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Dalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 🌹🌹✍🏿हर सुबह तेरे ख़्वाब ले के उठते हैं😊💕🌿☕☕🌿
Aanya Seraphina
Ashraf Fani【असर】
BeHappy -: चंदा और चाँद ;- चंदा हो या चाँद, दोनों हाथों से बटोरे जाते हैं चंदा नेता बटोरते हैं और चाँद शायर कवि दोनों को दोनों मिल जाये तो चेहरे चमक उठते हैं बांछे खिल उठती हैं ग़ज़ब करिश्माई हैं दोनों चंदा और चाँद ©Ashraf Fani【असर】 -: चंदा और चाँद ;- चंदा हो या चाँद, दोनों हाथों से बटोरे जाते हैं चंदा नेता बटोरते हैं और चाँद शायर कवि दोनों को दोनों मिल जाये तो चेहरे च
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
अबके फागुन मीत मिलेंगे , खेलेंगे हम रंग । वह पल होगा बड़ा सुहाना , जब हम होंगे संग ।। अबके फागुन मीत मिलेंगे... छेड़ रही सब सखियां कहके , उर में है आनंद । हो जायेंगी फिर तो देखो , सभी किवाडियाँ बंद ।। छलक रहा है मुख मंडल पे , आज खुशी का रंग । अबके फागुन मीत मिलेंगे.... मिलकर तुमसे यूँ ही होंगे , अपने गाल गुलाल । नही रहेगा अधर हमारे , कोई सुनो सवाल ।। तब ही बदले जीवन में फिर , सुन जीने का ढ़ंग । अबके फागुन मीत मिलेंगे.... चहक उठेगा मन मेरा ये , महक उठेगा अंग । दशो दिशा शहनाई गूँजें , और बजेंगे चंग ।। उठते पैर उधर पड़ते हैं, जैसे पी ली भंग । अबके फिगुन मीत मिलेंगे.... अबके फागुन मीत मिलेंगे , खेलेंगे हम रंग । वह पल होगा बड़ा सुहाना , जब हम होंगे संग ।। ०९/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अबके फागुन मीत मिलेंगे , खेलेंगे हम रंग । वह पल होगा बड़ा सुहाना , जब हम होंगे संग ।। अबके फागुन मीत मिलेंगे... छेड़ रही सब सखियां कहके ,
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- नम आँखों से बेटियाँ , करती बस ये चाह । मातु-पिता की अब यहाँ , कौन करे परवाह ।। कौन करे परवाह , हमारी डोली उठते । ले जाती मैं साथ , साथ जो मेरे चलते ।। अब क्या मेरे हाथ , मुझे ले जाते हमदम । देख पिता को आज , हुई मेरी आँखें नम ।। देने को तैयार हूँ , सभी *परीक्षा* आज । जैसे चाहो साँवरे , रोकों मेरे काज ।। रोको मेरे काज , शरण तेरी मैं पकडूँ । यही हृदय की चाह , प्रीति में तेरी अकडूँ ।। आओगे तुम पास , भेद फिर मेरे लेने । रहूँ सदा तैयार , परीक्षा जो हैं देने ।। उतनी तुमने साँस दी , इतनी है अब शेष । और नहीं कुछ आस है , फिर क्यों भदलूँ भेष ।। फिर क्यों बदलू भेष , *परीक्षा* देने आया । बनकर बैठा शिष्य , हृदय क्यों है घबराया ।। पाया हूँ जो ज्ञान , कहूँ कम कैसे इतनी । कपट न पाया सीख , रही बस देखो उतनी ।। ०१/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- नम आँखों से बेटियाँ , करती बस ये चाह । मातु-पिता की अब यहाँ , कौन करे परवाह ।। कौन करे परवाह , हमारी डोली उठते । ले जाती मैं स
Sethi Ji
💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 💗 हुनर की परछाई , इश्क़ की गहराई 💗 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 यहाँ हर कोई ख़ुदा की सच्चाई में जीता हैं कोई तन्हाई और कोई मेहबूब की रुस्वाई में जीता हैं देखना एक दिन हमारे अल्फाज़ बनाएंगे हमारी पहचान दोस्तों दुनिया में हर कोई अपने हुनर की परछाई में जीता हैं लिखते हैं हम सब अपने दिल के जज़्बात वोह सावन की पहली बरसात , मोहब्बत की आखिरी मुलाक़ात हर किसी को प्यार जरूर होता हैं एक बार हर किसी का दिल जरूर खोता हैं एक बार आज कल ज़िन्दगी में हर कोई इश्क़ की गहराई में जीता हैं ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 ©Sethi Ji 🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶 🫶 हमारी आदत , हमारी चाहत 🫶 🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶 हमारी आदत हमारी पहचान बनाती हैं लोगों के दिलों में अपना स्थान बनाती हैं ।। मोहब्बत के लि
Mukesh Poonia
Red sands and spectacular sandstone rock formations जीवन में महानता का सबसे बड़ा शौक नहीं यह होता है कि हम कभी नहीं गिरते, बल्कि हम हर बार गिरकर उठते हैं। ~ नेल्सन मंडेला . ©Mukesh Poonia #Sands #जीवन में #महानता का सबसे बड़ा #शौक नहीं यह होता है कि हम कभी नहीं गिरते, बल्कि हम हर बार गिरकर उठते हैं। – #नेल्सन #मंडेला