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Dharamveer Kumar
जय भीम बोलो यारो जय भीम बोलो यारो जय भीम से बड़ा कोई ना दुनिया में है दानी सभी के दुख दूर किये उसने अपना पूरा जीवन बर्बाद कर दिया गरीबों की खातिर🙏🙏 ©Dharamveer Kumar #snow जय भीम 🙏
#snow जय भीम 🙏
read moreRameshkumar Mehra Mehra
Unsplash महकता रहेगा मेरा प्यार सैदब..... तुम्हारे मन में...! तुम करो या ना करो..!! हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे... ©Rameshkumar Mehra Mehra # महकता रहेगा प्यार मेरा सैदब,तुम करो या ना करो,हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे....
# महकता रहेगा प्यार मेरा सैदब,तुम करो या ना करो,हम हमेशा तुम्हे याद आयेगे....
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
White जय माता दी 🌺🌺🌺 बस अब थोड़ा आराम करो हद से ज्यादा ना काम करो... अपनो कि फिक्र है तुम को पर थोड़ा तो खुद पर भी ध्यान धरो... 🩸 good night 🩸 ©M R Mehata(रानिसीगं ) आराम करो
आराम करो
read moreSatish Kumar Meena
White ना थके ना रुके, मंजिल कहां है पता नहीं, एक दिन हमारे लक्ष्य का भेद पता चल जाएगा कि हमने देश के लिए समझौता किया है या समझौते से देश को बचाया है। ©Satish Kumar Meena ना थके ना रुके
ना थके ना रुके
read moreSatish Kumar Meena
दुशासन ने चीरहरण किया, प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena #हे पांचाली नमन करो
#हे पांचाली नमन करो
read moreSatish Kumar Meena
दुशासन ने चीरहरण किया, प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena #हे पांचाली नमन करो
#हे पांचाली नमन करो
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