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Som Sangeet

महकते गुलाब

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महकते गुलाब,लाज़बाब

©Som Sangeet महकते गुलाब

Mohd Suaib

इक महकते गुलाब जैसा है... ख़ूब-सूरत से ख़्वाब जैसा है... मैं उसे पढ़ती हूँ मोहब्बत से... उस का चेहरा किताब जैसा है!!!😊💕

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इक महकते गुलाब जैसा है...
ख़ूब-सूरत से ख़्वाब जैसा है... 
मैं उसे पढ़ता हूँ मोहब्बत से... 
उस का चेहरा किताब जैसा है!!! #NojotoQuote इक महकते गुलाब जैसा है...
ख़ूब-सूरत से ख़्वाब जैसा है... 
मैं उसे पढ़ती हूँ मोहब्बत से... 
उस का चेहरा किताब जैसा है!!!😊💕

Sarita Shreyasi

पुरानी आलमारी से,स्कूल के दिनों के कुछ जीर्ण-शीर्ण किताब निकले, किताब क्या थे,कहिए कि मुस्कुराते बचपन के बिसरे ख्वाब निकले, गर्द भरे पीले पन #yqbaba #yaadein #bachpan #yqdidi #YQBhaiJaan #khwahishein #kitabein

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पुरानी आलमारी से,
स्कूल के दिनों के कुछ जीर्ण-शीर्ण किताब निकले,
किताब क्या थे,कहिए कि 
मुस्कुराते बचपन के बिसरे ख्वाब निकले,
गर्द भरे पीले पन्नों से,
नादान ख्वाहिशों के सूखे महकते गुलाब निकले,
जी चाहा,अंधेरे में ठंडी राख से 
आज फिर कोई माहताब निकले।
 पुरानी आलमारी से,स्कूल के दिनों के कुछ जीर्ण-शीर्ण किताब निकले,
किताब क्या थे,कहिए कि मुस्कुराते बचपन के बिसरे ख्वाब निकले,
गर्द भरे पीले पन

siva sandeep garhwal

गज़ल ghazal शायरी शायरी बे-हद और बे-हिसाब बेचे हैं, झूटे आंखों को ख़्वाब बेचे हैं. ए सियासत सुकून बतला कर, तुमने हमको अज़ाब बेचे ह

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Karan Sahar

आदतें अपनी भी वैसे तो कुछ खास नहीं है, चाहते उसी को हैं जो हमारे पास नहीं है ।। तुम्हारे चले जाने का बस इतना असर हुआ है, कि दिल मे दर्द है, #Books #Poetry #Quotes #Art #Music #करन_सहर

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आदतें अपनी भी वैसे तो कुछ खास नहीं है,
चाहते उसी को हैं जो हमारे पास नहीं है ।।

तुम्हारे चले जाने का बस इतना असर हुआ है,
कि दिल मे दर्द है,

Juhi Grover

याद आते हैं वो लम्हें, वो पल, बिताये दिन, मग़र हर उजाले के बाद इतनी लम्बी रात क्यों? हर मरहम के लिए दर्द का हिस #yqbaba #ज़िन्दगी #yqdidi #yqhindi #गुलाब #अस्तित्व #अहमियत #bestyqhindiquotes

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याद  आते   हैं   वो   लम्हें,  वो   पल,  बिताये  दिन,
मग़र  हर  उजाले  के  बाद  इतनी  लम्बी  रात क्यों?
हर  मरहम   के   लिए   दर्द  का   हिसाब  गिन गिन,
हर  महकते  गुलाब  के  पीछे  काँटों  का  साथ क्यो?

खुशी बाँटते  बाँटते  अब  खुशी  से  यों  दूर  हो चले,
बेहिसाब  खुशियों  के  बाद  ग़म  की तन्हा रात क्यों?
उजाला  फैला  रहे,  कोने  कोने  को  रोशन  कर रहे,
ज्योर्तिमान किरणें  बिखेरते दीपक तले अन्धेरा क्यों?

गुलाब  और   काँटों   का   ही  तो  साथ  है  ज़िन्दगी,
काँटों का ही साथ न हो, गुलाब  की अहमियत कैंसी?
खुशी  और   गम   का   एहसास  ही  तो  है  ज़िन्दगी,
मौत का अस्तित्व न हो,ज़िन्दगी की अहमियत कैंसी? याद  आते   हैं   वो   लम्हें,  वो   पल,  बिताये  दिन,
मग़र  हर  उजाले  के  बाद  इतनी  लम्बी  रात क्यों?
हर  मरहम   के   लिए   दर्द  का   हिस

Juhi Grover

पुरानी हो गईं वो दास्तां, पुराना हो गया अब वो चलन, खो गई नानी दादी की कहानियाँ, सूने हुए घर आँगन, महकते गुलाब सब सूख गये, जल रहा चमन #yqbaba #yqdidi #yqhindi #महाभारत #परछाइयाँ #bestyqhindiquotes #yqqoutes

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पुरानी हो गईं  वो दास्तां, पुराना हो गया अब वो चलन,
खो गई  नानी दादी की  कहानियाँ, सूने हुए घर आँगन,
महकते गुलाब  सब  सूख  गये, जल  रहा चमन चमन,
गूँगे बहरे  हो  गये  अब  पेड़ पौधे, शोर  हो गया दमन।

