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Riyaj Ali
रावण के पुतले को सरेआम जला रहे हैं, और बलात्कारियों को दलीलें कर करके बचा रहे हैं, और इंसाफ भी मांग रहा है, अदालतों से पनाह, क्योंकि कुछ हैवान देश की बेटी का जिस्म नोच के खा रहे हैं। ©Riyaj Ali #जस्टिस_फॉर_राबिया_सैफी
abhay
#RIPPriyankaReddy छीन ली गई हैं सांसे निचोड़ दिया गया बदन हैं उसका किस कदर हवश भरी थी उनमें इस का बखान क्या करू,, ज़ला दिया गया उसको दोष पूछा तो पाया लड़की है,,,, और वो भी रात को अकेली है,, हा हम तो नोचेंगे ऐसे हीं,, हम सिर्फ जिस्म के हवसी हैं,,,, दोष क्या केवल उनका है,,, दोष तो इस मुल्क के लोगों का है,, हज़ारों बंदिसो में क्यों रखते थे उनको,, पैरों की जूती क्यों कहते थे उनको,, बेचारी, दुर्लभधारी,अब्ला, और नसीब की मारी इस सोच में तुम ने जन्म लिया फिर कैसे कह देते हो हमने तो कुछ नहीं किया,, हवस क्या हम पर इतनी हावी है,,, की भूल जाते है, ये भी किस घर नारी है,,, ये दरंदगी बार बार होगी,, जब तक इन जैसे लोगो को फांसी नहीं होगी,, इन जैसे लोगो को फांसी नहीं होगी *** #अभय #जस्टिस_फॉर_प्रियंका #जस्टिस_फॉर_प्रियंका_रेड्डी
kavi manish mann
सताए जब जाना यारों बेबाक हो जाना। सुशांत की तरह न कभी शांत हो जाना । #जस्टिस_फाॅर_सुशान्त #सुशांतसिंहराजपूत
Anand Kumar Ashodhiya
मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया? सारे धरने, सरकारी वादे और कानून के बावजूद हर रोज एक और निर्भया अब बहुत हो गया, इंसानियत से भरोसा खो गया, पानी सर से गुज़र गया अब आप ही बताइये, मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया? इंसानी भेष में दरिंदे, विकृत मानसिकता के परिंदे, हैं मौके की तलाश में यौन शोषण के कारिन्दे, वासना के अन्धे, लिप्त हैं विभत्स्ता और लाश में अपनी आज़ादी, अपनी सुरक्षा का, मै खुद ही बनूँगी जरिया तब आप ही बताइये, मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया? मेरी तरफ लपकते भेड़ियों को, अब मैं खुद ही धुल चटाउँगी आत्मरक्षा का ले प्रशिक्षण, मैं खुद अपनी लाज बचाउंगी किसी की बेटी, माँ बहिन किसी की, वधू किसी की और भार्या फिर आप ही बताइये, मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया? इन शरीर के भूखे भेड़ियों को कोई पाठ पढ़ाये नैतिकता का अबला नहीं मैं सबला हूँ, ले सबक नारी शक्ति और एकता का ना हम भोग्या, ना हम कलियाँ, ना तितली ना परिया निर्णय आप ही लीजिये, मैं क्यूँ बनूँ एक और निर्भया? रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया कॉपीराइट ©Anand Kumar Ashodhiya #निर्भया #जस्टिस_फॉर_मनीषा #Stoprape
Akanksha "Manu" Kushwaha
तेरे बारे में क्या लिखे हम नारी तू ही तो है इस जग की पालनहारी मत बांटो दरिंदगो को जाति धर्म में आबरू लुटती है बेटी की ही हो वह पंडित या हो कोई अंसारी तेरे बारे में क्या लिखें हम नारी तू ही कर अब कोई समझदारी तुमसे ही चलेगी अब दुनियादारी गर रख बेटों की चाहत घर पे तो ले बेटी की इज्ज़त की भी जिम्मेदारी तेरे बारे में क्या लिखें हम नारी #जस्टिस_नारियों_के_लिए🙏🙏
richirich
मॉडर्न होना सही है लेकिन मॉडर्न विचारों से बनो... प्यार ,मोहब्बत तो सब कर बैठते है लेकिन इंसान सही है या नहीं इन सब की सलाह तुम अपने परिवार से जरुर लो.... ©richirich #जस्टिस
mohd shabab
बेटी का तुमने अन्तिम संस्कार नहीं किया हैं उसे मरने के बाद दोबारा जला कर मार दिया हैं इस बार अग्नि में इंसाफ और अहसास को भी जला दिया हैं वाह! वाह!वाह!वाह! क्या इंसाफ किया हैं ©mohd shabab #जस्टिस
akhil rajawat@74
कुछ लोग हर बार गलत नहीं होते बस वो अपने आप को सही साबित नहीं कर पाते। ©akhil@74 #जस्टिस
Naveen Jain
मेरी आवाज, सुनाई नही देती किसी को। वो डरा धमका रहे है, आज सभी को कुछ हाथों में, हाथ रख कर बैठे है। कुछ कानून से ,आस लगाए बैठे। कुछ कानून हाथ में लेकर, न्याय करने चले है। गोली तमंचों से, फैसला करने लगे है। उनको किसी का,खौफ नहीं है। कानून से उनको भय नहीं है। शांति में उनका ,विश्वास नहीं है। मेरा ऐसा लिखना ,क्या सही नही है। जैन नवीन ©Naveen Jain जस्टिस