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#suman singh rajpoot

#StandProud ख़्वाब कोई चीज नहीं जो टूटकर पूरा ना हो। ख्वाब कोई फूल नहीं जो मुरझाकर खिला ना हो। उभरते वो हैं, जो कुछ चीजों को भूलते हैं। वरना #Thoughts

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WORDS OF VIVEK KUMAR SHUKLA

चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... ढूंढ़ते हैं... दुबक कर बैठे, फ़ूलों के गोद में तितलियों को....., चुनते हैं... जिनका ना #कविता

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चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... 
ढूंढ़ते हैं... दुबक कर बैठे, 
फ़ूलों के गोद में तितलियों को....., 
चुनते हैं... जिनका नाम नहीं जानते,
क्यारी से, पसंदीदा उन कलियों को।
चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... 

चखते हैं... बिन छौंके  -बघारे , 
माँ के हाथों के बने सुगंधित दलियों को....., 
खाते हैं... जले हाथों संग बने, 
तवें पर ही जले, फूले उन जीवनवृत्तियों को। 
चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को .....

झूलते हैं... झूले से लटके,
बरगद के मोटी तनों से झूले सोरियों को.....,
कूदते हैं... घुटनों के समानांतर,
जमीन पर मिले, आमों के टहनियों को।
चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को .....

घूमते हैं... खलिहानों से आते,
गाँव की ओर, सांपीया घुमावदार पगडंडियों को.....,
खेलते हैं... वही पुराने खेलों को और,
मिलते हैं, बचपन के उन सारे साथियों को।
चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को .....

भरते हैं... औंधे मुह रखे,
पनघट से, खाली हुए सुराहीयों को.....,
सुनते हैं... जीवन को जीने,
कि कला सिखाते, दादी-नानी की कहानियों को।
चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को .....

चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को .....

✍️विवेक कुमार शुक्ला ✍️ चल ना... वापस घूम आते हैं यादों की गलियों को ..... 
ढूंढ़ते हैं... दुबक कर बैठे, 
फ़ूलों के गोद में तितलियों को....., 
चुनते हैं... जिनका ना

Vandana

दिन सुहाने हैं इस यौवन के मनमौजी से अठखेलियां करते जी भर के,,,,,,, सांसे तेज चलती हैं दिल की धड़कने भी बढ़ती है थामे ना थमती है यौवन कि मनम #lifehappiness #younggeneration

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दौड़ी चली आई तेरी एक पुकार में
कबसे बेसब्र थी तुझे देखने के लिए यार में,, दिन सुहाने हैं इस यौवन के
मनमौजी से अठखेलियां करते जी भर के,,,,,,,

सांसे तेज चलती हैं दिल की धड़कने भी बढ़ती है
थामे ना थमती है यौवन कि मनम

Sp Kumar

फ्लाइंग झूला झूलते बच्चे #ज़िन्दगी

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Sp Kumar

झूला झूलते गिर गया #ज़िन्दगी

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raj sharma

मेरे गोपाल जी झूला झूलते हुये #StarsthroughTree

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मेरे गोपाल जी झूला झूलते हुये श्री वृन्दावन धाम में राधे राधे ..........राज शास्त्री जी 9528671042 मेरे गोपाल जी झूला झूलते हुये

#StarsthroughTree

JEETESH KUSHWAH

खिड़की पर झूलते मिन्नती धागे... #nojotohindi#Nojoto#kalakaksh#Poetry#Talentwish #Wish

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उसकी खिड़की पर झूलते मिन्नती धागे कहते है.
वो किसी का खुदा रहा होगा.... #NojotoQuote खिड़की पर झूलते मिन्नती धागे... #nojotohindi#nojoto#kalakaksh#poetry#talent#wish

मां भद्रकाली चौंकी भाडल देवी

मां की चौंकी मां भाड़ल देवी (भद्रकाली) झूला झूलते हुए जय भवानी #पहाड़ोंवाली #ज्योतोवाली #पौराणिककथा

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Ratan Singh Champawat

#dilkideharise रस की रज्जू राधिका ,बँधी श्याम तरु डार। जीव ब्रह्म मिल झूलते सोहम रूप साकार।

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रस की रज्जू राधिका ,बँधी श्याम तरु डार।
जीव ब्रह्म मिल झूलते सोहम रूप साकार। #dilkideharise 
रस की रज्जू राधिका ,बँधी श्याम तरु डार।
जीव ब्रह्म मिल झूलते सोहम रूप साकार।

speaking pen

झूलते फंदे तरसते रहते हैं ये फंदे क्यों आतंकियों को तुरंत मुझ पर लटकाया नहीं जाता जबकि इतनी निर्ममता से ये निर्दोषों का खून बहा देते हैं। फ #Execution #Hindi #hindipoems #terrorism #फाँसी #26_11 #speakingpen

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झूलते रहते खाली कई सवालात हैं करते।

इन भेड़ियों को क्यूँ मेरे हवालात नहीं करते।।

एक दौर था जब निर्दोष को सौंप देते थे मुझे।

अब दोषियों को भी बचाते शर्म न आती तुझे।।

निर्दोष का जब चैन सुख सब पल में था लुट गया।

इन भेड़ियों को तुमने फिर क्यूँ इतना जीवन दे दिया।।

बस चले तो पल में इनकी नस्ल मैं बिगाड़ दूँ।

आतंक के इन जंगलों को रक्त का श्रृंगार दूँ।।

फिर कोई ऐसा नवंबर इतिहास में न आयेगा।

आतंक का नामो निशां इस धरा से मिट जायेगा।।

- speaking pen✍️

 #NojotoQuote झूलते फंदे
तरसते रहते हैं ये फंदे क्यों आतंकियों को तुरंत मुझ पर लटकाया नहीं जाता जबकि इतनी निर्ममता से ये निर्दोषों का खून बहा देते हैं।
#फ
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