खो गये  ज़मीं आसमाँ, फैल  रहा  है  हर  तरफ अमन,
खो गये  इन्सान अपनी ही दौड़ में, खो गया अपनापन,
अकेले अकेले  चल रहे  भीड़ में भी, भयभीत तन मन,
सामान तो बहुत  हो गया, फिर भी हो रही क्यों जलन।

सुनसान हैं सब के  सब रास्ते, उदास है देख अब पवन,
नहीं ज़रूरत अब पवन की, चाहे जल रहे यों तन बदन,
आग सीने की  जलती रहे, अपनों को ही कर रहे दफ़्न,
परछाइयाँ अपनी ही यों बेच कर, खरीद रहे बस कफ़्न।

जीवन जीवन कहाँ  रह गया, हो  गया सब मरण मरण,
कृष्ण को छोड़, दुर्योधन का  हाथ पकड़, बन गये कर्ण,
महाभारत होगी अब एक और, फिर भी अपने में मगन,
ज़िन्दा हो कर भी मुर्दें हो गये, कर रहे अपना ही पतन। पुरानी हो गईं  वो दास्तां, पुराना हो गया अब वो चलन,
खो गई  नानी दादी की  कहानियाँ, सूने हुए घर आँगन,
महकते गुलाब  सब  सूख  गये, जल  रहा चमन

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

"स्नेहिल सुप्रभात सभी को...💐❤️💐" आप सभी के शुभ दिवस की शुभ कामना 🌺🙏 "प्रकृति द्वारा रचित प्रत्येक चीज अनूठी है....कुछ बेहद ही अनूठी हैं..जो #Collab #YourQuoteAndMine #अभिव्यक्ति_challange #अभिव्यक्ति_challenge

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तुम फूलों के  राजा गुलाब  कहलाते हो,
काँटों के  बीच  रहकर भी  मुस्कुराते हो,
ख़ुद महक कर  दुनिया को  महकाते हो,
सुख-दुख में  सबको  जीना सिखाते हो।

लाल, पीले, ‌ सफेद, गुलाबी  दिखते  हो,
कभी कोट  तो कभी  बालों में सजते हो,
कभी मंदिर, कभी मज़ारों  पर  चढ़ते हो,
कभी सेहरा तो कभी शवों पर सजते हो।

तुम दुःख में भी धीरज रखना सिखाते हो,
कोई मसल दे फिर भी  सुगन्ध फैलाते हो,
प्रेम  करने  वालों का  संदेश  कहलाते हो,
हर हाल में हमें  ख़ुश रहना सिखलाते हो। "स्नेहिल सुप्रभात सभी को...💐❤️💐"
आप सभी के शुभ दिवस की शुभ कामना 🌺🙏
"प्रकृति द्वारा रचित प्रत्येक चीज अनूठी है....कुछ बेहद ही अनूठी हैं..जो

Mohit Chauhan

एक लड़की है होंठों से जिसके लफ्ज़ों की चाशनी टपकती है नैनों में जिसके जुगनुओं की टोली चमकती है। झटकाती है जब वो अपनी गीली ज़ुल्फों को गेसुओं से #Poetry #nazm #कविता #tourdelhi

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एक लड़की है
होंठों से जिसके लफ्ज़ों की चाशनी टपकती है
नैनों में जिसके जुगनुओं की टोली चमकती है।
झटकाती है जब वो अपनी गीली ज़ुल्फों को
गेसुओं से उसके अम्बर की खुशबू बरसती है।

एक लड़की है
जो अपनी अदाओं से बर्क-ऐ-हुस्न गिराती है
तबस्सुम से अपने परियों को भी जलाती है
जिसके छूते ही ख़ुश्क पत्तों में बहार आती है
जो अपनी रौशनी से बर्फ़ीले झरने दहकाती है।

एक लड़की है
जिसके पाक़ कदमों से फ़िरदौस बना हर सहरा है
उसके आने से मेरी ज़िन्दगी में हुआ नया सवेरा है।
देखा आज बाम पर जब ये चमकता हुआ आसमाँ 
तो जाना उसके हुस्न की चाँदनी ने जादू बिखेरा है।

एक लड़की है
जिसकी नज़ाकत लफ्ज़ों में पिरोना मुश्किल है
जो मेरी यादों के महकते गुलाबों में शामिल है
मेरी तमाम हसरतों का वो इकलौता साहिल है
उसका हर सपना पूरा करना ही मेरी मंज़िल है।
( पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) एक लड़की है
होंठों से जिसके लफ्ज़ों की चाशनी टपकती है
नैनों में जिसके जुगनुओं की टोली चमकती है।
झटकाती है जब वो अपनी गीली ज़ुल्फों को
गेसुओं से

AK__Alfaaz..

कल ​साँझ ढ़ले, ​श्वेत कौमुदी की, ​चंचल किरणों तले, ​हिमाच्छादित हिमालय की, ​चोटी से, ​दुग्ध लेपित गंगा का निर्मल जल, ​बहकर जा पहुंचा, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #testimonial

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कल 
​साँझ ढ़ले,
​श्वेत कौमुदी की,
​चंचल किरणों तले,
​हिमाच्छादित हिमालय की,
​चोटी से,
​दुग्ध लेपित गंगा का निर्मल जल,
​बहकर जा पहुंचा,
​काशी विश्वनाथ के पग धोने, कल 
​साँझ ढ़ले,
​श्वेत कौमुदी की,
​चंचल किरणों तले,
​हिमाच्छादित हिमालय की,
​चोटी से,
​दुग्ध लेपित गंगा का निर्मल जल,
​बहकर जा पहुंचा,
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