इन्हों जेल भिजवाया। अब फैली क्रान्ति चारों ओर मेरे भईया जब-जब सभा करना चावे गोरे गोली मारे। 13 अप्रैल1919 की बात है भाई निर्दोषों पर गोली चलाने का आदेश दिया कातिल जनरल डायर ने । हजारों हत्या करदी इन कातिल अग्रेजों ने मारे गए क्रान्तिकारी भगत के चाचा । आगे और अशोक कुमार poet शहीदों की याद
ASHOK KUMAR POET
भाग - 5 खबर फैल गई चारो तरफ रेल काण्ड की भाई अब करा तंग पहरा गोरो ने । करने पहुॅचे बहिष्कार लाला लाज पतराय अग्रेजों का इंकलाब के लगे गूंजने तब नारे । अंग्रेजों ने दिया आदेश जाओं भाई अपने घर लाला बोला हम नहीं तुम ही जाओ फिरंगी भाई । दिया आदेश अंग्रेज अफसर ने फिर टूट पड़े गोरे निर्दोषों पर भाई । लाला के सर पड़ती रही लाटी यारो धन्य है ऐसे पुत्र को झुका नही अग्रेजों के आगे सिर पर पडी हजारो लाटी मेरे सिर पर पड़ी ये एक-एक लाटी अग्रेजों आपके के लिए ये कील साबित होगी । इस तरह मारे गये धरती मा के लाल । आया समय असेम्बली का बम फेंका भगत ने यारो । हुए गिरफ्तार देश खातिर हस्ते हस्ते वे दीवाने । अब शुरु कहानी हुई जेल की यारो सब क्रान्तिकारी हुए जेल में यारों चढ़ा दिया इन्हे रिमान्ड पर अब भाई । आगे और अच्छा लगे तो दोस्त लाइक करे जिससे मुझे और लिखने की प्ररेणा मिले और आन्नद आये । धन्यवाद अशोक कुमारpoet शहीदों की याद
ASHOK KUMAR POET
(शहीदों की याद) दोस्तो नमस्कार और सभी नोजोटो फैमिली को मेरा नमस्कार । दोस्तो आप मैं हम सभी जानते है। देश के क्रान्तिकारियों के बारे में फिर भी में शहीदों की याद ( छोटी कविता) के माध्यम से लिखकर सीधा लाइव करूँगा और अपने टूटे फूटे शब्दों के माध्यम से कविता लिखने का प्रयास करूँगा . क्योकि ये शहीद न होते तो हम अभिव्यक्ति के माध्यम से कुछ भी नही लिख सकते थे । मैं आप सभी का आर्शीवाद चाऊंगा और कामना करता हूँ कि आप इसे पड़कर शहीदो की याद कहानी पड़कर आपकी आत्मा और शहीदो की याद को तरोताजा करेगी और आपको अपने प्राचीन गुलाम भारत की यादे आयेगी फिर पता चलेगा कि क्या हमारा भारत गुलाम भी था। आज की युवा पीढ़ी भूल चुकी है कि हम कभी गुलाम भी थे। हमें सिर्फ गोरे लोगों ने गुलाम नहीं बनाया था अपितु अनेक यूरोपियो, फ्रांसिसी इत्यादि कौम ने शासन किया था । दोस्तो फिर से आप सभी से अनुरोध है में शहीदों की याद में 23 मार्च 1931 तक की बात को अपनी कविता के माध्यम से कहूँगा । इसमें ( राजगुरु भगतसिह खुदीराम बोस चन्द्रशेखर आजाद लाला राजपतराय) इस कहानी को छोटी कविता के माध्यम से एक दो या अधिक पार्ट में लिखने का प्रयास करुगा I भाग -1 आगे पड़ने के लिए इंतजार करे।देर के लिए माफी चाहता हूँ । अशोक कुमार Poet आगे पड़े शहीदों की याद
ASHOK KUMAR POET
भाग-4 शहीदों की याद देख जलियांवाला काड भगत का दिल भर आया जुल्मियों ने क्या जुल्म किया और निर्दोषो को मारा । एक गुट बनाई भगत ने और आ पहुँचा आजाद पास । भगत मात पिता से बोले मा अब शादी की न कहना भगत मात पिता से ऐसे बोले । पैसों की अब कमी आई बोले भाई आजाद भगत बोले क्या करे दादा ' दादा ने फिर प्लान बनाया 8 :२० पर ट्रेन विदेश जाती उसमें भारत का माल विदेश जाता उसको हमे लूठना भाई । आजाद बोले - टाइम से पहले काम करो भगत, राजगुरू , सुखदेव और गोपाला संग सब पहुॅचे स्टेशन फुल प्लान लूटवे का लिया बनाय भगत ने यारो जंजीर खीचीं ट्रेन रुकी बीच रास्ते । अग्रेज बोले क्या हुआ तब बरसने लगी गोलिया यारो मारे खूब अंग्रेज सिपाई । ताला तोर खजाना लूटा और बाहर आये ये काकोरी काण्ड कहावे । लगी खबर तब अंग्रेजों को इन वीर पुत्र क्रान्तिकारियों की। आगे और अशोक कुमार poet शहीदों की याद