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दूध नाथ वरुण
White क्यों बरसे ये नैना क्या जानूं,जिया लागे न काहे क्या जानूं। क्यों छोड़ गए मुझे मेरे पिया,क्या भूल हुई मोसे क्या जानूं।। ©दूध नाथ वरुण #क्यों #बरसे #ये #नैना
Jashvant
White इश्क़ की इक रंगीन सदा पर बरसे रंग रंग हो मजनूँ और लैला पर बरसे रंग कब तक चुनरी पर ही ज़ुल्म हों रंगों के रंगरेज़ा तेरी भी क़बा पर बरसे रंग ख़्वाब भरें तिरी आँखें मेरी आँखों में एक घटा से एक घटा पर बरसे रंग इक सतरंगी ख़ुश्बू ओढ़ के निकले तू इस बे-रंग उदास हवा पर बरसे रंग ऐ देवी रुख़्सार पे तेरे रंग लगे जोगी की अलमस्त जटा पर बरसे रंग मेरे अनासिर ख़ाक न हों बस रंग बनें और जंगल सहरा दरिया पर बरसे रंग सूरज अपने पर झटके और सुब्ह उड़े नींद नहाई इस दुनिया पर बरसे रंग ©Jashvant सदा पर बरसे रंग vineetapanchal Raj Guru Dr.Mahira khan narendra bhakuni Geet Sangeet
सदा पर बरसे रंग vineetapanchal Raj Guru Dr.Mahira khan narendra bhakuni Geet Sangeet #Life
read moreRicha Dhar
घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar #loyalty सावन की घटा
लेखक ओझा
सावन भादों घिर आते है जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।। ©लेखक ओझा #Dhund सावन भादो
#Dhund सावन भादो
read moreVinod Mishra
Poet Kuldeep Singh Ruhela
#ऐसे मानना होली का त्यौहार जहां बरसे पिचकारी से प्यार यही मौसम है प्यार से सबसे गले मिलने का तो गुलाल लेकर हो जाओ सारे रुहेला परिवार वाले तैयार क्युकी आया है आज होली का त्यौहार आज होली का त्यौहार! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #holikadahan #ऐसे मानना होली का त्योहार जहां बरसे पिचकारी से प्यार यही मौसम है प्यार से सबसे गले मिलने का तो गुलाल लेकर हो जाओ सारे रुहेला
#holikadahan #ऐसे मानना होली का त्योहार जहां बरसे पिचकारी से प्यार यही मौसम है प्यार से सबसे गले मिलने का तो गुलाल लेकर हो जाओ सारे रुहेला #शायरी
read moreGanesh Joshi
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. इश्क़ की इक रंगीन सदा पर बरसे रंग रंग हो मजनूँ और लैला पर बरसे रंग ©Ganesh Joshi #Holi इश्क़ की इक रंगीन सदा पर बरसे रंग रंग हो मजनूँ और लैला पर बरसे रंग #holikadahan #holihai #holi2024 #ganeshjoshibkn
Holi इश्क़ की इक रंगीन सदा पर बरसे रंग रंग हो मजनूँ और लैला पर बरसे रंग holikadahan holihai holi2024 ganeshjoshibkn
read moreDeepak Kushwaha
फाल्गुन की बहार, चली पिचकारी उड़ा है गुलाल, रंग बरसे नीले हरे लाल, मुबारक हो आपको होली का त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं। ©Deepak Kushwaha #Holi फाल्गुन की बहार, चली पिचकारी उड़ा है गुलाल, रंग बरसे नीले हरे लाल, मुबारक हो आपको होली का त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं।
Sachin R. Pandey
sunset nature देखो.... बसंत की बहार है अभी ...... और लोग आएंगे तुम्हारे पास .... तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है .... तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि.... तुम सही हो .... तुम सब सही कर रहे हो ... तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं ..... लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " कुछ भी स्थाई नहीं है .... सब कुछ बदल जाता है .... तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा .... लोगो किनारा करते जायेंगे .... तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे .... हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे ..... अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे .... तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) ..... हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....! और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है .... तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ... कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ... और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे .... तो तुम कहना .....मुझसे ... अधिकार से.... कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ .... क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ .... सुनो ! .... तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना .... मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा .... तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ... मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में .... और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ... लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे .... अभी बसंत है .... जाओ ....खुद को .... अपनो को ....सपनो को .... यारों को ....आजमा कर देखो .... बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा..... मैं इंतजार करूंगा तुम्हारे कह देने भर का .... ©Sachin R. Pandey #sunsetnature आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है ....
#sunsetnature आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है .... #विचार
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