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राजन तिवारी

क्षमा और शक्ति❣️ #SpeakOutLoud

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Imran Ansari

क्षमा की शक्ति #विचार

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Imran Ansari

क्षमा की शक्ति #विचार

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आलोक कुमार

आजादी का सही और सटीक भावार्थ... #विचार

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हमलोग को आजादी किन-किन चीजों से मिली थी और क्या हमलोग आज भी उन सभी चीजों से आजाद हुए हैं. अरे सबसे बड़ी और कीमती आजादी तो आपसी समान विचारधारा की आजादी होती है, जो आजतक सम्भव नहीं हो पायी है. इसके पीछे सबसे बड़ा और प्रभावी कारण है "जाति आधारित आरक्षण". इससे जिस दिन देश को मुक्ति मिल जाएगी, तब ही यह समझना उचित होगा कि अब हमलोग को आज़ादी प्राप्त हो गयी है. आजादी का सही और सटीक भावार्थ...

Arora PR

मौन का भावार्थ #कविता

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Madhur Bhaiji Jain

उत्तम क्षमा पर्व Voice जैन परम्परा का क्षमा देने और मांगने का पर्व #Nojotovoice

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Parasram Arora

मौन शब्दों का भावार्थ.......

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मेरे  मौन शब्दों  का  अर्थ 
जानना  निरर्थक  सिद्ध  हो सकता है 
यधपि  उनका  भावार्थ  समझा जा 
सकता है.... क्योंकि 
भाव  की  कोई  भाषा    नहीं होती  
वहा तो केवल  अनुभूति का  अस्तित्व 
होता है 
वो तो  वैसा ही है  जैसे    चन्द्रमा  की  मौन 
चांदनी की  स्निग्धता  का  सुखद  अहसास 
जैसे वक्ष की   ऊँची  शाखाओं पर  हवाओं क़ि 
हलचल से   उपजि..हुई  खड़खड़ाहट 
 और  सरसराहट  पत्तों की

©Parasram Arora मौन शब्दों का  भावार्थ.......

Prakash Dwivedi Bharjuna

कविता युवा शक्ति #nojotophoto

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 कविता युवा शक्ति

Sudhir oraon

शक्ति कविता शायरी

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Abhay Pandey (Dev)

#NirbhayaJustice कविता का शीर्षक:- नारी शक्ति कि व्यथा

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कविता का शीर्षक:- नारी शक्ति कि व्यथा
प्रधान रस :- वीर
संदर्भ :-
भारत माता कि सौगंध खाकर, आओ आज ये सपथ लेते है!
नारी शक्ति पर आंच ना आने देंगे, आज ये बचन देते हैं।।
जहां नारी, आदि शक्ति रही, ये हमारा इतिहास गबह है।
क्या, आज हम इतने लाचार हो गए हैं, जहां नारी शक्ति तबाह है।।
आखिर क्या दोस था-२, उस मासूम का, जिसको कुछ हैवानों ने बीच सड़क में खरोचा है।
लानत है आप की हमदर्दी में-२, कल आप के साथ भी ऐसा हो सकता है क्या आप ने कभी ऎसा सोचा है।।
भारत माता कि सौगंध खाकर............!
…..........................आज ये बचन देते हैं।।
आखिर कब तक-२, हम अपने प्रतिशोध की ज्वाला का दीप, दूसरे के आश जलाएं गे।
सड़क पर मोमबत्ती जलाने के वजह, बन्द कारा दो, वो सारे सरकारी दफ़्तर, फिर देखो ये सरकारी नामुंदे, नारी को आत्मरक्षा में गोली चलाने का भी कानून बनाएंगे।।
अगर रानी लक्ष्मी बाई ने-२, आत्मसम्मान में ना हथियार उठाया होता।
तो फिर नारी को एक बार कमजोर बता कर, उनकी वीरता की गाथा को ठेस पहुंचा या होता।।
जहां दो सेकण्ड नही लगते-२, किसी मासूम को जलाने में।
पूरी जिन्दगी निकल जाती-२, इस जमाने में उन दरिंदों को सजा दिलाने में।।
अफ़सोस कि बात है कि -२, हम आज भी घुट घुट कर जीते है।
चलो फिर एक बार जाग्रत करें, मां काली की उस नारी शक्ति को।
जहां एक नहीं, हजार सर काट कर, रक्त की एक एक बूंद पीते है।।
भारत माता कि सौगंध खाकर............!
…..........................आज ये बचन देते हैं।।
आंगे............. #NirbhayaJustice 
कविता का शीर्षक:- नारी शक्ति कि व्यथा
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