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MiMi Flix

"मोंटू, चुटकी और हुकु का बाढ़ से बचाव" - घने बादलों की गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश से जंगल में खतरा मंडराने लगा। बढ़ते जल स्तर ने जानवरों को

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Devanand Jadhav

#ganesha #ganpati Hinduism भक्ति सागर ॐ गजाननाय विद्महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो धन्ति प्रचोदयात्॥ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

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MiMi Flix

"मोंटू, चुटकी और हुकु का जादुई खेल" - जंगल के उस रहस्यमयी मैदान में एक सुनहरी घंटी लटकी हुई थी, जिसे बजाने से जादुई खेल की शुरुआत होती थी। म

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azad satyam

तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है जब

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तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है
हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है
दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है
जब बीते गुजरे हसीन लम्हों की याद आती है
उड़ने को उड़ सकता है ये दीवाना पंछी
पर तेरी कमी उन्मुक्त गगन को पिंजरे सा बताती है
आजाद होकर भी बंदिश में रहना है मुझको
महसूस कर मेरी धड़कन यही हर पल जताती है
तू था, तू है और तू रहेगा यही उम्मीद सुकून दे जाती है
हां मुझे हर पल तेरी याद सताती है

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

©azad satyam तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है
हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है
दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है
जब

Priyawant Markamji

wringtone bhakti wdesh bhakti geet wbhakti gana #MiracleOfGodKabir_In_1513 आज से 511 वर्ष पूर्व कपड़ा बुनकर आजीविका चलाने वाले समर्थ कबीर पर

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Vinod Mishra

"लक्ष्य में लगन हो;लगन में मगन हो,गगन मिल जाएगा." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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बेजुबान शायर shivkumar

" अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न

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"अस्तित्व"

सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं
घना और विशाल भी बनना पड़ता है।

एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए..
नदी नहीं मानी जाती है ।
नदीजब तक प्रवाह में उफ़ान न हो 
और जल में शीतलता नही आती ।

मनुष्य का सिर्फ मनुष्य होना भी काफ़ी नहीं है ।
सत्कार पाने के लिए ज़रूरी है ।
बाहों में बल, चेहरे पर चमक
उच्च कुल, श्रेष्ठ पदनही तो कम से कम पर्याप्त धन ।

नैसर्गिक मनुष्य द्वारा ही बनाए गए समाज में
सिर्फ़ एक नैसर्गिक मनुष्य होने का कोई अस्तित्व नहीं !

©बेजुबान शायर shivkumar " #अस्तित्व "

सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं
घना और विशाल भी बनना पड़ता है।

एक #वृक्ष  को #सम्मान  पाने के लिए..
नदी नहीं मानी जाती है ।
न
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