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Shivedita Garg

SIDDHARTH.SHENDE.sid कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Hisamuddeen Khan 'hisam'

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rajeshwari Thakur

#andhere#आखिरी सांसहॉरर स्टोरी

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कौन हैं वो लड़की? 
वो चुप चुप सी क्यूं हैं?
इक राज छुपाए अपने दिल में, 
वो गुमसुम सी क्यूं हैं।

लेगी वो बदला, 
बदला लेगी वो, उस हर कातिल से,
जिसने उस लड्की की हंसी को, 
दर्द में भींगाई हैं।

वही आसमां, वही जमीं होगी, 
रात भी वैसी,बात भी वैसी ही होगी
उसी जगह, वही भंयकर शोर होगा
बदले में सब कुछ खामोश होगा।

धर्म होगा, मर्ज होगा, 
बांकि था वो फर्ज होगा।
बड़े दिनो के बाद आज, 
उस दिल का दर्द कम होगा।

दौड़ी थी वो ,चीखी थी वो, 
लेकिन रहम न किसी ने दिखलाई।
आयी, आयी, आयी, आयी 
अब उस हत्यारे कि बारी आई।

©rajeshwari Thakur #andhere#आखिरी सांस#हॉरर स्टोरी

hemlata25011964gmailcom

#Sad_Status आखिरी मजिल # nojoto#

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Ashish patil [R&J]

#Sad_Status कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Satyaprem Upadhyay Deep_26Nt unknown writer Kshitija sad shayari love shayari zindagi

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White एक शक्स बैठा रहा मेरी हाँ के "इंतज़ार में" एक शक्स मेरे इज़हार पर भी "मुकर गया❣️🐧😔🙆‍♂️

©jo_dil_kahe [R&J] #Sad_Status  कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि"  Satyaprem Upadhyay  Deep_26Nt  unknown writer  Kshitija  sad shayari love shayari zindagi

Ashish patil [R&J]

#love_shayari Deep_26Nt priyanka pilibanga कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि" Satyaprem Upadhyay Bhanu Priya love story quote on lov

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White हर लफ्ज़ तेरे प्यार की खुशबू में ढला है, 

ये सिलसिला है इश्क का जो तुमसे मिला है!❣️🐧

©jo_dil_kahe [R&J] #love_shayari  Deep_26Nt  priyanka pilibanga  कवि और अभिनेता हरिश्चन्द्र राय "हरि"  Satyaprem Upadhyay  Bhanu Priya  love story quote on lov

Diya

#GoodMorning #कभी भी यह #मत सोचना कि तुम्हें #याद नहीं करते हम, तुम सूरज की पहली #किरण, और रात का #आखिरी ख़्वाब हो तुम, तुम्हें देखें बगैर

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White कभी भी यह मत सोचना कि
तुम्हें याद नहीं करते हम,
तुम सूरज की पहली किरण,
और रात का आखिरी ख़्वाब 
हो तुम, तुम्हें देखें बगैर मेरा 
दिन नहीं गुजरता ,
मेरी आखिरी और पहले ख्वाहिश 
हो तुम।

©Diya #GoodMorning 
#कभी भी यह #मत सोचना कि
तुम्हें #याद नहीं करते हम,
तुम सूरज की पहली #किरण,
और रात का #आखिरी ख़्वाब 
हो तुम, तुम्हें देखें बगैर

ranjit Kumar rathour

आखिरी दिन

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अब नहीं आओगी न 
फिर कभी 
बस इतना ही बोल पाया था 
जाओ खुश रहना 
अपना ख्याल रखना अटकी सी 
थी आवाज मेरी 
इतना कह कर उसे भर लिया था 
अपनी बांहों मे 
ये सब कुछ अचानक से हुआ
आवाज रुआसी थी 
सीने से लगकर बोली आउंगी न 
मानो ढाडस दे रही थी 
उस वक्त मै कितना छोटा हो गया था 
 वो छोटी होकर भी बड़ी 
भींच लिया था इस कदर बांहों मे 
जैसे ये अखिरी हो 
पता है अब तो तमाम उम्र यादो संग 
गुजारनी है उसके 
लेकिन हा जाते जाते कहा था भूलाना 
मेरी गलतियों को 
लेकिन भूलना गलतियों को सिर्फ हमें नहीं 
खुश रहना अपना ख्याल रखना

©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन

ranjit Kumar rathour

आखिरी दिन

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और आज़ आखिरी दिन है 
कॉलेज का 
फिर शायद ही कोई मौका मिले 
कॉलेज आने का 
वैसे भी कौन आना चाहता है यहाँ 
सारे खड़ूस है 
सिवाय आपके सो आता रहा 
अब नहीं आना 
ये शब्द पता नहीं डरावने थे 
मगर पहली दफा 
एक आवाज़ निकली आना किसी बहाने 
बोल नहीं पाया 
वो समझती बहुत थी बोली आऊंगा न 
मन रखने के लिए 
बस इतने ही दिनों का साथ था 
शुक्रिया तुम्हारा 
तुमने जीवन मे एक नया पन्ना जोड़ा

©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन

s गोल्डी

.. औरत का पहला गुरूर उसका हुस्न होता हैं और आखिरी गुरूर उसके बच्चे होते हैं... अपने आखिरी

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..               औरत का पहला गुरूर उसका हुस्न होता हैं 
                   और आखिरी गुरूर उसके बच्चे होते हैं...

               अपने आखिरी गुरूर को मुकम्मल करने के लिए 
                वो अपने पहले गुरूर को ख़ाक में मिला देती है

©s गोल्डी ..               औरत का पहला गुरूर उसका हुस्न होता हैं 
                   और आखिरी गुरूर उसके बच्चे होते हैं...

               अपने आखिरी

ranjit Kumar rathour

मै वहीँ और जगह वहीँ (2024 का आखिरी din)

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साल आखिरी दिन था 
अपने सफर से घर कि ओर 
चल पड़ा था 
कि याकयक याद कोई आ गया 
सोचा उसके घर के सामने से जाना है 
देख लेता उसे 
मिल लेता उसे 
करीब से देख लेता 
साल कि आखिरी मुलाक़ात 
सोचता हुआ निकला 
मगर ये कैसे था संभव 
एकाएक दरवाजे से गुजरा 
मेरी बाइक रुक गयी
वो भागी आयी बोली 
बोलिए!क्या कहता 
सो कहा आज़ आखिरी साल है 
कल बदल जायेगा 
तुम 2024 ही रहना 
बदलना नहीं यही कहना था 
हा मिलूंगा कल भी 2025मे 
थोड़ी निखरी निखरी बहकी बहकी 
मिली थी एक अभिवादन था 
जिसमें था हम वहीँ है और वहीँ पर

©ranjit Kumar rathour मै वहीँ और जगह वहीँ 
(2024 का आखिरी din)
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