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Mehfil-e-Mohabbat

✍️♥️ सईद दोशी ♥️✍️ #शायरी

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Rajkumar Kashyap

शराब हम नही पीते शराब हम को पीती है मोहब्बत हम नही करते ये सब दिल की दोशी है

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खुदा ने जब इश्क बनाया
होगा तो खुद आजमाया
हमारी तो औकात ही 
क्या है इस इश्क ने 
खुदा को भी
रुलाया 
होगा
)(R)(P)( शराब हम नही पीते शराब हम
को पीती है मोहब्बत हम
नही करते ये सब दिल
की दोशी है

युवी

तेरे आरोप की वकालत में हम भी दोशी पाए गए हैं ना जाने मेरे अनजान होने की आड़ में और भी तेरे कितने गुनाह छिपाए गए हैं #nojotophoto

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 तेरे आरोप की वकालत में हम भी दोशी पाए गए हैं ना जाने मेरे अनजान होने की आड़ में और भी तेरे कितने गुनाह छिपाए गए हैं

Anant Nag Chandan

#sadquotes मुंह जबानी ना जताता कि मोहब्बत क्या है मैं तुझे करके दिखाता कि मोहब्बत क्या है। कैसे सीने से लगाऊं कि किसी और के हो, मेरे होते त

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मुंह जबानी ना जताता कि मोहब्बत क्या है
मैं तुझे करके दिखाता कि मोहब्बत क्या है।

कैसे सीने से लगाऊं कि किसी और के हो,
मेरे होते तो बताता कि मोहब्बत क्या है।

खूब समझाता तुझे तेरी मिसालें देकर,
काश ! तू पूछने आता कि मोहब्बत क्या है।

सईद अहमद दोशी

©Anant Nag Chandan #sadquotes मुंह जबानी ना जताता कि मोहब्बत क्या है
मैं तुझे करके दिखाता कि मोहब्बत क्या है।

कैसे सीने से लगाऊं कि किसी और के हो,
मेरे होते त

Mrinal Mandal

'Nirbhaya' वो शाम फिर शर्मिन्दा थी वो हवस जो तुम में ज़िन्दा थी एक मासूम फिर से हार गया और जीत गयी फिर दरिंदगी क्या दोश दूँ उसके कपड़े #Poetry

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'Nirbhaya'

वो शाम फिर शर्मिन्दा थी 
वो हवस जो तुम में ज़िन्दा थी 
एक मासूम फिर से हार गया 
और जीत गयी फिर  दरिंदगी 

क्या दोश दूँ  उसके कपड़े

tjya2612

बुरा असल में कोन है? #Dussera #Poetry #nojotopoetry दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे बुराई के रूप में, फ़िर उस रावण को जलाएंगे चीर हरण का, वो पा

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दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे 
बुराई के रूप में, फ़िर उस रावण को जलाएंगे
चीर हरण का, वो पाप है जिसके नाम,
उस दुर्योधन के पाप को, हम फ़िरसे भूल जाएंगे!
दहन के लिए हम आज फ़िर जाएंगे 

अपरहण के भी बाद, ना जिसने लगाया था हाथ
उसी रावण को हम, दोशी फ़िर ठहराएंगे
लगाकर उसमें आग, बताकर उसको पाप
दशहरे का फ़िर, जश्न हम मनाएंगे
कलयुग के हर पापी को, रावण हम बताएंगे
बुराई का है वो प्रतीक, ये फ़िरसे बच्चों को पढ़ाएंगे
बुरा असल में कोन है, हम फ़िर ना समझ पाएंगे
जलाकर हम फ़िर रावण को, घर अपने लौट आएंगे
दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे! बुरा असल में कोन है? #dussera #poetry #nojotopoetry दहन के लिए, हम आज फ़िर जाएंगे 
बुराई के रूप में, फ़िर उस रावण को जलाएंगे
चीर हरण का, वो पा
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