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Bhupendra Rawat
White खामोश हूँ, मुझे खामोश रहने दे दर्द के मोती मेरी आँखों से बहने दे पढ़ले मेरी आँखों को अगर ग़म-गुसार है,मेरा नहीं तो, यूँ ही मुझे, सारे सितम सहने दे ©Bhupendra Rawat #goodnightimages खामोश हूँ, मुझे खामोश रहने दे दर्द के मोती मेरी आँखों से बहने दे पढ़ले मेरी आँखों को अगर ग़म-गुसार है,मेरा नहीं तो, यूँ ही
#goodnightimages खामोश हूँ, मुझे खामोश रहने दे दर्द के मोती मेरी आँखों से बहने दे पढ़ले मेरी आँखों को अगर ग़म-गुसार है,मेरा नहीं तो, यूँ ही #शायरी
read moreJeetal Shah
पर्यावरण। कितनी खूबसूरत है ये वादियां देखो, ना ही ईसमे कोई धूल मिट्टी देखो, हर तरफ है हरियाली, स्वच्छ हवाओं का बहता पानी, कितनी खूबसूरत है ये वादियां देखो, ना ही कोई धूल मिट्टी देखो। रास्ते लगते हैं सोने जैसे, हिरे मोती जड़े हुए इसमें, ना ही कोई काला साया, हर तरफ़ है खुशियो का सन्नाटा छाया। कितनी खूबसूरत है ये वादियां देखो, हर तरफ है हरियाली देखो। ©Jeetal Shah पर्यावरण। कितनी खूबसूरत है ये वादियां देखो, ना ही ईसमे कोई धूल मिट्टी देखो, हर तरफ है हरियाली, स्वच्छ हवाओं का बहता पानी,
पर्यावरण। कितनी खूबसूरत है ये वादियां देखो, ना ही ईसमे कोई धूल मिट्टी देखो, हर तरफ है हरियाली, स्वच्छ हवाओं का बहता पानी, #कविता
read moreAnshika Gupta
पानी की बूंद जब समुन्दर में होती है तब उसका कोई अस्तित्व नहीं होता। लेकिन जब वो बूँद पत्ते पर होती है तो मोती की तरह चमकती है। #शायरी
read moreBindu Sharma
White मोती पाने के लिए समुद्र की गहराई में जाना पड़ता है, ठीक उसी तरह विद्या का गूढ़ ज्ञान पाने के लिए बहुत तपया करनी पड़ती है ©Bindu Sharma #मोती #विद्या
kumar shivam hindustani
White स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे ..पर .. आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओं से भिड़ते देखा चिंगारी लिए जिगर में शमशीरों को लड़ते देखा उम्मीदों के सागर में जज्बातों के गागर में मिट्टी मिट्टी रोता जग आखों से मोती खोता खग घन तिमिर के काले वन में हिम्मत की मशाल जला उठा शस्त्र और उतर रण में मानव स्वप्न साकार करने चला ©kumar shivam hindustani स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ
स्वप्नों के लिए स्वप्न तोड़ रहे खुद से खुद का मन मोड़ रहे पंक्षी पंथी सब पड़े विराने में डगमग करते देह छोड़ रहे पर आकाश पवन में उड़ता देखा बाधाओ #Motivational #Trending #motivatation
read moreMehfuza
White उसके आंसू तेरे लिए चंद कतरे है, तेरे आंसू उसके लिए मोती है, गीली एक की नहीं दोनों की आंखें है! ©Mehfuza #mountain उसके आंसू तेरे लिए चंद कतरे है, तेरे आंसू उसके लिए मोती है, गीली एक की नहीं दोनों की आंखें है!
Mohd Asif
White जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें …. आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें …. ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया …. वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें ©Mohd Asif #SunSet जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें …. आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें …. ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया …. वर्ना कुछ अपनों के चेहरे
gaTTubaba
White तुम हमको ना चाहो ये शरीर तो सजा सजाया हैं चारों और बस रूह को चाहो यकीन नहीं होगा अंदर नजारा ही हैं कुछ और बाहर होटों पे कितनी मुस्कुराहट हैं अंदर भीगा हुआ समंदर बाहर ढूंढने से भी नहीं मिलेंगे चाहिए मोती तो बह जाना रूह की और .... ©gaTTubaba #Road तुम हमको ना चाहो ये शरीर तो सजा सजाया हैं चारों और बस रूह को चाहो यकीन नहीं होगा अंदर नजारा ही हैं कुछ और
꧁ARSHU꧂ارشد
गुलाबों की तरह दिल.. अपना शबनम में भिगोतें हैं... मोहब्बत करने वाले.. ख़ूबसूरत लोग होते हैं.. किसी ने जिस तरह... अपने सितारों को सजाया है... ग़ज़ल के रेशमी धागों में... यूँ मोती पिरोते हैं..🌹 ©꧁ARSHU꧂ارشد गुलाबों की तरह दिल.. अपना शबनम में भिगोतें हैं... मोहब्बत करने वाले.. ख़ूबसूरत लोग होते हैं.. किसी ने जिस तरह... अपने सितारों को सजाया है..
गुलाबों की तरह दिल.. अपना शबनम में भिगोतें हैं... मोहब्बत करने वाले.. ख़ूबसूरत लोग होते हैं.. किसी ने जिस तरह... अपने सितारों को सजाया है.. #Shayari
read moreBhanu Priya
Black क्षणिक सुख टपके आंसू छलकी बूंदे यूं मोती बन वह तो वही जाने कैसे बिसरे थे उन्होंने वे दिन तुम्हारे बिन आंसू तो लाज़मी थे बहुत रोका लेकिन वे तो वह ही रहे थे खुशी से चहक रहे थे कहां वह स्थाई थी वह तो मिटने से पहले ही मिट कर आई थी फिर भी दो शब्द कहे दो शब्द सुने क्षणिक सुख बरसाया था कहां वह उस प्रेम के आगे टिक पाया था वो यादगार लम्हा उस दिन आया था किसी ने बुलाया नहीं वह तो स्वयं हमसे मिलने आया था । ©Bhanu Priya #Thinking क्षणिक सुख टपके आंसू छलकी बूंदे यूं मोती बन वह तो वही जाने कैसे बिसरे थे उन्होंने वे दिन तुम्हारे बिन आंसू तो लाज़मी थे