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Rameshkumar Mehra Mehra
White सपनो की तरह लोग भी टूट जाते है.... जरा सी ठोकर में अकसर छुट जाते हे....! सोचा ना था रिश्ते का इतना मोल होगा....!! जहां मतलब नही,बहां लोग रुठ जाते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # सपनो की तरह .....
# सपनो की तरह .....
read moreSuneel Nohara
Unsplash यूँ गिरगिट की तरह रंग बदलते है लोग। नोहरा ,सांप और बिच्छू को भी , शर्मिन्दा करते है लोग। ©Suneel Nohara यूँ गिरगिट की तरह,,, Anshu writer अदनासा- Ashutosh Mishra Lalit Saxena Sethi Ji
यूँ गिरगिट की तरह,,, Anshu writer अदनासा- Ashutosh Mishra Lalit Saxena Sethi Ji
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं, जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं, जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।
#नवनीतठाकुर दिल की उम्मीदें सज़ा की तरह मिलीं, जो कभी अपना था, वो हमारा न हो सका।
read morelove you zindagi
चाहत से उसकी मैं बेखबर था पहले से ही मैं बहुत खामोश था, ऐसी शिद्दत से उसने गले से लगाया सुकून की चाहत में, मैं दौड़ा चला आया ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #Love #चाहत #बेखबर #खामोश #शिद्दत #सुकून
Surinder Kumari
फ़ूलों की तरह फूलों की तरह महकना सीखो चारों ओर अपनी खुशबू बखेरो खुल कर तुम खिलना सीखो चारों और अपनी मुस्कराहट बखेरो ©Surinder Kumari Muskrahat# फूलों की तरह
Muskrahat# फूलों की तरह
read moreSarfaraj idrishi
किताबों की तरह बहुत अल्फाज़ है मुझ में और किताबों की तरह बहुत ख़ामोश हूं में ©Sarfaraj idrishi किताबों की तरह बहुत अल्फाज़ है मुझ में और किताबों की तरह बहुत ख़ामोश हूं में Islam Achman Chitranshi Ankita Tantuway Rajan Singh Kishan S
किताबों की तरह बहुत अल्फाज़ है मुझ में और किताबों की तरह बहुत ख़ामोश हूं में Islam Achman Chitranshi Ankita Tantuway Rajan Singh Kishan S
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ुबां कहे भी तो किसे सुनाए ग़म, जिस दिल ने जिया है, वही समझे कम। बेनिशान थी आरज़ू, मगर गहरी छाप छोड़ गई, ज़ुबां खामोश रही, मगर दास्तां बोल गई। दिल के अंदर एक कहानी दबी थी, जो न कह सका, वो नरगिस ने सुनाई थी। गहरी छाप थी मोहब्बत की, वक़्त ने छोड़ दी, ज़ुबां की खामोशी में सच्चाई खोल दी। दर्द को छिपाकर, दिल ने उसे सहा, जिसे कह न सका, वही आह में बहा। मौन की गहराई में, दिल की आवाज़ पाई, जो अल्फ़ाज़ न थे, वो खामोशी ने जताई। ©नवनीत ठाकुर #जुबां खामोश थी
#जुबां खामोश थी
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