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Murari Shekhar
रंग है, रंगों में घुला अंग-अंग है ! क्या? है न पता तुझे? तू हरदम मेरे संग-संग है । #Happy_holi #Holi2020 #Holi #SpecialDay रंगों में घुला अंग-अंग है
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी मौसमो की हजारों देन है जीवन में आनन्द देती है खान पान से लेकर कितनी सौगातों का वरदान देती है जोड़कर मन को आत्मबल देती है हवा पानी जग जंगल सजे है मुप्त में मानव के लिये मगर भौतिकता के लिये हम लालचों में फंसे है लगा लिये कितने गले से रोग बिष और जहर फैलाने लगे है कम उम्र में हम अंग अंग में दर्द पाने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #BhaagChalo कम उम्र में हम अंग अंग मे दर्द पाने लगे है #nojotohindi
K.P.Singh"Vikal Bahraichi
लेखन मेरी जिंदगी का अभिन्न अंग है|
Ek villain
भारतीय संस्कृति का संरक्षण कर उसे बढ़ावा देना भारत में नागरिकों का मौलिक कर्तव्य भाषा भारत की विविध संस्कृति का अभूतपूर्व अंग है जब जहां संभव हो वृत्त भाषा में संवाद के लिए पहले कदम बढ़ाना चाहिए इसमें हिचकिचाना नहीं चाहिए क्योंकि भाषा ही हमारी पहचान है आज के विश्व कृति समाज में जहां अंग्रेजी जैसी विश्वव्यापी भाषा आने भी औपचारिक संवाद के लिए जरूरी है वही हम घर घर पर सामान बाकी लोगों से बात करते हुए आराम से अपनी मृत भाषा में बात कर सकते हैं इसमें अपनापन भी लगता है और भारत के गौरवशाली संस्कृति की झलक दिखती है आजकल शहरों में बड़े बूढ़े भी चाहते हैं कि नई पीढ़ी अंग्रेजी सीखे इस पर व आधुनिक समझते हैं जबकि ऐसा नहीं है छोटे बच्चों से मृत भाषा में बात करनी चाहिए मैं तो भाषा में बात समझना आसान होता है राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस स्थिति का जिक्र है कि बच्चों में भाषाओं को समझने के लिए सबसे अधिक बौद्धिक क्षमता होती है ©Ek villain #संस्कृत का अभूतपूर्व अंग है भाषा #selflove
Rajan Choudharry
somnath gawade
अंग झाडून काम करणाऱ्यांना कधी कधी झाडू सुद्धा मारावा लागतो. ☺️😊 #अंग झाडून
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चुभने लगी हवा जहान की शीत लहरों का मौसम आया है दिल मारे कफ कफी सर्द रातो में रजाई में मजा आया है बच्चों बूढो सम्हल कर रहना ये जाड़ा तुमसे मिलने आया है जमा ना दे अंग शरीर के दिसम्बर जनवरी का महीना आया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" जमा ना दे अंग शरीर के, जाड़ा आया है