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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी गुमराह हुआ युवा राह में कई रोडे है लतो में पड़कर भविष्य डूबता क्षणिक आनन्द में डूबे है नीतियों के दल दल में फँसकर डिप्रेशन में डूबे है किया शोध किया स्टडी करे सत्ता के गलियारे मद मस्त हो कर अनपढ़ों की फौज जोड़े है भविष्य भारत का आज सिसकता अनैतिकता का बोझ,पार्टियो और दलों की बे रूखी से शर्मिंदगी देश ओढे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Dosti सत्ता के गलियारे मद मस्त होकर अनपढ़ों की फौज जोड़े है #nojotohindi
N S Yadav GoldMine
hanuman jayanti 2024 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्री कृष्ण के नियंत्रण में है, नया, पुरानापन, उतपत्ति-लय, होकर भी न होना आदि, जगत का कार्य, यह हम सबको आस्तिक भाव दर्षाता हैं।। ©N S Yadav GoldMine #hanumanjayanti24 {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्मा प्रकति से पृथक सत्ता है, ये सब किसी के भी वस में नही है, यह केवल एक उस परमसत्ता भगवान श्र
INDIA CORE NEWS
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब भगवान श्री कृष्ण के जीव अंस है, इसीलिए अविनाशी है, अमर सत्ता है, अनन्त है, अनन्त काल से अनन्त काल के लिए, अपने अनन्त जीवन, अपने सत्यस्वरूप, अपने चेतन स्वभाव के कारण हम सभी जीव अपने जीव अंशी की सत्ता पाकर अपने अस्तित्व में विचरण करने के लिए परेरित हैं।। जय श्री राधे कृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #Night {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब भगवान श्री कृष्ण के जीव अंस है, इसीलिए अविनाशी है, अमर सत्ता है, अनन्त है, अनन्त काल से अनन्त काल के
अदनासा-
जनता हूं मैं जानता हूं दब के रह जाती है मेरी हर आह, हमारे साहिब-ए-मसनद के हर दरबारी के वाह वाह में। ©अदनासा- #हिंदी #सत्ता #जनता #लोकतंत्र #आह #दरबारी #वाह #againstthetide #Instagram #अदनासा
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी स्वाभिमान के लिये बाजी जिंदगी की लगा दो ऊँच नीच जाति पाति सियासतों की देन है एकता की तुम मिशाल जला दो बंधक ना बनो किसी राजनीतिक पार्टी के हित समाज और राष्ट्र के लिये नेताओ की ईंट से ईंट बजा दो युवा शक्ति किया होती है भारत के सारे संसाधन अपने हक में झुका दो सियासतों के मंसूबे गुलामी के है उनके चंगुल से सत्ता खिसका दो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Friendship उनके चंगुल से सत्ता खिसका दो #nojotohindi
Harshvardhan असरार जौनपुरी
डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी - डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी क्या बताएं डेमोक्रेसी देख रहे हैं डेमोक्रेसी फर्जी नारों की डेमोक्रेसी जुमलेबाजी की डेमोक्रेसी मंदबुद्धि की डेमोक्रेसी मरी मीडिया की डेमोक्रेसी अराजकता की डेमोक्रेसी सत्ता लूट की डेमोक्रेसी फर्जी विचारधारा की डेमोक्रेसी दक्षिणपंथी डेमोक्रेसी वामपंथ की डेमोक्रेसी मुख्यधारा की डेमोक्रेसी अजब गजब डेमोक्रेसी रंग बिरंगी डेमोक्रेसी ब्लैक एंड व्हाइट डेमोक्रेसी लूट रही है डेमोक्रेसी हंस रही है डेमोक्रेसी बर्बरता की डेमोक्रेसी रोज लूटे है डेमोक्रेसी रोज पीटे है डेमोक्रेसी हमारी अपनी डेमोक्रेसी गुंडागर्दी की डेमोक्रेसी गैर कानूनी डेमोक्रेसी चीख रही है डेमोक्रेसी घुट रही है डेमोक्रेसी दम तोड़ती डेमोक्रेसी चौकी थाने की डेमोक्रेसी माफिया की अपनी डेमोक्रेसी नकल माफिया की डेमोक्रेसी अपराध उद्योग की डेमोक्रेसी कॉरपोरेट फंडिंग की डेमोक्रेसी इलेक्टोरल बांड की डेमोक्रेसी ऐसी नौटंकी डेमोक्रेसी न्याय में बिकती डेमोक्रेसी झूठ नहीं है ये डेमोक्रेसी मजबूर हुई है डेमोक्रेसी मजबूत हुई है डेमोक्रेसी शांत सब सहती डेमोक्रेसी कुछ न कहती डेमोक्रेसी सबके दिल में डेमोक्रेसी न रोती हंसती डेमोक्रेसी ऐसी हो गई डेमोक्रेसी रंग बेरंग की डेमोक्रेसी नॉर्वे डेनमार्क की डेमोक्रेसी ऐसी ना अपनी डेमोक्रेसी ऐसी ही यहां की डेमोक्रेसी चंचल मन की डेमोक्रेसी कविता असरार की डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी ©Harshvardhan असरार जौनपुरी #Emotional डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी - डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी क्या बताएं डेमोक्रेसी देख रहे हैं डेमोक्रेसी फर्जी नारों की डेमोक्रेसी जुमल
bhim ka लाडला official
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो सब मिलकर, करो मतदान को । ये तो सब लुटेरे हैं , करते हेरे-फेरे हैं पहचानते है हम , छुपे शैतान को । मतदान कर रहे , क्या बुराई कर रहे, रेंगता है मतदाता , देख के विधान को ।।१ वो भी तो है मतदाता, क्यों दे जान अन्नदाता , पूछने मैं आज आयी , सुनों सरकार से । मीठी-मीठी बात करे , दिल से लगाव करे, आते हाथ सत्ता यह , दिखता लाचार से । घर गली शौचालय, खोता गया विद्यालय, देखे जो हैं अस्पताल , लगते बीमार से। घर-घर रोग छाया , मिट रही यह काया , पूछने जो आज बैठा , कहतें व्यापार से ।।२ टीप-टिप वर्षा होती , छत से गिरते मोती , रात भर मियां बीवी , भरते बखार थे । नई-नई शादी हुई , घर में दाखिल हुई , पूछने वो लगी फिर , औ कितने यार थे । मैने कहा भाग्यवान , मत कर परेशान , कल भी तो तुमसे ही , करते दुलार थे । और नही पास कोई , तुम बिन आँख रोई, जब तेरी याद आई , सुन लो बीमार थे ।।३ २८/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो
अदनासा-
जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° नागरिक चुनाव आयोग को देखो, एकतरफा विकट हठयोग चला है, सत्ता से योग तो हो गया, परंतु विपक्ष से वियोग है, तो लोकतंत्र अयोग्य होगा ही, भ्रमित होते है अपने लोग, इसलिए नारों का उपयोग, सत्ता के दुरूपयोग के लिए है, तभी तो प्रयोग ४०० पार होगा, अजीब संयोग है यह, परंतु कोई संजोग नही, सांप्रदायिक द्वेष का रोग है, लोकतंत्र निरोग भला कैसे होगा ? परंतु कोई अभियोग नही चलेगा, तेरा-मेरा करने से हमलोग बनेगा ? राजधर्म का पता नही ? परंतु राजा योग तो बना है। ©अदनासा- #चुनाव #आयोग #अयोग्य #सत्ता #बेलगाम #पत्रकारिता #चाटूकार #विपक्ष #अनाथ #अदनासा