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Deepak Shah (Sw. Atmo Deep)
"दिल का लोबान" - एक नज़्म लोबान = एक सुगंधित गोंद धूप जो एक अफ्रीकी पेड़ से प्राप्त होता है और पूजा में धूप के रूप में जलाया जाता है। आतिश =
Sandeep Kothar
डिक्रिप्शन अवश्य पढ़ें और अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में लिखें। ©Sandeep Kothar वसुधैव कुटुंबकम् दोस्तों, अब तक का सबसे सफल शिखर सम्मेलन G20 रहा है, जहाँ सभी देशों ने 73 मुद्दों पर सहमति व्यक्त की और एक संयुक्त घोषणा (द
बाबा ब्राऊनबियर्ड
अक्सर आपने एसी तस्वीर कई युवाओं/छात्रों कि t-shirt पर देखी होगी पर शायद इसे आप ने महज एक penting मान लिया हो, 'अर्नेस्तो चे ग्वेरा' एक ऐसा नाम जो आज भी दुनिया के मजलूमों को हौसला देने के लिए काफी है ! दुनिया में बहोत से लोगों के लिए चे ग्वेरा आज भी प्रेरणास्रोत हैं, एक क्रांतिकारी के रूप में जो स्थान भगत सिंह का भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में है वही स्थान चे ग्वेरा का लैटिन अमेरिका सहित दुनिया के कई महादेशों में है। 14 जून 1928 को अर्जेंटीना में जन्मे चे ग्वेरा की बोलिविया में गिरफ्तारी के एक दिन बाद 9 अक्टूबर, 1967 को हत्या कर दी गई थी। चे ग्वेरा को जब मारा गया उनकी उम्र 39 साल थी। मरते वक्त चे ने हत्यारे बोलिवियाई सार्जेंट टेरान से कहा था- तुम एक इंसान को मार सकते हो, पर उसके विचारों को नहीं मार सकते। डॉक्टर से क्रांतिकारी बने चे ग्वेरा क्यूबा की क्रांति के नायक फिदेल कास्त्रो के सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक थे फिदेल और चे ने सिर्फ 100 गुरिल्ला लड़ाकों के साथ मिलकर अमेरिका समर्थित तानाशाह बतिस्ता के शासन को 1959 में उखाड़ फेंका था। #भले ही आपने चे को दिल्ली के पालिका बाजार से लेकर वॉल स्ट्रीट तक लोगों कि टी-शर्टों पर देखा हो पर आज भी चे ग्वेरा 'बाबा ब्राउन बियर्ड' सहित अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों के करोड़ों लोगों के दिलों पर बसता है। महान कम्युनिस्ट क्रांतिकारी योद्धा चे ग्वेरा के जन्मदिवस पर क्रांतिकारी लाल सलाम ..✊ ©बाबा ब्राऊनबियर्ड 'अर्नेस्तो चे ग्वेरा' एक ऐसा नाम जो आज भी दुनिया के मजलूमों को हौसला देने के लिए काफी है ! दुनिया में बहोत से लोगों के लिए चे ग्वेरा आज भी प
KP EDUCATION HD
KP GK EDUCATION HD video recording HD video recording HD video ©KP EDUCATION HD ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने कहा कि इस खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया फेवरेट है. रोहित शर्मा की टीम ने टूर्नामेंट में शानदार खे
OMG INDIA WORLD
गिद्ध क्या आपको उस चित्र की याद है? उस चित्र का नाम है- ‘गिद्ध और छोटी बच्ची’। इस चित्र में एक गिद्ध, भूखी बच्ची की मृत्यु का इंतजार कर रहा है। एक दक्षिण अफ्रीकी फोटो पत्रकार केविन कार्टर ने इसे मार्च 1993 के अकाल में सूडान में खींचा था। उस फिल्म के लिए उसे पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था। लेकिन इतना सम्मान प्राप्त करने के बाद भी कार्टर ने 33 वर्ष की उम्र में आत्महत्या कर ली थी। उस आत्महत्या का कारण क्या था? वास्तव में, जब वह सम्मान मिलने की खुशी मना रहा था, और उस पुरस्कार का समाचार अनेक टीवी समाचार चैनलों पर दिखाया जा रहा था, उसी समय किसी ने उससे एक टेलीफोन इंटरव्यू में पूछा कि अन्त में उस लड़की का क्या हुआ? कार्टर ने उत्तर दिया कि मैं कुछ कह नहीं सकता, क्योंकि मैं अपनी उड़ान पकड़ने की जल्दी में था। ‘वहाँ कितने गिद्ध थे?’ उसी आदमी ने पूछा। कार्टर ने कहा, ‘मैं समझता हूँ कि वहाँ एक ही था।’ टेलीफोन पर दूसरी ओर से बात कर रहे व्यक्ति ने कहा, ‘मैं कह रहा हूँ कि वहाँ उस समय दो गिद्ध थे, उनमें से एक के पास कैमरा था।’ इन शब्दों की सार्थकता समझते ही कार्टर बहुत दुःखी हो गया और उसके कुछ समय बाद उसने आत्महत्या कर ली। हमें हर स्थिति में मानवता का ध्यान रखना चाहिए। कार्टर आज भी जिन्दा होता, यदि उसने उस भूख से मरती हुई बच्ची को संयुक्त मिशन के भोजन केन्द्र तक पहुँचा दिया होता, जो वहाँ से केवल आधा मील दूर था, शायद वह बच्ची वहीं पहुँचने का प्रयास कर रही थी। आज फिर, अनेक गिद्ध हाथों में कैमरा लेकर पूरे देश से अपने घर लौट रहे हैं, जो केवल जलती हुई चिताओं के और ऑक्सीजन के अभाव में दम घुटने से मरने वाले लोगों के चित्र खींच रहे हें और उनको ऑनलाइन बेच रहे हैं। इन गिद्धों को मौतों की चिन्ता करने के बजाय उनके समाचार एकत्र करने की चिन्ता अधिक है, ताकि चैनलों की टीआरपी बढायी जा सके। वे जलती हुई चिताओं में ईंधन डालकर ब्रेकिंग न्यूज एकत्र करने में व्यस्त हैं। केविन कार्टर में स्वाभिमान था, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। लेकिन ये पत्रकार नामधारी गिद्ध गर्व के साथ ब्रेकिंग न्यूज बनाने में व्यस्त हैं। 🙏💥 ©OMG INDIA WORLD गिद्ध क्या आपको उस चित्र की याद है? उस चित्र का नाम है- ‘गिद्ध और छोटी बच्ची’। इस चित्र में एक गिद्ध, भूखी बच्ची की मृत्यु का इंतजार कर र
Divyanshu Pathak
21वीं सदी के इन 20 वर्षों में दुनिया के बाकी 142 देश शानदार प्रगति कर रहे हैं जिनमें - चीन ब्राजील रूस इंडोनेशिया तुर्की केन्या दक्षिण अफ्रीका के साथ हमारा भारत भी शामिल है । इस विकास की हमारे देश ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। आबादी की बेलगाम बढ़ोतरी और अनियंत्रित अनियोजित औद्योगिकीकरण ने कई शहरों को पर्यावरणीय नर्क बना डाला और तमाम नगर इसी राह पर चल रहे हैं। देश के 88 में से 75 जॉन बुरी तरह प्रदूषित हो चुके हैं और पवित्र नदियों का पानी नहाने लायक भी नहीं बचा है। 💕🙏#नमस्कार 💕🙏 : बढ़ती जनसंख्या के दबाव और अंधाधुंध तरीके से औद्योगिकीकरण व शहरीकरण की मार झेल रहे हमारे देश में इन समस्याओं से निपटने के नाम
Anamika Nautiyal
चीन की प्रगति और उसका भविष्य........ सोवियत संघ के पतन के बाद पेंटागन के एक उच्चाधिकारी ने कहा था कि अब हमारे स्तर का कोई शत्रु दुनिया मे न
Unconditiona L💓ve😉
🌠रंग भेद 🌠 सुनो!! तुम्हें मेरे साँवले रंग से एतराज़ है न...मीरा मेरे। तो तुम हर रोज उस साँवले कृष्ण की मंदिर जाकर ये पूजा-अर्चना करने की ढोंग बंद कर दो! "क्योंकि" जब तुम्हें उनके ही बनाये रंगों से ही "रंगभेद" हो! तो अपनी स्वार्थ की प्रेम रंगों में, तुम्हें निश्छल ह्रदय और सादगी का रंग कँहा नज़र आएगी। [ रंगभेद* : पूर्ण लेख अनुशीर्षक में पढ़े ] HELLO MYTHHII..DEAR FD❤❤🙏🙏... ✨️✨️How are all off u??✨️✨️I know u will be ☺️☺️💝💝🤗🤗👌👌 ________________🌺जय माँ गौरी 🌺______________________