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Manish Raaj
मतलब --------- दर्द भरे लब पर खुशी की तलब जिस पर गुज़री वो जाने इसका मतलब छल-कपट, नोच-खसोट, निर्लज-निर्दयी सबका अपना मतलब वजूद, वजह, वसीहत, विरासत में छुपे ना जाने कितने मतलब नज़रों से मिलती निगाहें, दिल में उठती आहों का क्या मतलब कभी मजबूर, कभी मगरूर तो कभी मेहरबाँ सा हुआ मतलब बेज़्ज़त होकर बेबसी में बसर करने का क्या मतलब बेअदब और बदमिजाज़ को बखशने का क्या मतलब भूख से प्यार और प्यार के भूखों से क्या मतलब ज़रूरतों की तलब और हर तलब का अपना एक मतलब ज़िंदगी में इस ज़द्दोजहेद की भला क्यूँ इतनी तलब अंत में मौत फिर ज़िंदगी के फ़ल्सफ़े का क्या मतलब मनीष राज ©Manish Raaj #मतलब
BANDHETIYA OFFICIAL
कलम कला है,कलई भी खुल जाती है। सर कलम मौत हो, हो जीवन पेड़ कलम कटा, मरण -जनम की थाती है, कलई भी खुल जाती है। प्रमाण पत्र जनम का, प्रमाण पत्र मरण का, मृत्यु का जीवन का, कुंडली भी कुछ पाती है। सृजन किसे भाये, कौन दुश्मन, ये भी कलम की हस्ती यकीनन, सर, धड़, जड़, पकड़ ले धड़कन, जकड़ ले यम अकाल भी, अकाल मृत्यु आती हैं। ©BANDHETIYA OFFICIAL #कलम #कला है।
#कलम #कला है। #मोटिवेशनल
read moreGhumnam Gautam
White उदास रहने की कला, सीख लीजिए आप माँगने वाले ख़ुद-ब-ख़ुद, लेंगे रस्ता नाप ©Ghumnam Gautam #bike_wale #रस्ता #कला #ghumnamgautam
#bike_wale #रस्ता #कला #ghumnamgautam #विचार
read moreAdesh K Arjun
"मनुष्य ने चूहों से धन छुपाने की कला तो सीखी, परन्तु हाथी जैसे विशाल काय गणेश का भार उठा पाने की कला नहीं सीख सका. ©Adesh K Arjun कला
कला #Quotes
read moreANSARI ANSARI
White मतलब से चलती दुनिया। मतलब से है घर संसार। मतलब से है रिस्ते नाते। मतलब से ही होता काम। मतलब ही होता है महान। ©ANSARI ANSARI मतलब
मतलब #विचार
read moreManish Raaj
कला ------ बहते आंसुओं को दरकिनार कर सब्र के साथ आगे बढ़ जाने की कला हर किसी को नहीं आती वाक़िफ-ए-तकलीफ़ से गुज़र क़ाबिल-ए-तारीफ़ से आगे निकल जाने की कला हर किसी को नहीं आती बंजर ज़मीं से हो कर लहलहाते खेतों बीच घरौंदा बनाने से ऊपर उठ जाने की कला हर किसी को नहीं आती मकां और मुक़ाम के सफ़र से हो कर किसी के दिल में पनाह पाने और रूह का सुकूं हो जाने की कला हर किसी को नहीं आती बेइमानों की बस्ती से हो कर ईमानदारों की महफ़िल से आगे बढ़ जाने की कला हर किसी को नहीं आती गरीबी से गुज़र अमीरों से आगे निकल जाने की कला हर किसी को नहीं आती जज़्बात की गिरफ्त से निकल जज़्बे को मिसाल बनाने की कला हर किसी को नहीं आती कल के सपनों को पिछे छोड़ अपने आज के आधार को आकार और धार देने की कला हर किसी को नहीं आती कविः मनीष राज ©Manish Raaj #कला