Find the Latest Status about आज कौन सी रात है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आज कौन सी रात है.
Ashraf Fani【असर】
White एक अंजान सी ख़ुशबू कबसे किसी साये की सी मंडरा रही है बेकली है, बेचैनी है कबसे कोई भूली सी याद आ रही है ©Ashraf Fani【असर】 एक अंजान सी ख़ुशबू कबसे किसी साये की सी मंडरा रही है बेकली है, बेचैनी है कबसे कोई भूली सी याद आ रही है #SAD
मिहिर
ये है कौन क्यों ऐसे अड़ा है पहाड़े पिघल रही है और ये सोच वो दुख में पड़ा है पर क्यों माना नदियां सूख रही है खेतों की मिट्टी रेत हो रही है जंगल कम हो गए हवाओं में थोड़ा जहर है तो क्या सरकारें हैं न माना अभी चुनाव है जब नही होगा तब वो दुनिया भर घूम कर पर्यावरण की ही तो बात करते है है तो लोकतंत्र जनता ने सरकार बना दी है वो क्यों पीछे पड़ा है वो है कोन क्यों भूखे अड़ा है !! ©मिहिर #वो है कौन !!
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- आज बैठा मुँह छुपाकर कौन है । दो उसे आवाज़ घर पर कौन है ।। जिसकी खातिर कर रहा हूँ मैं दुआ । इस जहाँ में उससे सुंदर कौन है ।।२ देख कण-कण में बसे प्रभु राम जी । पूछता फिर क्यों कि अंदर कौन है ।।३ और कुछ पल धीर धर ले तू यहाँ । वक़्त बोलेगा धुरंधर कौन है ।।४ एक तेरे सिर्फ़ कहने से नहीं । है खबर सबको सिकंदर कौन है ।।५ दौड़ आयेगा हमारे पास तू । गर पता तुझको हो रहबर कौन है ।।६ तुम कहो तो मान भी लें बात हम । बस बता दो तुम विशंभर कौन है ।।७ बंद हो जायेगी तेरी बोलती जानेगा जब तू कलंदर कौन है ।।८ हम सभी इंसान हैं तेरी तरह । खोजता फिर क्यों तू बंदर कौन है ।।९ इस कदर मत कर गुमाँ खुद पर बशर जान ले लिखता मुकद्दर कौन है ।।१० आज दिल की बात मैं पूछूँ प्रखर । तू प्रखर है तो महेन्दर कौन है ।।११ १९/०३/२०२४ -महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- आज बैठा मुँह छुपाकर कौन है । दो उसे आवाज़ घर पर कौन है ।। जिसकी खातिर कर रहा हूँ मैं दुआ । इस जहाँ में उससे सुंदर कौन है ।।२ देख कण-क
Krishna Rai
Krishna Rai
Rameshkumar Mehra Mehra
आज इन हबाओ में भी..... कुछ मीठी सी ठंडक है.........! शायद मौसम भी......!! किसी की याद में सर्द है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # आज इन हबाओ में,भी कुछ मीठी सी ठंडक है,शायद मौसम भी,किसी की याद में सर्द है...
Bharat Kumar "ऋषिराज"
Village Life परियों में रानी सी है तू, चाय में चीनी सी है तू! फूलों में महक सी है तू, खुशबु में चमेली सी है तू! बरसात में नमी सी है तू, अकेलेपन में कमी सी है तू! दर्द में राहत सी है तू, ख़ुशी में मन की चाहत सी है तू! मन्दिर, मस्जिद में मन्नत सी है तू!! स्वर्ग में भी जन्नत सी है तू, बस तू है,और केवल तू ही है!! ©Bharat Kumar "ऋषि राज" "ऐसी सी है तु"