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Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
Anarchy Short Story
"निषिद्ध जंगल में बुलबुले" विषादयुक्त वन में अपनी गोपनीय गहराई में एलडोरिया के हृदय में, 'प्रतिष्ठित वन' था। पुराने आत्माओं द्वारा रक्षित किया जाता है। एक दिन, युवा खोजी एलारा ने उसकी क्षेत्र में प्रवेश किया, अनजान खजाने की भविष्यवाणियों द्वारा प्रेरित होकर। जैसे ही वह गहराई में डूबती गई, पेड़ों को लगता था कि वे रहस्यों को फुसला रहे हैं, हरा पत्तावरण के एक भूलभुलैया के माध्यम से उसका मार्ग दिखाते हुए। प्रकाशित किए गए अद्भुत प्रकाश में, उसने एक प्राचीन मंदिर पर गिर पड़ा। एक रहस्यमय आवाज गूंजी, जो वन की छुपी शक्ति को प्रकट करती है। एलारा ने एक जादुई कंगन खोजा जो उसे वन के प्राणियों के साथ संवाद करने की क्षमता प्रदान करता है। नए साथियों के साथ, उसने चुनौतियों का सामना किया: धोखेबाज़ भूमि, चालाक मृगजाल, और एक संरक्षक सर्प। प्रत्येक परीक्षण उसे वन के हृदय के पास ले आया, जहां एक भूला हुआ शहर का इंतजार था। नगर की रुइन्स में, एलारा ने एक प्राचीन भविष्यवाणी का पता लगाया जो एक महान प्रलय की पूर्वसूचना देती थी। निरंतर, उसने आगामी आपदा को रोकने के लिए प्रयास किया, ज़ुकाम की असली उद्देश्य को खोलते हुए। साहस और उसके नए मित्रों की उसके निर्देशन में, एलारा वन का चुना हुआ रक्षक बनकर सामर्थ्य और वास्तविकता के बीच संतुलन को बनाए रखने के लिए उभरी। ©Anarchy Short Story "निषिद्ध जंगल में बुलबुले" #story #hindistory #story_telling #adventure #Journey #kahani #kahanisuno #hunarbaaz #Inspiration #anarchyshortst
Alok Vishwakarma "आर्ष"
विलोम लोम रात दिन, एक लगे तेरे बिन । असत्य सत्य वाक् मौन, मेरे लिये हुए गौण ।। अमत मत विराग राग, हृदय से रिसता पराग । अन्ध दीप्त तम अलोक, क्षण वियोग अश्रु शोक ।। "विलोम-लोम मिश्रण" एक कविता लोम व विलोम के पहलुओं को दर्शाती हुई। विलोम लोम रात दिन, एक लगे तेरे बिन । असत्य सत्य वाक् मौन, मेरे लिये हुए ग
DR. SANJU TRIPATHI
अनपढ़ चाहे कितना भी समझदार क्यों ना हो जाए, उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर ही रहता है। ईश्वर ने भी जाने कैसी मुसीबत सबके सर पर डाली है, बचे तो बचे कैसे कोई भी आगे कुआं तो पीछे खाई है। औरतें चाहे घर बाहर के सब काम सामंजस्य से कर लें, रहेंगी जीवन भर घर की मुर्गी दाल बराबर के जैसी ही। न रह गया अब रिश्तों में विश्वास कोई भी मान सम्मान, सभी एक दूजे से थोथा चना बाजे घना बनकर रहते हैं। करते हैं सभी न्याय की बड़ी बातें बताते हैं खुद को सही, डरते हैं सभी दूध का दूध और पानी का पानी कौन करें। प्रयुक्त विलोम शब्द काला अक्षर भैंस बराबर आगे कुआं पीछे खाई थोथा चना बाजे घना घर की मुर्गी दाल बराबर दूध का दूध पानी का पानी #काव्यसंग्
REETA LAKRA
वो किसी का दुश्मन नहीं हो सकता। तुम जिसके यार हो न वो किसी का याराना भुला नहीं सकता। तुम जिसके मित्र हो न वो किसी का शत्रु नहीं हो सकता। तुम जिसके साथी हो न वो किसी का साथ नहीं छोड़ सकता। तुम जिसके दिलदार हो न वो तुमसे दिलदारी नहीं छोड़ सकता। ३२४/३६६ तुम जिसके दोस्त हो ना... #जिसकेदोस्तहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi विलोम yreeta-lakra-9mba
REETA LAKRA
सोना जागना लगा रहेगा, उत्थान पतन लगा रहेगा, उपयोग दुरुपयोग लगा रहेगा, आदान प्रदान लगा रहेगा, आरंभ अंत लगा रहेगा, उधार नकद लगा रहेगा, रुकना चलना लगा रहेगा, जय पराजय लगा रहेगा, क्रय विक्रय लगा रहेगा, उतार चढ़ाव लगा रहेगा, जब तक जीवन है, तब तक मरण का डर लगा रहेगा। ३३७/३६६ पाना खोना लगा रहेगा, रोना धोना लगा रहेगा... #पानाखोना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विलोम yreeta-l
DR. SANJU TRIPATHI
रात-दिन तेरा खयाल बस तेरा इंतजार करते हैं, शाम ओ सवेरे अब हमको नागिन से डसते हैं। सोचा था तन्हाइयां और वीरानियां मिट जाएंगी, जीवन में बस प्यार की महफिलें सज जाएंगी। अमीरी गरीबी ने हमारे बीच में दीवारें उठा दी, हमारे रिश्ते में प्यार की जगह नफरत भर दी। हर मोड़ हर घड़ी हमारा ही था तिरस्कार किया , रख लेते रिश्ते का मान गर तुमने था प्यार किया। विलोम शब्द रात- दिन शाम- सवेरे तनहाई- महफिल अमीरी- गरीबी प्यार- नफरत तिरस्कार -मान
परवाज़ हाज़िर ........
Raghupati Raghav RajaRam.... petite Pavan Sitaram ...... Ishwar Allah Tere Naam.... Sabko Samti De Bhagwan.... हिंसा और अहिंसा मैं " बस एक अक्षर का फर्क होता है.... लेकिन अर्थ विलोम..... उसी तरह " सही और गलत में नजरिया तय करता है क्या किसके लिए सही हे.... ©G0V!ND_DHAkAD #GandhiJayanti2020 हिंसा और अहिंसा मैं बस एक अक्षर का फर्क होता है.... लेकिन अर्थ विलोम..... उसी तरह सही और गलत में नजरिया तय करता है क्य