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New मनाता हूं Quotes, Status, Photo, Video

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Shyarana Andaaz (अज्ञात)

फिराक में हूं।

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डॉ.अजय कुमार मिश्र

डरता हूं

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White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं,
जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं।

हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की,
आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं।
धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।।

 कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से ,
आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं।

कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार।
आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं

Ajay Tanwar Mehrana

#life_quotes मैं आजाद हूं

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White                 ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

©Ajay Tanwar Mehrana #life_quotes
 मैं आजाद हूं

Ajay Tanwar Mehrana

मैं आजाद हूं

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ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब
                ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब
                 मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ 
                 कोई कह तो दे कि मैं  बर्बाद  हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में 
                 मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं ,
                  कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा 
                तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं ।

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

                 ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने
                  ना समाज की रिवाजों के भरम ने ,
                 झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 
                'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं !

                 मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ 
                 असल मायने में तो मैं आजाद हूं ।

©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं

BS NEGI

व्यस्त हूं

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White स्वयं की खोज में हूँ, 
शांत एवं मौन मैं हूँ,
पथिक हूँ सत्यपथ का, 
मैं स्वयं में ही व्यस्त हूँ!

©BS NEGI व्यस्त हूं

Satish Kumar Meena

सोच रही हूं

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अकेले बैठ कहीं,
ऐसा सोच रही हूं। 
दुनियां की बदली तस्वीर,
नोंच रही हूं।।

मुझे लगा हालात,
वक्त आने पर सुधर जाएंगे।
अपने किरदार को,
एक उदाहरण से निभाएंगे।

मैं फिर से पुरानी तस्वीर,
खरोंच रही हूं।
दुनियां की बदली तस्वीर,
नोंच रही हूं।।

©Satish Kumar Meena सोच रही हूं

Ashok Verma "Hamdard"

जलता नहीं हूं

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White आदतें मुझमें भी बुरी हैं, मगर,
दिल में नफरत के शोले जलाता नहीं हूं।
जो भी मिला, भगवान का करम है,
दूसरों का देख कर ललचाता नहीं हूं।

मंज़िलें दूर सही, हौसले मेरे बुलंद हैं,
गिरता हूं, मगर उठकर संभल जाता हूं।
चमकती दुनिया पर नज़र डाल लेता हूं,
पर खुद को बेवजह बदलता नहीं हूं।

जिंदगी के सफर में सबक सीखे हैं,
अपने हिस्से की खुशी चुराता नहीं हूं।
दूसरों की राहें, उनकी मेहनत है,
किसी की तकदीर से जलता नहीं हूं।

जो मिला उसे शुक्रिया अदा करता हूं,
शिकायतों के पुलिंदा संभालता नहीं हूं।
सच की राह पर चलने की आदत है,
जूठे लिबास में कभी ढलता नहीं हूं।

©Ashok Verma "Hamdard" जलता नहीं हूं

chahat

मुस्करा देती हूं

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White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat मुस्करा देती हूं

Satish Kumar Meena

मैं कसम खाती हूं

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krishanpriya

वो तो मैं ज्यादा देर तक नाराज रहती नहीं शायद इसलिए कोई मुझे मनाता भी नहीं

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White I don't show my emotions
That's why people think I don't have feelings or that I can't be hurt. And they are constantly hurting me like hell. 
I don't stay angry for long, maybe that's why no one tries to convince me.

©krishanpriya वो तो मैं ज्यादा देर तक नाराज रहती नहीं 
शायद इसलिए कोई मुझे मनाता भी नहीं
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