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बेजुबान शायर shivkumar
White एक पिता सदा देता रहा ,अपने संतानों को प्यार । अपने कांधे मे सदा ही रखा ,अपनो परिवार के दायित्वों का भार । वो कभी नहीं घुटने दिए ,अपने बच्चों के वो अरमान को । एक मांग था , लाकर दिया हर सामान को ।। एक पिता पालता है अपने परिवार को , रखता है पूरा ध्यान । घर में मिलता हो कभी , भले न मिले उसको मान ।। एक पिता नहीं वो भगवान है , पर समझे है कौन । ये दुनिया इस सम्मान पर ,कभी हो जाती है मौन ।। ये बच्चे बेशक दें नहीं देते , कभी अपने पिता को मान । पिता मगर रखता सदा है , अपने बच्चों का ध्यान ।। ©Shivkumar बेजुबान शायर #fathers_day #HappyFathersDay #FathersDay #FathersDaySpecial #Family #familylove एक #पिता सदा देता रहा ,अपने संतानों को #प्यार । अपन
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read moreGanesh joshi
White कोअतिभारः समर्थानाम – अर्थः समर्थ जनों के लिए क्या अधिक भार हैं। क्रोधः पापस्य कारणम् – अर्थः क्रोध पाप का कारण होता हैं। ©Ganesh joshi #sad_shayari कोअतिभारः समर्थानाम – अर्थः समर्थ जनों के लिए क्या अधिक भार हैं। क्रोधः पापस्य कारणम् – अर्थः क्रोध पाप का कारण होता हैं। #sto
#sad_shayari कोअतिभारः समर्थानाम – अर्थः समर्थ जनों के लिए क्या अधिक भार हैं। क्रोधः पापस्य कारणम् – अर्थः क्रोध पाप का कारण होता हैं। sto #story #Motivational
read moreDevesh Dixit
गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे जो भावना, वो बदले की राह। मर्म उसे सोहे नहीं, उसको क्या परवाह।। गरल धरे जो कंठ में, वो हैं भोले नाथ। दुष्टों का संहार कर, भक्तों का दें साथ।। करे गरल का त्याग जो, सज्जन उसको मान। छोड़ सभी वह द्वेष को, करता सुख का पान।। गरल भरे आस्तीन में, छिप कर करता वार। अपमानित होता तभी, मन में रखता भार।। .............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #गरल #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे
#गरल #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry गरल (दोहे) गरल भरे मन में यहाँ, देखो जो इंसान। कष्ट भोगता है वही, कहते हैं भगवान।। दुष्ट धरे #Poetry #sandiprohila
read moreGanesh joshi
White कोअतिभारः समर्थानाम – अर्थः समर्थ जनों के लिए क्या अधिक भार हैं। ©Ganesh joshi #Smile कोअतिभारः समर्थानाम – अर्थः समर्थ जनों के लिए क्या अधिक भार हैं। #story #status #mahadev #story
Manya Parmar
औरत को कितने साजों श्रृंगार के सामानों की जरूरत होती है लेकिन वे अपनी इच्छाएं मारती है कम करती है ताकि आपकी जेब और कंधों का भार उसके त्याग स #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang
read moreManya Parmar
तुम खुद को कमज़ोर या बोझ ना समझना, समझी? वरना औरत को कितने साजों श्रृंगार के सामानों की जरूरत होती है लेकिन बेटियां अपनी इच्छाएं मारती है क #Motivational #घरेलूहिंसा #MissionMaanyMaang
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ । तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है , तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा । तु भर ले अपने इस मन में , तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥ पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , इस सर पर भार कितना ही हो । नभ कहता फैलो इतना कि , तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥ ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
mountain Mountains कविता ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
read moreDevesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं
#आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं #Poetry #sandiprohila
read moreKrishna
एखादया व्यक्तीवर काही काळ प्रेम करणे हे केवळ आकर्षण असतं पण, एकाच व्यक्तीबद्दल कायम मरेपर्यंत आकर्षण असणे हे खरं प्रेम ❤️ असतं. ©Krishna #boatclub एखादया व्यक्तीवर काही काळ प्रेम करणे हे केवळ आकर्षण असतं पण, एकाच व्यक्तीबद्दल कायम मरेपर्यंत आकर्षण असणे हे खरं प्रेम ❤️ असतं.
Sangeeta Kalbhor
जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होताना लागावा की ठसका उगा ओरखडा मनावर करताना मुजून जातात खुणा व्रणाच्या घाव परी ठरलेला का म्हणून सोडावा हात हातात एकदा धरलेला सोडावा की स्वाभिमान नात्याला ह्रदयी कोरताना पाझरतील नयन आपसूकच प्रीत उरी स्मरताना जगलेल्या क्षणांनी व्हावे समजूतदार नको हट्ट उगा वाईट काळातही जगलेला क्षणच वाटतो की हो सगा काळ येवो कितीही सरसावून क्षणच होतात ढाल मनोदशा बदलायला क्षणांचीच तर ओढावी लागते शाल जगलेल्या क्षणांचा व्हावा जागर नाद मनी घुमवावा पडत्या क्षणांत असता आपण जगलेला क्षण आठवावा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #boatclub जगलेल्या क्षणांनी जागवून ठेवणे बरे नव्हे नाव प्रीतीचे गाव प्रीतीचे उमजून रडवणे खरे नव्हे कशाला हवा मार्ग परतीचा श्वास अनावर होतान