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Ajay Tanwar Mehrana
प्रेम योगी हैं बहुत कम बिना इनके पड़े अकाल योग करने का नहीं दम इसलिए है जिस्म जाल । योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल , योग मेरा और तुम्हारा बन रहा प्रतिपल मिशाल । प्रेम भोगी हैं बहुत सारे जो भोगें गम मलाल , जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत शक्ल और गुलाबी गाल । बिना प्रेम भोगे गले ना किसी की नौजवां दाल इसलिए सदियों से चलती आ रही प्रिय प्रेम चाल । इस मिलन का योग है भोग में निश्चित दलाल , योग युग का या स्वयं का बन गया अद्भुत कमाल । . ©Ajay Tanwar Mehrana #योग #युग #का या स्वयं का
Jit
पुजारा खाना बहुत धीरे-धीरे खाते हैं क्यू कि धीरे-धीरे खाने से टेस्ट आता है और वो भी टेस्ट के वह खिलाड़ी हैं। ©Jit टेस्ट का नहीं टेस्ट का है मामला
टेस्ट का नहीं टेस्ट का है मामला #कॉमेडी
read moreN S Yadav GoldMine
Black भक्ति साधारण रूप से दो भागों में बाँटी जा सकती है । {Bolo Ji Radhey Radhey} पहली साधन भक्ति और दूसरी साध्य भक्ति । साधन भक्ति का अर्थ होता है, कि मन भगवान में कैसे लगे, भजन में कैसे लगे इसका प्रयास. और साध्य भक्ति का अर्थ होता है, अब मन लग गया है, अब बस भगवान का भजन हो और उनके नाम रूप गुण की चर्चा होl अब उनसे एकत्व हो जाये । ©N S Yadav GoldMine #Morning भक्ति साधारण रूप से दो भागों में बाँटी जा सकती है । {Bolo Ji Radhey Radhey} पहली साधन भक्ति और दूसरी साध्य भक्ति । साधन भक्ति का
#Morning भक्ति साधारण रूप से दो भागों में बाँटी जा सकती है । {Bolo Ji Radhey Radhey} पहली साधन भक्ति और दूसरी साध्य भक्ति । साधन भक्ति का
read moreMahadev Son
आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में चक्र आत्मा का भी कुछ ऐसा आत्मा पवित्र और शुद्ध होती मैला तो तन और मन होता जल को क्या मालूम बिस्लेरी का काम बुझाना प्यास जल का आत्मा का वास तन का मन क्या जाने उसको तो बस रहता इंतजार उस दिन मिलन होना प्रभु से कब इसी आस में जीना ©Mahadev Son आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में च
आत्मा जल समान सा शुद्ध निर्मल प्रवेश निकास का स्वयं राह ढूंढ लेती समुद्र से बादल बन मेंह बनकर फिर बरसती बहती मिल जाना अंत समुद्र में च #Bhakti
read morebook lover
जो धर्म की राह पर चलते हैं भगवान उनके घोड़ों की लगाम खुद पकड़ लेते हैं ©book lover धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है
धर्म का मार्ग उन्नति का मार्ग है #Bhakti
read moreअमित कुमार
White आपकी नजाकत के सामने क्या है मेरा गजल देखकर आपको झुक जाते हैं सजदे मे कमल। ओ रूप की रानी तेरी तारीफ करूं मैं कैसे तेरी एक मुस्कान पे कुर्बान हजारों ताजमहल।। ©Amit रूप की रानी
रूप की रानी #शायरी
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