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Poet Devesh Kumar
Aadarsh Mishra
"When you become confused in your life. Hold the book in your mind have a coffee in your hand, It is certain you will find the solution in every stand... " @aadarshcreshu #include #lovers #nojoto #problem #books #aadarshmishra #aadarshcreshu
Aadarsh Dubey
Good Morning messages in Hindi मिस्ले सूरज कहीं न हो जाऊँ, उसने फ़ौरन बुझा दिया मुझको! Aadarsh Dubey Misle sooraj kahin na ho jaaun Usne phouran bujha diya mujhko ©Aadarsh Dubey मिस्ले सूरज कहीं न हो जाऊँ, उसने फ़ौरन बुझा दिया मुझको! Aadarsh Dubey #Aadarsh_dubey
Aadarsh Dubey
मन्नत पूरी हो जाती तू जो मेरी हो जाती सांस तुम्हारी हो जाती ज़ीस्त हमारी हो जाती कितनी प्यारी हो जाती दुनिया ज़ाती हो जाती मन वृन्दावन हो जाता धड़कन काशी हो जाती अक्ल अगर न चलती तो शक्ल जिहादी हो जाती झूट अगर न कहता तो मुझको फांसी हो जाती काश कोई पागल होता तो मेरी शादी हो जाती Aadarsh Dubey #Aadarsh_dubey
Aadarsh Dubey
जिसे बचाते हुए आग तुझ में झुलसा था हमारे साथ ही वो हमनशीं जलाया गया ✍शायर आदर्श दुबे #Aadarsh_Dubey
Aadarsh Dubey
इश्क़ ने सैकडों को मारा है बाक़ी अब फैसला तुम्हारा है और तो कुछ नहीं बचा मुझमें अब ग़ज़ल तेरा ही सहारा है घर से निकला तब जान पाया मैं कितना रौशन यहाँ नज़ारा है कल तेरी शान हुआ करता था शख्स जो आजकल हमारा है इतना कुछ लाभ इसमें है ही नहीं जितना इस इश्क़ में खसारा है यूँ नहीं रहता है अदब में वो तख्त से उसको भी उतारा है अम्न की बात करता रहता है देखो वो शख्स कितना प्यारा है एहतियातन घरों में रहना है बस यही एक आज चारा है #आदर्श_दुबे #Aadarsh_Dubey
Aadarsh Dubey
आंसुओं को रोशनाई कर रहा हूँ. इस ज़माने से लड़ाई कर रहा हूँ. कोई चारागर नहीं है आज मेरा. हर मरज़ की खुद दवाई कर रहा हूँ एक नन्हे से दिए की रौशनी ले मैं अंधेरों से लड़ाई कर रहा हूँ. मैं बुराई कर रहा हूँ और की या मैं ही खुद अपनी बुराई कर रहा हूँ. कल से बोऊँगा सुनहरे ख्वाब इनमे आज ज़हनों की सफाई कर रहा हूँ. मुझको सब आदर्श कहते हैं यहाँ पर इसलिए बातें हवाई कर रहा हूँ. #Aadarsh_Dubey #आदर्श_दुबे #Aadarsh_dubey
Aadarsh Dubey
ग़ज़ल के मिसरे को मिसरे से जोड़ा जाता है तमाम रात ग़मों को निचोड़ा जाता है पुराने जाल से बाहर निकलना मुश्किल है इसीलिये तो रवायत को तोड़ा जाता है उतर गया हूँ तो अब जीतना ही मंज़िल है यूं हमसे भी कहाँ मैदान छोड़ा जाता है उठाना पड़ता है फिर हाथ गर नहीं सुधरे हाँ पहली बार में हाथों को जोड़ा जाता है यहाँ पे हिंदू भी होंगे यहाँ मुसलमां भी ये शाइरी है यहाँ सबको जोड़ा जाता है दिखा दिया मिरे दुश्मन ने दोस्ती करके ग़ुरूर टूटता नहीं है तोड़ा जाता है लिखा था नाम जहां तूने खूने दिल से मेरा वहीं से इश्क़ के कागज़ को मोड़ा जाता है taza ghazal #ghazal #aadarshdubey