Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ग़ज़ल रहनुमा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ग़ज़ल रहनुमा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ग़ज़ल रहनुमा.

विवेक ठाकुर 'शाद'

👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा... 👉 काफ़िया - आऊँगा 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 21

read more
New Year 2025 221 2121 1221 212

मेहनत   करूँगा   ख़ून   पसीना   बहाऊँगा
मैं   एक   रोज़   नाम  जहाँ   में  कमाऊँगा

उम्मीद  और  हौसलों  के  दम  पे  ज़ीस्त में 
आसान मुश्किलों को मैं  करके दिखाऊँगा

होगी  ज़रा  सी   देर  मुझे  जानता  हूँ  पर
मंज़िल पे एक  रोज़ पहुँच  मैं भी जाऊँगा

मुझको  समझ  रहे  हैं  जो  हारा हुआ यहाँ
वादा रहा मैं  जीत  के  उनको  दिखाऊँगा

माज़ी की हर ख़ता से मैं लेकर कड़ा सबक़
मैं  जिंदगी  का   कारवाँ  आगे  बढ़ाऊँगा

जीते  जी  ऐसा   काम  करूँगा  हयात  में
मर कर भी मैं सभी को सदा याद आऊँगा

©विवेक ठाकुर 'शाद' 👉 ग़ज़ल - याद आऊँगा...
👉 काफ़िया - आऊँगा
👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल
👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़
👉 वज़्न - 221 2121 1221 21

प्रकाश " प्रिये"

newyearresolutions सालमुबारक शेर शायरी ग़ज़ल दोस्त शायरी शायरी हिंदी में शेरो शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी लव शायरी

read more
New Year Resolutions चलो फिर से मुस्कुराओ नये साल में।
उलझनों को भूलजाओ नये साल में।

पुराने साल में ग़म लाख तुम हो सहे;
नया कोई कदम उठाओ नये साल में।

©प्रकाश " प्रिये" #newyearresolutions 
#सालमुबारक 
#शेर 
#शायरी 
#ग़ज़ल  दोस्त शायरी शायरी हिंदी में शेरो शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी लव शायरी

Shivkumar barman

!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!! हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !! जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !! अपनी

read more
!! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!!

हम एक नया रिश्ता पैदा ही क्यों करे !!
जब हमको यु बिछड़ना है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !!

अपनी उन ख़ामोशी से अदा हो रस्म- ए - दूरी मे
हम बे वजह लड़ कर कोई हंगामा ही क्यो करे !!

ये काफ़ी है कि हम आपका दुश्मन दुश्मन नहीं है !!
तो हम वो वफ़ादारी का दावा ही क्यों करे !!

कहे कलम सूर्य की तुम हमारी ही ग़ज़ल का इंतज़ार क्यो ही करे !!
हम तुम्हारी उस कहानी का हिस्सा ही क्यो बने !!

तुम हमारी ही तम्मना  क्यों ही करोगे ?
और हम तुम्हारी ही तमन्ना क्यों ही करे ? !!

हमारी दुनिया की परवाह नहीं है तो
हम भी दुनिया की परवाह ही क्यों करे !!

©Shivkumar barman !! किसी ने बड़ी कमाल की बात कही है.....!!

हम एक नया #रिश्ता  पैदा ही क्यों करे !!
जब हमको यु #बिछड़ना  है तो हम झगड़ा ही क्यों करे !!

अपनी

Lalit Saxena

ग़ज़ल

read more
हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है 
रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है 

सांस-सांस पीर कसमसाती रहती 
मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है 

उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन
उदास शाम को भी उतरते देखा है 

ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है
उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है 

दरवाजे पर नहीं कोई  दस्तक हुई
हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है 

दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे
बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है

©Lalit Saxena ग़ज़ल

SumitGaurav2005

Unsplash थोड़ा सा उजाला मिल जाए।
गिरते को सहारा मिल जाए।
भटका हुआ है जो मुसाफिर,
मंज़िल अब दुबारा मिल जाए।
डूब रहा शख़्स जो भँवर में,
डूबते को किनारा मिल जाए।
तलाश है हमें हमसफर की,
सनम वो प्यारा मिल जाए।
चाहते तुम्हें दिल-ओ-जान से,
तुम्हारा भी इइशारा मिल जाए।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005 #camping #Love  #lovequotes #ग़ज़ल #ghazal #sumitgaurav #sumitmandhana #sumitkikalamse #humsafar #jeevansathi  most romantic love shayari in

SumitGaurav2005

"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -2 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa fa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_expe

read more

SumitGaurav2005

"हालात ए बयां, दर्द ए ग़ज़ल -1 " ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔 #BreakUp #Bewafa #Bewafai #sumitkikalamse #sumitmandhana #sumitgaurav Life_experie

read more

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

चिलमन=पर्दे ख़लिश=शिकायत राफ़्ता= संबंधित दरमियां ए साहिल= मझधा, मुकद्दर(भाग्य) स्वलिखित गज़ल शीर्षक समंदर आंखों का विधा गज़ल भाव वास्त

read more

Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

#poetryunplugged #ग़ज़ल 'दर्द भरी शायरी' Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) abhishek sharma RAVINANDAN Tiwari दुर्लभ "दर्शन" Rekha💕Sharma

read more

विवेक ठाकुर 'शाद'

👉 ग़ज़ल - कुछ वादे.... 👉 काफ़िया - इये 👉 रदीफ़ - ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल 👉बह्र - बहर-ए-मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़ 👉 वज़्न - 221 2121 1221 212

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile