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Stories related to summary of the poem in india by nissim ezekiel

Ajita Bansal

#Newyear2025 poem of the day

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New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर,
सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे।
हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन,
खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत।

पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम,
नई राहों पर, नए क़दम।
सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास,
साल 2025 हो, सफलता से भरा खास।

जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है,
वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है।
समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें,
साथ चलें हम, बस यही है शेरों।

नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति,
हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि।
साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय,
नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय।

©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day

VIMALESH YADAV

times of India #sad_quotes #vimaleshyadav

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White टाइम्स ऑफ इंडिया

 की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश
 राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स
 के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने 
वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के 
समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ 
और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स 
ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप 
में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में 
था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। 

भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध 
औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू 
जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 
संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और 
तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ 
कमाने वाला अखबार बन गया।

©VIMALESH YADAV times of India #sad_quotes 
#vimaleshyadav

Nikhitha

One of the Greatest Economists who saved India in its crucial time and yet the most underrated PM motivational thoughts on life

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One of the Greatest Economists who saved India in its crucial time and yet the most underrated PM

©Nikhitha One of the Greatest Economists who saved India in its crucial time and yet the most underrated PM  motivational thoughts on life

Srinivas

In the joy of Christmas, find the strength of unity and the beauty of diversity, much like the vibrant tapestry of India. #christmas

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In the joy of Christmas, find the strength of unity and the beauty of diversity, much like the vibrant tapestry of India.

©Srinivas In the joy of Christmas, find the strength of unity and the beauty of diversity, much like the vibrant tapestry of India.
#christmas

Schizology

Reflection in the mirror poem✍🧡🧡💛

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Reflection in the mirror

When I'm looking at you
I won't see anything
But looking through you
I will see everything

All of your desires
All of your hidden lies
All of the secrets
Beyond your eyes

It's just a slice
Of a bigger pie
The real dessert
Is to see you cry

Inside of you head
Is where I will go
Pictures of your mind
Even if you say no

I'll experience your dreams
I will occupy your fantasy
Realize your nightmare
That is where I will be

©Schizology Reflection in the mirror

#poem✍🧡🧡💛

official_freefair_kingkiller

king 👑 of free fire in india

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person

#girls in India face a lot of gender discrimination Gender discrimination is rampant in India 🇮🇳

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Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

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White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day

Srinivas

The essence of education is not in the paper you hold, but in the skills you master

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The essence of education is not in the paper you hold, but in the skills you master

©Srinivas The essence of education is not in the paper you hold, but in the skills you master

Srinivas

In the dance of life, those who miss the beat of change, find themselves dancing to the tune of adversity.

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In the dance of life, those who miss the beat of change, find themselves dancing to the tune of adversity.

©Srinivas In the dance of life, those who miss the beat of change, find themselves dancing to the tune of adversity.
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