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विवेक ठाकुर 'शाद'
New Year 2025 221 2121 1221 212 मेहनत करूँगा ख़ून पसीना बहाऊँगा मैं एक रोज़ नाम जहाँ में कमाऊँगा उम्मीद और हौसलों के दम पे ज़ीस्त में आसान मुश्किलों को मैं करके दिखाऊँगा होगी ज़रा सी देर मुझे जानता हूँ पर मंज़िल पे एक रोज़ पहुँच मैं भी जाऊँगा मुझको समझ रहे हैं जो हारा हुआ यहाँ वादा रहा मैं जीत के उनको दिखाऊँगा माज़ी की हर ख़ता से मैं लेकर कड़ा सबक़ मैं जिंदगी का कारवाँ आगे बढ़ाऊँगा जीते जी ऐसा काम करूँगा हयात में मर कर भी मैं सभी को सदा याद आऊँगा ©विवेक ठाकुर 'शाद' 👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा... 👉 काफ़िया - आऊँगा 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 21
👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा... 👉 काफ़िया - आऊँगा 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 21
read moreप्रकाश " प्रिये"
New Year Resolutions चलो फिर से मुस्कुराओ नये साल में। उलझनों को भूलजाओ नये साल में। पुराने साल में ग़म लाख तुम हो सहे; नया कोई कदम उठाओ नये साल में। ©प्रकाश " प्रिये" #newyearresolutions #सालमुबारक #शेर #शायरी #ग़ज़ल दोस्त शायरी शायरी हिंदी में शेरो शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी लव शायरी
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read moreShivkumar barman
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी उन ख़ामोशी से अदा हो रस्म- ए - दूरी मे हम बे वजह लड़ कर कोई हंगामा ही क्यो करे !! ये काफ़ी है कि हम आपका दुश्मन दुश्मन नहीं है !! तो हम वो वफ़ादारी का दावा ही क्यों करे !! कहे कलम सूर्य की तुम हमारी ही ग़ज़ल का इंतज़ार क्यो ही करे !! हम तुम्हारी उस कहानी का हिस्सा ही क्यो बने !! तुम हमारी ही तम्मना क्यों ही करोगे ? और हम तुम्हारी ही तमन्ना क्यों ही करे ? !! हमारी दुनिया की परवाह नहीं है तो हम भी दुनिया की परवाह ही क्यों करे !! ©Shivkumar barman !! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया #रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु #बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी
read moreLalit Saxena
हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है सांस-सांस पीर कसमसाती रहती मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन उदास शाम को भी उतरते देखा है ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है दरवाजे पर नहीं कोई दस्तक हुई हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है ©Lalit Saxena ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreSumitGaurav2005
Unsplash थोड़ा सा उजाला मिल जाए। गिरते को सहारा मिल जाए। भटका हुआ है जो मुसाफिर, मंज़िल अब दुबारा मिल जाए। डूब रहा शख़्स जो भँवर में, डूबते को किनारा मिल जाए। तलाश है हमें हमसफर की, सनम वो प्यारा मिल जाए। चाहते तुम्हें दिल-ओ-जान से, तुम्हारा भी इइशारा मिल जाए। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 #camping #Love #lovequotes #ग़ज़ल #ghazal #sumitgaurav #sumitmandhana #sumitkikalamse #humsafar #jeevansathi most romantic love shayari in
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read moreSumitGaurav2005
"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -2 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa fa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_expe
read moreSumitGaurav2005
"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -1 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_experie
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
चिलमन=पर्दे ख़लिश=शिकायत राफ़्ता= संबंधित दरमियां ए साहिल= मझधा, मुकद्दर(भाग्य) स्वलिखित गज़ल शीर्षक समंदर आंखों का विधा गज़ल भाव वास्त
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
#poetryunplugged #ग़ज़ल 'दर्द भरी शायरी' Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) abhishek sharma RAVINANDAN Tiwari दुर्लभ "दर्शन" Rekha💕Sharma
read moreविवेक ठाकुर 'शाद'
👉 ग़ज़ल - कुछ वादे.... 👉 काफ़िया - इये 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 212
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