Find the Latest Status about रोहिंग्या हिन्दू from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रोहिंग्या हिन्दू.
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- सत्य सनातन जगा दिया है मोदी ने । झण्डा ऊँचा उठा दिया है मोदी ने ।।१ कहता-फिरता विपक्ष दुनिया में सबसे । हाथ कटोरा थमा दिया है मोदी ने ।।२ भाई बहनों के प्यारे उद्धबोधन से । सबको कायल बना दिया है मोदी ने ।।३ गिरगिट जैसा रूप बदलते हैं नेता । आकर वो भी दिखा दिया है मोदी ने ।।४ किस-किस का मैं नाम यहाँ पे लूँ बोलो । झूठों को अब दबा दिया है मोदी ने ।।५ दिल में रखतें हैं मोदी जिस भारत को । उसको दुल्हन बना दिया है मोदी ने ।।६ हम तो जन है आम यहाँ थी क्या गिनती । हम भी कुछ हैं बता दिया है मोदी ने ।।७ उठो बढ़ो जाकर अब सब मतदान करो । राह अँधेरा हटा दिया है मोदी ने ।।८ बटे हुए थे भाई हिन्दू मुस्लिम में । सबको फिर से मिला दिया है मोदी ने ।।९ जूझ रही थी बहनें सभी रिवाजों में । मुक्त उन्हें भी करा दिया है मोदी ने ।।१० भूल न जाओ भाई बहनों योगी को । कल का सूरज दिखा दिया है मोदी ने ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सत्य सनातन जगा दिया है मोदी ने । झण्डा ऊँचा उठा दिया है मोदी ने ।।१ कहता-फिरता विपक्ष दुनिया में सबसे । हाथ कटोरा थमा दिया है मोदी ने ।।
ARTI JI
Black यूं तो हिन्दू धर्म में सालभर त्योहारों का सिलसिला जारी रहता है परंतु बैशाख माह लोकवेद पर आधारित परंपराओं के अनुसार विशेष माना जाता है जिसमें व्रत, दान तथा होम जैसी और भी धार्मिक क्रियाएं शामिल हैं जो बड़ी जोर-शोर से सम्पन्न की जाती हैं। ऐसी लोकमान्यता है कि इस माह में किये गए अनुष्ठान अधिक लाभकारी होते हैं। इसी संदर्भ में कुछ नई जानकारी आज आपको हिन्दू धर्म के पवित्र शास्त्रों के आधार पर इस लेख से मिलने वाली है तो अंत तक बने रहें: https://bit.ly/3JqkQSZ #VaisakhMonth #VaisakhMonth2024 ©ARTI JI #Morning #IPL2024 #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #कॉमेडी #लव #IPL यूं तो हिन्दू धर्म में सालभर त्योहारों का सिलसिला जारी रहता है परंतु बैशाख माह
Dr.Shweta Singh
Saket Ranjan Shukla
Ganesh joshi
Beautiful Moon Night इस साल हिंदू नव वर्ष की शुरुआत यानी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 09 अप्रैल 2024 को है। लहरादो घर-घर भगवा ©Ganesh joshi हिन्दू नववर्ष ❤ #hindunavvarsh #Hindu #newyear #status #story 🚩नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं😍🚩
ITS__PRAKASH__WRITER__4U
N S Yadav GoldMine
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशाख का महीना हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं. वैशाख अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म :- 🌿प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। वैशाख अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं. 🌿इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 🌿पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। 🌿वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। 🌿अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। 🌿निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। पौराणिक कथा :- 🌿वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी एक कथा पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण हुआ करते थे। वे बहुत ही धार्मिक और ऋषि-मुनियों का आदर करने वाले व्यक्ति थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है। धर्मवर्ण ने इस बात को आत्मसात कर लिया और सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन घूमते हुए वह पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है। साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई। ©N S Yadav GoldMine #wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा